⛅ *दिनांक - 05 मई 2022*
⛅ *दिन - *गुरुवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म ऋतु*
⛅ *मास - वैशाख*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - चतुर्थी सुबह 10:00 तक तत्पश्चात पंचमी*
⛅ *नक्षत्र - मृगशिरा सुबह 06:17 तक आर्द्रा*
⛅ *योग - सुकर्मा शाम 06:07 तक तत्पश्चात धृति*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 02:13 से शाम 03:50 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:7*
⛅ *सूर्यास्त - 19:03*
⛅ *दिशाशूल दक्षिण दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *धन और स्वास्थ्य की कमी दूर करने के लिए* 🌷
🙏🏻 *जिन लोगों के घर में धन और स्वास्थ्य सम्बन्धी कमी का एहसास नित्य होता है, पैसों की भी कमी रहती है और स्वास्थ्य में भी कभी कोई बीमार तो कभी कोई बीमार रहता हो उनके लिए पद्म पुराण में बताया है- वैशाख मास का एक प्रयोग | वैशाख मास की बहुत महिमा बताई है | वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को पद्म पुराण में उसको शर्करा सप्तमी कहा गया है और वो शर्करा सप्तमी 08 मई 2022 रविवार को है । उस दिन पानी में सफ़ेद तिल मिलाकर भगवन्नाम सुमिरन करते हुए स्नान करें | फिर सूर्य भगवान की ओर मुख करके सूर्यदेव और माँ गायत्री को प्रणाम करें | सूर्य भगवान को इन मंत्रों से प्रणाम करें-*
🌷 *ॐ नम: सवित्रे | ॐ नम: सवित्रे | ॐ नम: सवित्रे |*
*विश्व देव मयो यस्मात वेदवादी ति पठ्यसे |*
*त्वमेवा मृतसर्वस्व मत: पाहि सनातन ||*
🌞 *ये मंत्र बोलकर सूर्यनारायण को व अन्य देवों को मन ही मन प्रणाम करें | अर्घ्य तो देते ही हैं | सूर्य भगवान को जो अर्घ्य ना दें वो आदमी हिंदू कहलाने के लायक नहीं है |*
➡ *ये कर लिया 08 मई 2022 रविवार को फिर दूसरे दिन 09 मई 2022 सोमवार को हो सके तो अपने हाथों से दूध चावल की खीर बनाकर उसमें थोड़ा घी डालकर.. थोड़ा-सा भले ज्यादा ना डाल सके एक चम्मच डाल दें और किसी को .. १-२ व्यक्तियों को खिला दें | कोई ब्राह्मण हो, कोई साधू-महात्मा हो | खीर के साथ थोड़ा रोटी सब्जी दे दें किसी १ व्यक्ति को भी ।*
🙏🏻 *अगर ब्राह्मण न मिले, कोई साधू ना मिले तो छोटी बच्चियों को खिला दें | कन्या को खिला दो तो भी अच्छा है | ऐसा करने से ऐश्वर्य और आरोग्य दोनों की वृद्धि होती है |*
🙏🏻 *वैशाख शुक्ल सप्तमी को ही सुख और आरोग्य की वृद्धि के लिए पद्म पुराण में इस सप्तमी को 'कमल सप्तमी' भी कहा गया है | हो सके तो उस दिन १ कमल का फूल मिल जाये तो लोटे में जल भरा और कमल का पुष्प लोटे में डाल दिया और सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया | कमल ना मिले तो कमल की जगह अक्षत भी डाल सकते हैं | कुम - कुम वाले अक्षत कर लिए और लोटे में डाल दिए क्योंकि वैदिक कर्मकांड में जो भी वस्तु उपलब्ध ना हो उस स्थान पर अक्षत लेने का विधान है | ये अपने देश के ग्रंथो की बड़ी दया है हम पर | ग्रंथो के रचयिता भगवान वेदव्यासजी की भी बड़ी कृपा है हम पर | इस तीर्थ धाम में हम भगवान वेदव्यासजी को भी बार-बार प्रणाम करते हैं | तो कमल ना मिला तो चावल तो सबके घर में होते ही है | कुम -कुम वाले चावल लोटे में डाल दिए और सूर्य भगवान को जल देते समय ये मंत्र बोलेंगे, साथ में सब बोलना -*
🌷 *नमस्ते पद्म हस्ताय नमस्ते विश्व धारणे ||*
*दिवाकर नमस्तुभ्यम प्रभाकर नमोस्तुते ||*
➡ *वैशाख शुक्ल सप्तमी का खूब-खूब फायदा उठाइये और उस दिन जप भी खूब करिये गुरु मंत्र का |*
🙏🏻 *भविष्योत्तर पुराण में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को 'निम्ब सप्तमी' भी कहते हैं | उस दिन सूर्य देव को प्रणाम करके नीम् के पत्ते भी खाएं तो रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है | जिनके शरीर में बीमारियाँ रहती हो पेट की, सिर दर्द की कोई भी तकलीफ रहती हो और वो कमबख्त मिट नहीं रही है, बड़ा परेशान कर रही है वो तकलीफ तो आप नीम के पत्ते वैशाख शुक्ल सप्तमी को सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर प्रणाम करके फिर ये मंत्र बोलते हुए नीम के पत्ते खाएं । ये मंत्र बोलकर नीम के पत्ते खाने से आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है हम दृढता से करें -*
👉🏻 *आजकल लोग अंग्रेजी बडबड करते हैं पर देव भाषा संस्कृत है | वो घर में बोली जानी चाहिए थी पर अब संस्कृत में आप और हम नहीं बोल सकते तो कम से कम ये संस्कृत के वैदिक-पौराणिक मंत्र बोलते हुए ये नियम करें तो घर में भी सुख-शांति बढती है |*
🌷 *निम्ब पल्लव भद्रनते सुभद्रं तेस्तुवई सदा |*
*ममापि कुरु भद्रं वै त्राशनाद रोगा: भव ||*
🌿 *ये बोलकर नीम के पत्ते खा लेना | कोमल-कोमल धो कर खाना और उस दिन हो सके तो रात को पलंग पर नहीं धरती पर बिस्तर बिछाकर कम्बल आदि बिछाकर उस पर आराम करना| जिनको कोई भी रोग है वो यह करें |*
🙏🏻 🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
~ * Today's Hindu Panchang * ~
*Date - 05 May 2022*
*day - *thursday*
*Vikram Samvat - 2079 (Gujarat-2078)*
*Shaka Samvat-1944*
*Ayan - Uttarayan*
*season - summer season*
* month - Vaishakh *
*Paksha - Shukla*
*Tithi - Chaturthi till 10:00 am, then Panchami*
* Constellation - Mrigashira Ardra till 06:17 in the morning*
*Yoga - Sukarma till 06:07 after that Dhriti*
*Rahukal - 02:13 pm to 03:50 pm*
*sunrise - 06:7*
*sunset - 19:03*
*dishashul in south direction*
* Vrat festival details -
* Special - Eating radish on Chaturthi destroys wealth. (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34)*
* to remove the lack of wealth and health *
🙏🏻 * For those people who have a constant feeling of lack of money and health in their house, there is also a shortage of money and sometimes someone is sick in health and sometimes someone is sick, for them it has been told in Padma Purana – one of the month of Vaishakh. experiment | Much glory has been told about the month of Vaishakh. The Saptami of Shukla Paksha of Vaishakh month is called Sugar Saptami in Padma Purana and that Sugar Saptami is on Sunday 08 May 2022. On that day, mix white sesame in water and take bath while doing Lord's name. Then face the Sun God and bow to Suryadev and Mother Gayatri. Salute the Sun God with these mantras-*
*ॐ Namah: Savitre | Om Namah: Savitre | Om Namah Savitre|*
*Vishva Dev Mayo Yasmat Vedvadi Ti Pathyase |*
*Twameva mritsarva svat: pahi sanatan ||*
* by uttering this mantra, salute Suryanarayana and other gods in your heart. Arghya is given A person who does not offer Arghya to the Sun God is not fit to be called a Hindu.
* done this 08 May 2022 on Sunday and then the next day on 09 May 2022, if possible, make milk rice pudding with your hands and add some ghee to it.. .. feed 1-2 persons. Some may be a Brahmin, some may be a sage-Mahatma. Give some bread and vegetables with kheer to any one person.*
🙏🏻 * If Brahmin is not found, if no monk is found, then feed the little girls. It is good even if you feed the girl. By doing this, both wealth and health increase.
🙏🏻 * This Saptami is also called 'Lotus Saptami' in Padma Purana for the increase of happiness and health on Vaishakh Shukla Saptami. If possible, if one lotus flower is found on that day, then fill the lotus with water and put the lotus flower in the lotus and offer Arghya to the Sun God. If lotus is not available then you can put Akshat instead of lotus. The people of Kum-Kum took the Akshat and put it in the lotus because in Vedic rituals there is a law to take Akshat at that place whichever is not available. This is the great mercy of the books of our country on us. Lord Ved Vyasji, the author of the texts, also has a great blessing on us. In this pilgrimage place, we also worship Lord Vedavyasji again and again. So if lotus is not found then rice is always there in everyone's house. Put the rice with kum-kum in the pot and while giving water to the Sun God, you will say this mantra, saying everything together -*
*namaste padma hastay namaste world dharane ||*
*Divakar Namastubhayam Prabhakar Namostute ||*
*Take great advantage of Vaishakh Shukla Saptami and chant the Guru Mantra a lot on that day too.
In the Bhavishyottara Purana, the seventh day of Shukla Paksha of Vaishakh month is also called 'Nimba Saptami'. On that day after worshiping the Sun God and eating neem leaves, then one gets freedom from diseases. Those who have diseases in their body, there is any problem of stomach, headache and that fucking is not going away, that problem is troubling you a lot, then by offering arghya to the Sun God on Vaishakh Shukla Saptami, neem leaves. Eat neem leaves while chanting the mantra. By chanting this mantra, eating neem leaves can lead to health, we should do it firmly.
* nowadays people babble in English but the language of God is Sanskrit. It should have been spoken in the house, but now you and I cannot speak in Sanskrit, then at least if you do these rules while speaking the Vedic-mythological mantras of Sanskrit, then happiness and peace increases in the house too.
*Nimba Pallava Bhadranate Subhadram Testuvai Sada|*
* Mamapi Kuru Bhadram Vai Trashnaad Roga: Bhava ||*
* say this and eat neem leaves. Eat after washing soft and soft and if possible on that day, then at night lay the bed on the earth and rest on it by laying blankets etc. Those who have any disease, do this.
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