Tuesday, May 17, 2022

17/5/2022 Panchang

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक - 17 मई 2022*
⛅ *दिन - मंगलवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म ऋतु* 
⛅ *मास - ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार - वैशाख)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण* 
⛅ *तिथि - प्रतिपदा सुबह 06:25 तक तत्पश्चात द्वितीया*
⛅ *नक्षत्र - अनुराधा सुबह 10:46 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
⛅ *योग - शिव रात्रि 10:38 तक तत्पश्चात सिद्ध*
⛅  *राहुकाल - शाम 03:53 से शाम 05:32 तक* 
⛅ *सूर्योदय - 06:01*
⛅ *सूर्यास्त - 19:09*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - देवर्षि नारदजी जयंती, द्वितीया क्षय तिथि*
💥 *विशेष -  प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है एवं द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *सौभाग्य-रक्षा और सुख-शांति व समृद्धि बढ़ाने हेतु* 🌷
👩🏻 *माताएँ-बहनें रोज स्नान के बाद पार्वती माता का स्मरण करते-करते उत्तर दिशा की ओर मुख करके तिलक करें और पार्वती माता को इस मंत्र से वंदन करें :*
🌷 *“ॐ ह्रीं गौर्यै नम: |”*
👩🏻 *इससे माताओं –बहनों के सौभाग्य की रक्षा होगी तथा घर में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ेगी |*
🌷 *ज्येष्ठ मास* 🌷
➡️ *इस वर्ष 17 मई 2022 (उत्तर भारत हिन्दू पंचांग के अनुसार) से ज्येष्ठ का आरम्भ हो रहा है (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार 31 मई 2022 से ज्येष्ठ मास प्रारंभ होगा ।*
🙏🏻 *महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 106 के अनुसार “ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।।” जो एक समय ही भोजन करके ज्येष्ठ मास को बिताता है वह स्त्री हो या पुरुष, अनुपम श्रेष्ठ एश्‍वर्य को प्राप्त होता है।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार ज्येष्ठ में तिल का दान बलवर्धक और मृत्युनिवारक होता है।*
🙏🏻 *ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन मूल नक्षत्र होने पर मथुरा में स्नान करके विधिवत् व्रत-उपवास करके भगवान कृष्ण की पूजा उपासना करते हुए श्री नारद पुराण का श्रवण करें तो भक्ति जन्म-जन्मान्तरों के पाप से मुक्त हो जाता है। माया के जाल से मुक्त होकर निरंजन हो जाता है। भगवान् विष्णु के चरणों में वृत्ति रखने वाला संसार के प्रति अनासक्त होकर फलस्वरूप जीव मुक्ति को प्राप्त करता हुआ वैकुंठ वासी हो जाता है।*
🙏🏻 *धर्मसिन्धु के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को तिलों के दान से अश्वमेध यज्ञ का फल होता है।*
🙏🏻 *ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी का व्रत किया जाता है।*
🙏🏻 *ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है।  शास्त्रों के अनुसार शनि देव जी का जन्म ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रात के समय हुआ था।*
🙏🏻 *ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा दशहरा का पवित्र त्यौहार मनाया जाता है।*
🙏🏻 *ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है।*
🙏🏻 *महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 109 के अनुसार ज्येष्ठ मास की द्वादशी तिथि को दिन-रात उपवास करके जो भगवान त्रिविक्रम की पूजा करता है, वह गोमेध यज्ञ का फल पाता और अप्सराओं के साथ आनन्द भोगता है ।*
🌷 *विष्णुपुराण के अनुसार*
*यमुनासलिले स्त्रातः पुरुषो* *मुनिसत्तम!*
*ज्येष्ठामूलेऽमले पक्षे द्रादश्यामुपवासकृत् ।। ६-८-३३ ।।*
*तमभ्यर्च्च्याच्युतं संम्यङू मथुरायां समाहितः ।*
*अश्वमेधस्य यज्ञस्य प्राप्तोत्यविकलं फलम् ।। ६-८-३४ ।।*
🙏🏻 *ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की द्वादशी को मथुरापुरी में उपवास करते हुए यमुना स्नान करके समाहितचित से श्रीअच्युत का भलीप्रकार पूजन करने से मनुष्य को अश्वमेध-यज्ञ का सम्पूर्ण फल मिलता है।*
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻

~ * Today's Hindu Panchang * ~
 *Date - 17 May 2022*
 *Day - Tuesday*
 *Vikram Samvat - 2079 (Gujarat-2078)*
 *Shaka Samvat-1944*
 *Ayan - Uttarayan*
 *season - summer season*
 * month - Jyeshtha (according to Gujarat and Maharashtra - Vaishakh) *
 *Paksha - Krishna*
 * Tithi - Pratipada till 06:25 in the morning after that Dwitiya *
 * Nakshatra - Anuradha till 10:46 in the morning after that the eldest*
 *Yoga-Shiva night till 10:38 then Siddha*
 *Rahukal - from 03:53 in the evening to 05:32 in the evening*
 *sunrise - 06:01*
 *sunset - 19:09*
 *Dishashul - in the north direction*
 * Vrat festival details - Devarshi Naradji Jayanti, Dwitiya decay date *
 * Special - Do not eat Kushmand (Kumhda, Petha) on Pratipada, because it is the destroyer of wealth and eating Brihati (small brinjal or Katehri) on Dwitiya is prohibited. (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34)*
 * for good luck - protection and happiness - peace and prosperity *
 * Mothers and sisters, after bathing every day, while remembering Mother Parvati, do tilak facing north and worship Goddess Parvati with this mantra:*
 *" |"*
 * by this the good fortune of mothers and sisters will be protected and happiness, peace and prosperity will increase in the house.
 * eldest month *
 ️ * This year Jyeshtha is starting from 17th May 2022 (according to North India Hindu calendar) (Jyestha month will start from 31st May 2022 according to Gujarat and Maharashtra).*
 🙏🏻 *According to Mahabharata Discipline Parv Chapter 106, “Jyesthamoolantu yo maasmekabhakten summaries. Aishwaryamatulam shreshtam pumanstri va prapadyate. One who spends the month of Jyeshtha after eating only one meal, be it a man or a woman, attains to the unparalleled opulence.
 🙏🏻 *According to Shivpuran, the donation of sesame in the eldest is powerful and preventive of death.*
 🙏🏻 * On the full moon day of Jyeshtha month, after taking a bath in Mathura, worshiping Lord Krishna and worshiping Lord Krishna, listening to Shri Narad Purana, then devotion becomes free from the sins of many births. Freed from the trap of Maya, he becomes Niranjan. The one who has attitude at the feet of Lord Vishnu becomes detached from the world and consequently the soul attains liberation and becomes a resident of Vaikuntha.
 🙏🏻 *According to Dharmasindhu, the donation of sesame seeds on Jyeshtha Shukla Purnima results in the Ashwamedha Yagya.*
 🙏🏻 * Apara Ekadashi fast is observed on the Ekadashi date of Krishna Paksha of Jyeshtha month.
 🙏🏻 * Shani Jayanti is celebrated on the eldest Krishna Amavasya. According to the scriptures, Shani Dev ji was born on the new moon night of Krishna Paksha of Jyeshtha month.
 The holy festival of Ganga Dussehra is celebrated on Jyeshtha Shukla Dashami.
 🙏🏻 *Nirjala Ekadashi fast is observed on the Ekadashi date of Shukla Paksha of Jyeshtha month.*
 🙏🏻 *According to Mahabharata Discipline Parv Chapter 109, one who worships Lord Trivikram by fasting day and night on the Dwadashi date of Jyeshtha month, he gets the fruit of Gomedha Yagya and enjoys with Apsaras.*
 *According to Vishnupuran*
 *Yamunasalile women: * *Munisattam!*
 * Jyeshthamoole-Male Pakse Dradashyamupavasakrit. 6-8-33 ..*
 *Tambhyarchyachyutam sammyyu mathuras included:*
 *Ashwamedhasya yagyasya attaintotyavikalam fruit. 6-8-34 ..*
 🙏🏻 * by fasting in Mathurapuri on the Dwadashi of Shukla Paksha of Jyeshtha month, after bathing in Yamuna and worshiping Sri Achyut thoroughly with the amalgamated mind, one gets the full fruit of the Ashwamedha-yajna.
 

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