Friday, May 6, 2022

6/5/2022 panchang

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक - 06 मई 2022*
⛅ *दिन - शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म ऋतु* 
⛅ *मास - वैशाख*
⛅ *पक्ष - शुक्ल* 
⛅ *तिथि - पंचमी दोपहर 12:32 तक तत्पश्चात षष्ठी*
⛅ *नक्षत्र - आर्द्रा सुबह 09:20 तक पुनर्वसु*
⛅ *योग - धृति शाम 07:07 तक तत्पश्चात शूल*
⛅  *राहुकाल -  सुबह 10:58 से दोपहर 12:35 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:6*
⛅ *सूर्यास्त - 19:04*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - श्रीमद् आद्य शंकराचार्य जयंती, श्री रामानुजाचार्य जयंती, सोमनाथ प्रतिष्ठा दिवस (सौराष्ट्र)*
💥 *विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *पुष्य नक्षत्र योग* 🌷
➡ *08 मई 2022 रविवार को सूर्योदय से दोपहर 02:58 तक रविपुष्यमृत योग है ।*
🙏🏻 *१०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –*
*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |...... ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नमः
🌷 *मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि* 
➡️ *08 मई 2022 रविवार को सूर्योदय से शाम 05:01 तक रविवारी सप्तमी है ।*
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।*
🌷 *इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है।*
🙏🏻 *(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याया (10)*
🌷 *गंगा जयंती महत्व* 🌷
➡ *08 मई 2022 रविवार को श्री गंगा सप्तमी (गंगा जयंती) है ।*
🙏🏻 *गंगा जयंती हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है | वैशाख शुक्ल सप्तमी के पावन दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई इस कारण इस पवित्र तिथि को गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है |*
🙏🏻 *गंगा जयंती के शुभ अवसर पर गंगा जी में स्नान करने से सात्त्विकता और पुण्यलाभ प्राप्त होता है | वैशाख शुक्ल सप्तमी का दिन संपूर्ण भारत में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया जाता है यह तिथि पवित्र नदी गंगा के पृथ्वी पर आने का पर्व है गंगा जयंती | स्कन्दपुराण, वाल्मीकि रामायण आदि ग्रंथों में गंगा जन्म की कथा वर्णित है |*
🙏🏻 *भारत की अनेक धार्मिक अवधारणाओं में गंगा नदी को देवी के रूप में दर्शाया गया है | अनेक पवित्र तीर्थस्थल गंगा नदी के किनारे पर बसे हुये हैं | गंगा नदी को भारत की पवित्र नदियों में सबसे पवित्र नदी के रूप में पूजा जाता है | मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है | लोग गंगा के किनारे ही प्राण विसर्जन या अंतिम संस्कार की इच्छा रखते हैं तथा मृत्यु पश्चात गंगा में अपनी राख विसर्जित करना मोक्ष प्राप्ति के लिये आवश्यक समझते हैं | लोग गंगा घाटों पर पूजा अर्चना करते हैं और ध्यान लगाते हैं |*
🙏🏻 *गंगाजल को पवित्र समझा जाता है तथा समस्त संस्कारों में उसका होना आवश्यक माना गया है | गंगाजल को अमृत समान माना गया है | अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा से सीधा संबंध है मकर संक्राति, कुंभ और गंगा दशहरा के समय गंगा में स्नान, दान एवं दर्शन करना महत्त्वपूर्ण समझा माना गया है | गंगा पर अनेक प्रसिद्ध मेलों का आयोजन किया जाता है | गंगा तीर्थ स्थल सम्पूर्ण भारत में सांस्कृतिक एकता स्थापित करता है गंगा जी के अनेक भक्ति ग्रंथ लिखे गए हैं जिनमें श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम एवं गंगा आरती बहुत लोकप्रिय हैं |*
🌷 *गंगा जन्म कथा* 🌷
🙏🏻 *गंगा नदी हिंदुओं की आस्था का केंद्र है और अनेक धर्म ग्रंथों में गंगा के महत्व का वर्णन प्राप्त होता है | गंगा नदी के साथ अनेक पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं जो गंगा जी के संपूर्ण अर्थ को परिभाषित करने में सहायक है | इसमें एक कथा अनुसार गंगा का जन्म भगवान विष्णु के पैर के पसीनों की बूँदों से हुआ गंगा के जन्म की कथाओं में अतिरिक्त अन्य कथाएँ भी हैं | जिसके अनुसार गंगा का जन्म ब्रह्मदेव के कमंडल से हुआ |*
🙏🏻 *एक मान्यता है कि वामन रूप में राक्षस बलि से संसार को मुक्त कराने के बाद ब्रह्मदेव ने भगवान विष्णु के चरण धोए और इस जल को अपने कमंडल में भर लिया और एक अन्य कथा अनुसार जब भगवान शिव ने नारद मुनि, ब्रह्मदेव तथा भगवान विष्णु के समक्ष गाना गाया तो इस संगीत के प्रभाव से भगवान विष्णु का पसीना बहकर निकलने लगा जिसे ब्रह्मा जी ने उसे अपने कमंडल में भर लिया और इसी कमंडल के जल से गंगा का जन्म हुआ था |*
🌷 *गंगा जयंती महत्व* 🌷
🙏🏻 *शास्त्रों के अनुसार बैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ही गंगा स्वर्ग लोक से शिव शंकर की जटाओं में पहुंची थी इसलिए इस दिन को गंगा जयंती और गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है | जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई वह दिन गंगा जयंती (वैशाख शुक्ल सप्तमी) और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन ‘गंगा दशहरा’ (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) के नाम से जाना जाता है इस दिन मां गंगा का पूजन किया जाता है | गंगा जयंती के दिन गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का क्षय होता है| मान्यता है कि इस दिन गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है| विधिविधान से गंगा पूजन करना अमोघ फलदायक होता है |*
🙏🏻 *पुराणों के अनुसार गंगा विष्णु के अँगूठे से निकली हैं, जिसका पृथ्वी पर अवतरण भगीरथ के प्रयास से कपिल मुनि के शाप द्वारा भस्मीकृत हुए राजा सगर के 60,000 पुत्रों की अस्थियों का उद्धार करने के लिए हुआ था तब उनके उद्धार के लिए राजा सगर के वंशज भगीरथ ने घोर तपस्या कर माता गंगा को प्रसन्न किया और धरती पर लेकर आए । गंगा के स्पर्श से ही सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार संभव हो सका इसी कारण गंगा का दूसरा नाम भागीरथी पड़ा |*
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~ * Today's Hindu Panchang * ~
 *Date - 06 May 2022*
 *Day - Friday*
 *Vikram Samvat - 2079 (Gujarat-2078)*
 *Shaka Samvat-1944*
 *Ayan - Uttarayan*
 *season - summer season*
 * month - Vaishakh *
 *Paksha - Shukla*
 * Tithi - Panchami till 12:32 after that Shashthi *
 *Constellation - Ardra renaissance till 09:20 in the morning*
 *Yoga - Dhriti till 07:07 in the evening after that shool*
 *Rahukaal - 10:58 am to 12:35 pm*
 *sunrise - 06:6*
 *sunset - 19:04*
 *Dishashul - in the west direction*
 * Vrat festival details - Shrimad Adi Shankaracharya Jayanti, Shri Ramanujacharya Jayanti, Somnath Pratishtha Diwas (Saurashtra)*
 * Special - Eating vine on Panchami causes stigma. (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34)*
 *Pushya Nakshatra Yoga*
 * 08 May 2022, from sunrise to 02:58 on Sunday, there is Ravi Pushyamrit Yoga.*
 🙏🏻 * One who chants Gurumantra with a garland of 108 pearls, with reverence, the deities of 27 constellations are happy on him and the main of the constellations is Pushya Nakshatra, and the lord of Pushya Nakshatra is Devguru Brihaspati. Pushya Nakshatra is the giver of prosperity, enhancer of wealth. Jupiter should be worshiped on that day. If we have not seen Jupiter, then after seeing the Sadguru, worship him and say this mantra in the mind -*
 *ॐ Aim Clean Brahaspatiye Namah: |......
 *Special date for chanting mantra and auspicious resolution*
 ️ * 08 May 2022 from sunrise to 05:01 on Sunday is Sunday Saptami.*
 🙏🏻 * Somvati Amavasya, Sunday Saptami, Mangalwari Chaturthi, Budhwari Ashtami – these four dates are said to be equal to solar eclipse.
 * chanting-meditation, bathing, charity and Shradh done in these are renewable.*
 🙏🏻 *(Shiva Purana, Vidyeshwara Samhita: Adhyay (10)*
 *Ganga Jayanti Significance*
 * 08 May 2022 is on Sunday Shri Ganga Saptami (Ganga Jayanti).*
 🙏🏻 * Ganga Jayanti is a major festival of Hindus. Ganga ji originated on the holy day of Vaishakh Shukla Saptami, hence this holy date is celebrated as Ganga Jayanti.
 On the auspicious occasion of Ganga Jayanti, bathing in Ganga ji gives sattvikta and virtuous benefits. The day of Vaishakh Shukla Saptami is celebrated with reverence and enthusiasm all over India, this date is the festival of the coming of the holy river Ganga on the earth, Ganga Jayanti. The story of the birth of Ganga is described in texts like Skanda Purana, Valmiki Ramayana etc.
 In many religious concepts of India, the river Ganges is depicted as a goddess. Many holy places of pilgrimage are situated on the banks of river Ganges. The Ganges River is worshiped as the holiest river among the holy rivers of India. It is believed that bathing in the Ganges destroys all the sins of a human being. People wish to immersion their life or perform the last rites on the banks of the Ganges and after death, they consider it necessary to immerse their ashes in the Ganges to attain salvation. People offer prayers and meditate at the Ganges Ghats.
 🙏🏻 * Gangajal is considered holy and it is considered necessary to have it in all the rituals. Gangajal is considered like nectar. Many festivals and festivals have a direct relation with the Ganges, it is considered important to bathe, donate and visit the Ganges during Makar Sankranti, Kumbh and Ganga Dussehra. Many famous fairs are organized on the Ganges. Ganga pilgrimage site establishes cultural unity in the whole of India, many devotional texts of Ganga ji have been written in which Sri Ganga Sahasranamastotram and Ganga Aarti are very popular.
 *Ganga birth story*
 🙏🏻 * River Ganges is the center of faith of Hindus and description of the importance of Ganga is found in many religious texts. There are many mythological stories associated with the river Ganges, which is helpful in defining the complete meaning of Ganga ji. According to a story, Ganga was born from the sweat droplets of Lord Vishnu's feet. According to which Ganga was born from the kamandal of Brahmadev.
 🙏🏻 * There is a belief that after liberating the world from the demon sacrifice in the form of Vamana, Brahmadev washed the feet of Lord Vishnu and filled this water in his kamandal and according to another story when Lord Shiva killed Narada Muni, Brahmadev and Lord When he sang a song in front of Vishnu, due to the influence of this music, the sweat of Lord Vishnu started flowing, which Brahma ji filled it in his kamandal and Ganga was born from the water of this kamandal.
 *Ganga Jayanti Significance*
 🙏🏻 * According to the scriptures, on the seventh day of the Shukla Paksha of Baisakh month, the Ganges had reached the hair of Shiva Shankar from the heavenly world, hence this day is celebrated as Ganga Jayanti and Ganga Saptami. The day Ganga ji originated, the day Ganga Jayanti (Vaishakh Shukla Saptami) and the day Gangaji descended on the earth is known as 'Ganga Dussehra' (Jyestha Shukla Dashami) on this day Mother Ganga is worshipped. | On the day of Ganga Jayanti, by worshiping and bathing in the Ganges, Riddhi-siddhi, fame and respect are attained and all sins are expunged. It is believed that worshiping Ganga on this day gives special benefits to the people suffering from Manglik Dosha. Worshiping the Ganges by law is extremely fruitful.
 🙏🏻 *According to the Puranas, the Ganges originated from the thumb of Vishnu, which descended on earth to save the ashes of 60,000 sons of King Sagara, who were incinerated by the curse of Kapil Muni by the efforts of Bhagiratha, then King Sagara for their salvation. The descendant of Bhagirath pleased Mother Ganga by doing severe penance and brought her to earth. The salvation of 60 thousand sons of Sagar became possible only by the touch of the Ganges, that is why the other name of Ganga was Bhagirathi.
 

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