Wednesday, March 29, 2023

gupta Navratri 30/3/2023

गुप्त नवरात्र : आषाढ़ और माघ माह के नवरात्रों को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। इसका ज्ञान बहुत ही सजग शक्ति उपासकों तक सीमित रहता है, इसीलिए इसे गुप्त नवरात्र कहा जाता है। गुप्त नवरात्र का माहात्म्य और साधना का विधान देवी भागवत व अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। गुप्त नवरात्र भी शारदीय और वासंतिक नवरात्रों की तरह फलदायी होते हैं। गुप्त नवरात्रों में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है।

 गुप्त नवरात्रों में दस महाविद्याओं की साधना कर ऋषि विश्वामित्र अद्भुत शक्तियों के स्वामी बने। उनकी सिद्धियों की प्रबलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक नई सृष्टि की रचना तक कर डाली। इसी तरह लंकापति रावण के पुत्र मेघनाद ने अतुलनीय शक्तियां प्राप्त करने के लिए गुप्त नवरात्रों में साधना की थी। गुरु शुक्राचार्य ने मेघनाद को परामर्श दिया था कि गुप्त नवरात्रों में अपनी कुलदेवी निकुम्बला की साधना करके वह अजेय बनाने वाली शक्तियों का स्वामी बन सकता है। गुप्त नवरात्रों का बड़ा ही महत्व बताया गया है। मानव के समस्त रोग-दोष व कष्टों के निवारण

 के लिए गुप्त नवरात्रों से बढ़कर कोई साधना काल नहीं है। श्री, वर्चस्व, आयु, आरोग्य और धन प्राप्ति

 के साथ ही शत्रु संहार के लिए गुप्त नवरात्र में अनेक प्रकार के अनुष्ठान व व्रत-उपवास के विधान शास्त्रों में मिलते हैं।



 स्त्रियों में अनासक्त ही 'बुद्धिमान्' है।


Gupta Navratras: The Navratras of the month of Ashadh and Magha are called Gupta Navratras. Its knowledge remains limited to very conscious Shakti worshippers, that is why it is called Gupta Navratri. The greatness of Gupta Navratri and the law of meditation is found in Devi Bhagwat and other religious texts. Gupta Navratras are also as fruitful as Sharadiya and Vasantik Navratras. Ten Mahavidyas are worshiped in Gupta Navratras.

 Sage Vishwamitra became the master of wonderful powers by doing ten Mahavidyas in Gupta Navratras. The strength of his achievements can be gauged from the fact that he even created a new universe. Similarly, Meghnad, the son of Lankapati Ravana, did spiritual practice during the Gupta Navratras to attain incomparable powers. Guru Shukracharya advised Meghnad that he could become the master of invincible powers by worshiping his Kuldevi Nikumbala during Gupta Navaratras. The great importance of Gupta Navratras has been told. Remedy for all human diseases and sufferings

 There is no sadhna period better than Gupta Navratras. Shri, supremacy, age, health and wealth

 Along with this, many types of rituals and rules of fasting are found in the scriptures in Gupta Navratri for the destruction of enemies.



 The one who is not attached to women is 'intelligent'.

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