मन मस्त फकीरी धारी है, अब एक ही धुन जय जय भारत
जय जय भारत.....
हम धन्य हैं इस जग जननी की, सेवा का अवसर है पाया
इसकी माटी वायु जल से, दुर्लभ जीवन है विकसाया
यह पुष्प इसी के चरणों में,
यह पुष्प इसी के चरणों में, माँ प्राणों से भी प्यारी है। मन मस्त....
सुन्दर सपने नव आकर्षण, सब छोड़ चले मुख मोड़ चले
वैभव महलों का क्या करना, सोते सुख से आकाश तले
साधन की ओर न ताकेंगे,
साधन की ओर न ताकेंगे, काँटों की राह हमारी है ।
मन मस्त फकीरी धारी है, मन मस्त फकीरी धारी है ॥
सच्चा वीर बना दे माँ, सच्चा वीर बना दे माँ
सच्चा वीर बना दे माँ, सच्चा वीर बना दे माँ॥
ध्रुव जैसी मुझे भक्ति दे दे, अर्जुन जैसी शक्ति दे दे
गीता ज्ञान सुना दे माँ, सच्चा वीर बना दे माँ
सच्चा वीर बना दे माँ, सच्चा वीर बना दे माँ॥
वीर हकीकत मैं बन जाऊँ, धर्म पे अपना शीश कटाऊँ
ऐसी लगन लगा दे माँ, सच्चा वीर बना दे माँ।
सच्चा वीर बना दे माँ, सच्चा वीर बना दे माँ॥
गुरु गोबिन्द सा त्यागी बना दे, वीर शिवा सी आग लगा दे
जीवन देश पे हो बलि माँ, सच्चा वीर बना दे माँ
सच्चा वीर बना दे माँ, सच्चा वीर बना दे माँ॥
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