शिवाजी के निर्भयता
एक प्रसिद्ध किस्सा है , शिवाजी महाराज के साहस का । यह उस समय की बात है , जब पुणे के करीब नचनी गांव में एक भयानक चीते का आतंक छाया हुआ था । वह चीता अचानक ही कहीं से हमला करता था और जंगल में ओझल हो जाता । सभी डरे हुए गांव वाले अपनी समस्या लेकर शिवाजी के पास पहुंचे और विनती करते हुए कहा- हमें उस भयानक चीते से बचाइए , महाराज । वह अबतक ना जाने कितने बच्चों को मार चुका है । ज्यादातर वह चीता तब हमला करता है , जब हम सब सो रहे होते हैं । महाराज शिवाजी ने धैर्यपूर्वक ग्रामीणों की समस्या सुनी और उन्हें ढाढ़स बंधाते हुए कहा- आप लोग निश्चित रहे , किसी बात की चिंता मत करिए , मैं यहां आपकी मदद करने के लिए ही हूं । फिर शिवाजी अपने सिपाहियों यसजी और कुछ सैनिकों के साथ जंगल में चीते को मारने के लिए निकल पड़े । बहुत ढूंढने के बाद जैसे ही चीता सामने आया , सैनिक डर के मारे पीछे हट गए पर शिवाजी और यसजी बिना डरे ही चीते पर टूट पड़े और पलक झपकते ही उस मार गिराया ।
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Inspirational Episode 7
Shivaji's fearlessness
This is a famous anecdote of the courage of Shivaji Maharaj. It was at that time that a terrible leopard terror came to light in Nachni village near Pune. The cheetah suddenly attacked from somewhere and would disappear into the forest. All the scared villagers came to Shivaji with their problems and pleaded, "Save us from that terrible leopard, Maharaj." He has not yet killed how many children. Mostly that cheetah attacks when we are all sleeping. Maharaj Shivaji patiently listened to the problems of the villagers and while tying them up, said - you guys are sure, don't worry about anything, I am here to help you. Shivaji then set out in the jungle with his soldiers Yesji and some soldiers to kill the leopard. As soon as the cheetah came out after finding a lot, the soldiers retreated in fear, but Shivaji and Yesji broke on the leopard without getting scared and shot him in the blink of an eye.
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