गणित
यथा शिखा मयूराणां , नागानां मणयो यथा ।
तद् वेदांगशास्त्राणां , गणितं मूर्ध्नि वर्तते ॥
— वेदांग ज्योतिष
( जैसे मोरों में शिखा और नागों में मणि का स्थान सबसे उपर है, वैसे ही सभी वेदांग और शास्त्रों मे गणित का स्थान सबसे उपर है ।
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कविता
इसमें कोई शक नहीं हैं उपलब्धि हजार ,
चुनौतियों के भी लगे हैं लेकिन अंबार ।
हैं लेकिन अंबार लगाते घात विदेशी ,
और बड़े आघात कर रहे नेता देसी ।
छुपा किसी में चीन पाक है बैठा किसमें ,
कर पाए पहचान तभी जीतोगे इसमें !
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मिकी बोलता है..
पहली बार मिकी माउस को दुनिया ने बोलते हुए सुना।
आज ही के दिन 1929 में पहली बार कार्टून कैरेक्टर मिकी माउस को लोगों ने एनिमेटेड शॉर्ट फिल्मद कार्निवल किड में बोलते सुना । मिकी माउस को वाल्ट डिज्नी और यूबी इववर्स ने रचा था । जिसे वैश्विक स्तर पर जबरदस्त ख्याति मिली और यह आज तक लोकप्रिय है ।
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देश देशांतर
पेरू में आए विनाशकारी भूकंप ने ले ली थी 70 हजार की जान |
आज ही के दिन 1970 में पेरू में आए विनाशकारी भूकंप के कारण 70 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई । साथ ही करीब डेढ़ लाख लोग घायल हुए । रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.9 मापी गई । इसमें बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ ।
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महान आत्मा
लोक कल्याण का पर्याय बनी रहीं वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर .
http://rssyear.blogspot.com/2020/05/may-31-birthday-friar-rajmata-ahalyabai.html
एचटीटीपी://रस्सियार.ब्लागस्पाट.कॉम/2020/05/मई-31-बर्थडे-फ्रीजर-राजमाता-अहल्याबाई.हटम्ल
आज ही के दिन 1725 में अहिल्याबाई होल्कर का जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर के चौंढी गांव में हुआ । जब स्त्री शिक्षा न के बराबर थी उस वक्त उन्होंने पढ़ना लिखना सीखा । खांडेराव होल्कर से शादी हुई और वे मालवा आ गईं । 1754 में कुम्हेर के युद्ध में पति को खो दिया और उसके बाद बेटे की भी मृत्यु हो गई । 1767 में इंदौर की शासक बनी । कई बार युद्ध में अपनी सेना का नेतृत्व किया । कई जगह पर मदिर , किले , सड़कें , धर्मशालाएं बनवाई और अन्य लोककल्याण के कार्य किए । 17 अगस्त 1795 को निधन हो गया ।
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🗿शांति.
शांति हमें असीम ऊर्जा से भर देती है । यह हमारे अंतःकरण में सकारात्मक विचारों का स्त्रोत प्रस्फुटित करती है । हमारे भावों को पावन करती है । शांति के द्वारा ही शुचिता के विचार पोषित होते हैं । शाति अहिंसा के लिए उद्वेलित करती है । हमें दया और प्रेम के मार्ग की ओर उन्मुख करती है । शांति से ही संपन्नता का आगमन होता है |
महान हिमालय की महानता उसकी उन्नत पर्वत श्रृंखलाएं नहीं , उसकी रजत सदृश आभा नहीं , उसका विस्तार नहीं , उसका विराट स्वरूप नहीं , अपितु हिमालय की महानता उसका शांत स्वरूप है । उसकी गांभीर्यता है । उसकी विनम्रता है । मानव अथवा पशु सभी हिमालय की गोद में शांति का अनुभव करते हैं । वह शांति जिसकी प्राप्ति के लिए सभी भटकते रहते हैं । शांति की खोज निश्चित ही देवत्व की खोज है । ईश्वर को शांति प्रिय है । जिसे शांति प्रिय है वह ईश्वर का कृपापात्र है । शांति का भाव बंधुत्व के भाव को जन्म देता है ।
जहां शांति है वहां राग - द्वेष , असहिष्णुता , बैर , दुख कुछ भी नहीं है । इससे हदय में अनुराग उत्पन्न होता है । मानवीयता प्राण पाती है । शांति जहां हैं वहां संघर्ष कभी नहीं होते । हमारे तमाम महापुरुषों ने शांति की खोज में अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा लगा दिया । उन्होंने शांति के लिए सारे वैभव त्याग दिए । शांति सबसे बड़ा सुख है । उसके समक्ष महलों का आनंद भी धूल समान है । महात्मा बुद्ध ने शांति की खोज एवं विश्व शांति के लिए अपना सारा जीवन होम कर दिया । उनके अमृतमयी उपदेशों में कहा गया है कि , ' हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाए । ' अर्थात संवाद वही उत्तम है जो शांति का मार्ग प्रशस्त करे , जो शांति तक पहुंचाए । महावीर स्वामी ने भी कहा है कि , ' हम शांति से जिएं और दूसरों को भी शाति से जीने दें । यही हम सबके जीवन का सिद्धांत होना चाहिए । यही विश्व कल्याण का मंत्र है । विश्व का मंगल शांति के मार्ग से ही संभव है ।
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POEM
There is no doubt that there are thousands of achievements, challenges have also started. But the ambush foreigners, and the leaders who are making a big shock, Desi. China is sitting in someone hidden in whom, you will be able to win recognition only in it!
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