समस्त सुख-दुख ग्रहों के अधीन
इस संसार में प्राणियों के समस्त सुख-दुख ग्रहों के अधीन है।इस संसार में प्राणियों के समस्त सुख दुःख ग्रहों के अधीन हैं। कर्म फल देने वाले ग्रह रूप अवतार मुख्य हैं, इनमें सूर्य से राम, चन्द्रमा से कृष्ण, मंगल से नरसिंह, बुध से बुद्ध, गुरु से वामन, शुक्र से परशुराम, शनि से कर्म, राहू से वराह और केतु से मत्स्य अवतार हुए हैं। यहाँ के अल्पांश से ही मनुष्यादि प्राणियों की उत्पत्ति हुई। आकाश में जितने तारे दिखते हैं उनमें से कुछ को नक्षत्र और कुछ की यह कहते हैं और 12 राशियों हैं। ग्रह जब नक्षत्रों में घूमते हुए 12 राशियों को पार करते हैं तो उनके गुणों का प्रभाव समस्त सृष्टि पर पड़ता है, जिससे मानव जीवन भी प्रभावित होता है। इन ग्रहों के विपरीत होने पर जीवन को किसी भी अवस्था में कोई संकट आना संभव है। जिस प्रकार शारीरिक निरीक्षण के लिए डाक्टरी परामर्श आवश्यक है उसी प्रकार जन्मांक (कुण्डली) का निरीक्षण भी अत्यन्त आवश्यक है ताकि हमारी जीवन रूपी यात्रा सही ढंग से चले और अंत में सुखद मृत्यु को प्राप्त हो सकें।
प्रभुभक्ति ही 'कर्तव्य' है।
All the happiness and sorrow of the living beings in this world are under the control of the planets. All the happiness and sorrow of the living beings in this world are under the control of the planets. Planetary incarnations are the main ones which give fruits of action, among them Rama from Sun, Krishna from Moon, Narasimha from Mars, Buddha from Mercury, Vamana from Guru, Parshuram from Shukra, Karma from Shani, Varaha from Rahu and Matsya from Ketu. Human beings originated from this minority only. Some of the stars seen in the sky are called constellations and some are called this and there are 12 zodiac signs. When the planets cross the 12 zodiac signs while roaming in the constellations, their qualities affect the entire creation, due to which human life is also affected. When these planets are opposite, it is possible to face any crisis in life at any stage. Just as medical consultation is necessary for physical examination, in the same way, inspection of birth number (horoscope) is also very important so that our journey of life goes smoothly and we can get a happy death in the end.
Devotion to God is the 'duty'.
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