Msg-365
Date- 31 May 2020
हनुमान परिवार
प्रिय एकल परिवार
एकल प्रणाम
कल तीन घटनाएँ घटी।
1- सरकार ने लाक डाउन में बहुत छूट दे दी।
2- मोदी जी का सम्बोधन
3- ट्रम्प की घोषणा
तीनों के तीन संदेश भी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
1- यह संकट की लड़ाई बहुत लम्बी चलेगी।
2- भारत को किसी भी दशा में आत्मनिर्भर
बनना है।
3- विश्व पटल पर विश्व युद्ध के संकेत और
स्पष्ट हो गए हैं।
अतः अब हमारे लिए एक स्पष्ट कार्य योजना का स्वरूप प्रकट होता है। कि अब सरकार लड़ेगी सीमा पर और समाज लड़ेगा परिवारों में। अब मनोबल का युद्ध प्रारम्भ हो रहा है। जिसको Battle of nerves कहते हैं। क्योंकि कठिनाई कोई भी हो आख़िर में जीतता वही है जिसका मनोबल ऊँचा है।
हमारे देश का इतिहास बताता है कि पिछले 500 वर्षों में भारत का मनोबल ही आक्रांताओं से लड़ रहा था। और इसमें सब से बड़ा योगदान था तुलसी दास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा का। जिसने हिंदू समाज को निराश नहीं होने दिया। आज पुनः वही परिस्थिति निर्माण हो रही है। अतः प्रत्येक हिंदू परिवार को अब इस महा युद्ध में एक क़िले के समान भूमिका निर्वाह करनी होगी। और उसका भी वही अनुभव सिद्ध प्रयोग दोहराना होगा। अर्थात् प्रत्येक हिंदू परिवार अब हनुमान परिवार बने।
इसके दो आयाम होंगे। प्रथम प्रत्येक हिंदू परिवारों को आयुष विभाग की सूचना का पालन कर अपने शरीर को स्वस्थ रखना होगा। और प्रतिदिन हनुमान चालीसा के पाठ के द्वारा मन को स्वस्थ रखना होगा। यह पाठ प्रत्येक प्रांत के लिए अपने अपने यहाँ प्रचलित हनुमान वन्दना के अनुसार होना चाहिए। सामान्यतः दो बातों पर ध्यान देना आवश्यक है कि इस पाठ में परिवार के सभी छोटे बड़े सदस्य उपस्थित रहने चाहिए और कम से कम 2 बार और अच्छा होगा कि 5 बार पाठ करना चाहिए।
इस योजना में परिवारों में माताओं की भूमिका स्वाभाविक रूप से महत्वपूर्ण रहेगी। अतः श्री हरी सत्संग समिति की मुंबई की महिला समिति इस योजना के संचालन का दायित्व लेंगी। मेरा आग्रह है कि हमारे 7 नगर संगठन वैधानिक रूप से अलग अलग रहेंगे किंतु व्यावहारिक रूप में अब सब को केवल एकल अभियान परिवार की दृष्टि से ही सोचना प्रारम्भ करना चाहिए। गत अभियान ट्रस्ट की बैठक में सब ने एक मत से इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है।
गाँवों में तो विचार क्रांति की योजना के अंतर्गत इसका आग्रह प्रारम्भ हो चुका है। किंतु कोई भी योजना स्थायी रूप से व्यवस्थित तभी चल सकती है जब उसमें जवाबदेही निश्चित की जाती है। अतः ग्रामीण क्षेत्र की रिपोर्टिंग की व्यवस्था तो बन गयी है। नगरीय क्षेत्र के लिए मुंबई की महिला टीम की निश्चित करना चाहिए।
शुभ कामना सहित
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Msg-365
Msg-365
Date- 31 May 2020
Hanuman Family
Dear single family
Single greetings
Three incidents took place yesterday.
1- The government gave a lot of relaxation in lock down.
2- Modi ji's address
3- Trump's announcement
The three messages of the three are also very important to us.
1- This crisis battle will last a very long time.
2- India is self sufficient in any case
Want to be.
3- World War signs on the world stage and
Have become clear.
So, now a clear plan of action appears for us. Now the government will fight on the border and the society will fight in the families. Now the war of morale is beginning. Which is called Battle of nerves. Because no matter what the difficulty, the one who wins at the end has the highest morale.
The history of our country shows that in the last 500 years, the morale of India was fighting the invaders. And the biggest contribution of this was Hanuman Chalisa composed by Tulsi Das ji. Which did not let the Hindu society down. Today the same situation is being created again. Therefore, every Hindu family will now have to play the same role as a fort in this great war. And the same experience will have to be repeated by him. That is, every Hindu family now becomes Hanuman family.
It will have two dimensions. First, every Hindu family has to keep their body healthy by following the information of the Ayush Department. And keeping the mind healthy by reciting Hanuman Chalisa daily. This text should be according to the Hanuman Vandana prevalent for each province. It is generally necessary to pay attention to two things that all the minor members of the family should be present in this lesson and at least 2 times and it is better to read 5 times.
The role of mothers in families will naturally be important in this scheme. Therefore, the Women's Committee of Mumbai of Shri Hari Satsang Committee will take the responsibility of running this scheme. I urge that our seven city organizations will remain legally separate, but in practice now everyone should start thinking only from the point of view of a single campaign family. In the last campaign trust meeting, all have accepted this proposal with one vote.
In villages, its request has started under the plan of idea revolution. But any scheme can be permanently organized only when accountability is ensured in it. Therefore, the system of reporting of rural areas has been created. The women's team of Mumbai should be decided for the urban area.
good wishes
Date- 31 May 2020
हनुमान परिवार
प्रिय एकल परिवार
एकल प्रणाम
कल तीन घटनाएँ घटी।
1- सरकार ने लाक डाउन में बहुत छूट दे दी।
2- मोदी जी का सम्बोधन
3- ट्रम्प की घोषणा
तीनों के तीन संदेश भी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
1- यह संकट की लड़ाई बहुत लम्बी चलेगी।
2- भारत को किसी भी दशा में आत्मनिर्भर
बनना है।
3- विश्व पटल पर विश्व युद्ध के संकेत और
स्पष्ट हो गए हैं।
अतः अब हमारे लिए एक स्पष्ट कार्य योजना का स्वरूप प्रकट होता है। कि अब सरकार लड़ेगी सीमा पर और समाज लड़ेगा परिवारों में। अब मनोबल का युद्ध प्रारम्भ हो रहा है। जिसको Battle of nerves कहते हैं। क्योंकि कठिनाई कोई भी हो आख़िर में जीतता वही है जिसका मनोबल ऊँचा है।
हमारे देश का इतिहास बताता है कि पिछले 500 वर्षों में भारत का मनोबल ही आक्रांताओं से लड़ रहा था। और इसमें सब से बड़ा योगदान था तुलसी दास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा का। जिसने हिंदू समाज को निराश नहीं होने दिया। आज पुनः वही परिस्थिति निर्माण हो रही है। अतः प्रत्येक हिंदू परिवार को अब इस महा युद्ध में एक क़िले के समान भूमिका निर्वाह करनी होगी। और उसका भी वही अनुभव सिद्ध प्रयोग दोहराना होगा। अर्थात् प्रत्येक हिंदू परिवार अब हनुमान परिवार बने।
इसके दो आयाम होंगे। प्रथम प्रत्येक हिंदू परिवारों को आयुष विभाग की सूचना का पालन कर अपने शरीर को स्वस्थ रखना होगा। और प्रतिदिन हनुमान चालीसा के पाठ के द्वारा मन को स्वस्थ रखना होगा। यह पाठ प्रत्येक प्रांत के लिए अपने अपने यहाँ प्रचलित हनुमान वन्दना के अनुसार होना चाहिए। सामान्यतः दो बातों पर ध्यान देना आवश्यक है कि इस पाठ में परिवार के सभी छोटे बड़े सदस्य उपस्थित रहने चाहिए और कम से कम 2 बार और अच्छा होगा कि 5 बार पाठ करना चाहिए।
इस योजना में परिवारों में माताओं की भूमिका स्वाभाविक रूप से महत्वपूर्ण रहेगी। अतः श्री हरी सत्संग समिति की मुंबई की महिला समिति इस योजना के संचालन का दायित्व लेंगी। मेरा आग्रह है कि हमारे 7 नगर संगठन वैधानिक रूप से अलग अलग रहेंगे किंतु व्यावहारिक रूप में अब सब को केवल एकल अभियान परिवार की दृष्टि से ही सोचना प्रारम्भ करना चाहिए। गत अभियान ट्रस्ट की बैठक में सब ने एक मत से इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है।
गाँवों में तो विचार क्रांति की योजना के अंतर्गत इसका आग्रह प्रारम्भ हो चुका है। किंतु कोई भी योजना स्थायी रूप से व्यवस्थित तभी चल सकती है जब उसमें जवाबदेही निश्चित की जाती है। अतः ग्रामीण क्षेत्र की रिपोर्टिंग की व्यवस्था तो बन गयी है। नगरीय क्षेत्र के लिए मुंबई की महिला टीम की निश्चित करना चाहिए।
शुभ कामना सहित
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