भारतीय प्यारा घर
⭕ घर एक मंदिर है - ⭕
१. सामूहिक सत्संग ...हरि कीर्तन
२. स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण कर मंदिर में भगवान के दर्शन हेतु बैठना चाहिए
३. धीरे-धीरे बच्चों में भी यह अभ्यास आएगा ।
४. अपने साथ साथ बच्चों को भी बिठाने का आग्रह करना और पूरा परिवार एक साथ सामूहिक ही 10 मिनट के लिए बैठ जाए तो सर्वोत्तम
५. भगवान के दर्शन करते समय हम आंखें बंद करते हैं ........यहां पर दर्शन और आंखें बंद में ......कोई विरोधाभास नहीं है , सर्वप्रथम हम भगवान को चर्म चक्षु से देखते हैं फिर मनो चक्षु से.... फिर ज्ञान चक्षु से और यदि हमारी तपश्चार्य ठीक होती है तो फिर ......हमारे दिव्य चक्षु का उदय होता है...... अर्थात प्राथमिक स्तर से लेकर हम उच्चतम ले स्तर की तरफ बढ़ते हैं और यह एक विकास की सीढ़ी होती है ।
⭕ घर एक विद्यालय हैं - ⭕
संस्कार-
१. छोटे-छोटे संस्कारों को सीखने सिखाने के बारे में गहराई से सोचना
दो प्रकार के संस्कार -
अ -
भावनात्मक
ब
२. त्याग और सेवा
यह दोनो कुटुंब में रहने से आते हैं ।
उदाहरण - घर में एक लड़की का जन्म होता है शैशवावस्था से लेकर विवाह तक के चित्रण ऐसा छायाचित्र देखने पर आंखों में से आंसू आते हैं ।
३. मा के प्रति श्रद्धा भक्ति - मां बच्चे को 9 महीने पेट में रखती है और डेड 2 वर्ष तक मल मूत्र विसर्जन भी लेकिन तिरस्कार की भावना नहीं होती है ....इस प्रकार से मां के प्रति श्रद्धा युक्त विचार देने से संस्कार निर्माण होते हैं ।
४ प्रातः उठते ही कराग्रे वसते लक्ष्मी.... इस प्रकार के संस्कार नई पीढ़ी में निर्माण करने की आवश्यकता होती है ।
५ संस्कार- केवल बोलने से नहीं आते हैं .....संस्कार बहुत ही आत्मीयता से बड़े लोगों के पीठ थपथपाने से उनके सामीप्य से.... जल्द समझ में आते हैं और छोटी-छोटी कथाओं के माध्यम से सिखाया तो बहुत अच्छा हो जाता है
⭕ घर एक आग्राहलय - ⭕
१. जीवन मूल्यों का आग्रह युगानुकूल परिवर्तन भी करना है... लेकिन अपरिवर्तनीय जीवन मूल्य नहीं छोड़ना है ।
२. शुभास्ते पन्थानं..
घर एक विद्यालय बनना चाहिए .....घर एक आग्राहलय हैं..... हमारा घर हम को सही रास्ते पर ले के जाने वाला हो ...ऐसे सही रास्ते पर ले जाने वाले विचार को पुनः आरंभ करना है ।
३. अतिथि सत्कार - हमारे परिवार में आने वाले अतिथियों के साथ आत्मीय एवं सद्भावना पूर्ण व्यवहार करने का संस्कार नई पीढ़ी को अपने व्यवहार से समझाना है ।
४. स्वच्छता - क्वॉरेंटाइन और सैनिटाईजेशन जैसे शब्द अब सुन रहे हैं लेकिन यह भारतीय संस्कृति की विशेषता है ।
अतः स्वच्छता एवं सुचिता का आग्रह निरंतर बना रहे
५. सेवा एवं त्याग - संकट के समय सेवा प्रस्तुत करना यह संस्कार घर में मिलना चाहिए , बड़े हित के लिए छोटे हित का त्याग परिवार में सीखता हैं ।
६. कार्यकर्ता सुझाव -
हमारा परिवार - सुसंस्कृत परिवार विषय पर कार्यकर्ताओं ने सुझाव प्रदान किए -
- १. श्घर मे हरि संकीर्तन होना चाहिए ।
- २. प्रात: काल जल्दी उठना , परिवार की दिनचर्या बनें ।
- ३. माता-पिता के आशीर्वाद से दिन शुरू हो |
- ४. रामायण महाभारत के घटनाओं के बारे में परिचर्चा परिवार के साथ करना चाहिए
- ५ . टीवी के सामने भोजन करने की वृत्ति बंद हो ।
१. परिवार प्रबोधन में लघुतम मार्ग ( शॉर्टकट ) का स्थान नहीं है...अंग्रेजी कहावत हैं - ( Short cut will cut you short )
२. मानसिक हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ गोपाल स्वामी ने कहा - महाभारत की सारी कहानियां साइकोथेरेपी साइकोपैथोलॉजी प्रदान करती है ।
३. नई पीढ़ी को बहुत प्यार से समझाना कि टीवी के सामने भोजन बंद क्यों करना चाहिए क्योकि अन्न के अंदर देवता होते हैं ....
क्या हम यज्ञ पूजा इत्यादि टीवी के सामने बैठे करते हैं ??...नहीं करते हैं तो भोजन भी हमें उसके सामने नहीं करना है ।
इस प्रकार धीरे-धीरे परिवार के वातावरण को और अधिक संस्कारमय - सुखमय बनाने के लिए आगे बढ़ना है ।
हार्दिक शुभेच्छा
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