युगाब्द ५१२५ ॐ वि. संवत्२०८०
2023 विषय:- राष्ट्रीय चारित्र्य और व्यक्तिगत चारित्र्य
(२७/०५/२०२३)
• व्यक्तिगत चरित्र एवं राष्ट्रीय चरित्र एक सिक्के के दो पहलूहै, समाज जीवन को आगेबढ़ानेके लिए दोनों ही अति आवश्यक है। • जो व्यक्ति समाज मेंदिखाई देतेहैकई बार प्रश्न खड़ा होता है? गौशाला या मंदिर मेंदान देतेहैतो धन कहाँसेआया ? कालाबाजारी, भ्रष्टाचार से आया, बाहर सेदेखेतो अच्छा है, पर व्यक्तिगत देखा जाए तो व्यभिचार, मिलावट खोरी, कर चोरी, लम्पट इत्यादि है। • उदाहरण- असम सीमा सेअवैध घुसपैठ हो रही है, जाँच अधिकारी ने रिश्वत लेकर रिपोर्टको सही ठहराया, यह देश के साथ घातक है, दूसरा उदाहरण- कं धार मेंवायुयान अपहरण का। • पश्चिम की अवधारणा- साध्य हैवही साधन तय करेगा- मैकियावली। व्यक्ति के दुर्गुण को नहीं देखतेहै, परंतुराष्ट्रीय चरित्र अच्छा है। • हमारेयहाँमर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एवंछत्रपति शिवाजी महाराज का चरित्र हमारेसामनेहै। कल्याण के सूबेदार की पुत्रवधुका शिवाजी के सैनिकों द्वारा अपहरण और उनको शिवाजी महाराज के सामनेप्रस्तुत किया गया। शिवाजी नेकहा- मेरी माँसाहिबा इतनी सुंदर होती तो मैंभी सुंदर होता, उस महिला को सम्मानपूर्वक कल्याण भेजा, यह था व्यक्तिगत चारित्र्य। • श्री गुरुजी नेकहा- जब राष्ट्र पर संकट आता हैतो समाज को कितना सजग रहना पड़ता है, (माता हारी महिला का उदाहरण- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, मित्र देशों की खुफिया जानकारी जर्मनी को पता चल जाती था।) • हनुमान जी द्वारा लंका जलाकर वापस गए, श्रीराम की सेना समुद्र के उस पार आ गई, मंदोदरी रावण को समझाती है, रावण के मंत्री कहतेहैवानरों को हम ऐसेही कच्चा चबा जाएँ गे। राजा को सही सलाह देना मंत्री का कार्यहै। • चाटुकारिता सेदूर- स्वयंसेवकों नेराज गोपालाचारी जी को बताया की एक समिति बनाई है, इस समिति मेंश्रीगुरुजी भी हैतो उन्होंनेउस पर हस्ताक्षर कर दिए, श्री गुरुजी पर इतना विश्वास था । • अतिसज्जनता:- उदाहरण- सोमनाथ के मंदिर का रास्ता गजनी को एक पुजारी नेबताया, हमारे विदेशी मंत्री वहाँगए तो वहाँउसको कोई नहीं जानता। • मिर्जाराजा जयसिंह भगवान श्री राम का वंशज मानता था, घंटों पूजा पाठ भी करता था, परंतुवह औरंगजेब के साथ मिलकर शिवाजी महाराज सेयुद्ध करनेगया, शिवाजी महाराज उसको पत्र लिखतेहैयदि तूस्वयंआता तो तेरेघोड़ेकी रकाब पकड़कर सारा दक्षिण विजय करके देता। • १९४७ भारत का बँटवारा, बीकानेर एवं दो अन्य रजवाड़ा जिन्ना सेमिलकर पाकिस्तान मेंमिलने की योजना एवंसरदार पटेल सेमिलनेका उदाहरण। • गुजरात के राजा करण सिंह का उदाहरण। • सचिव बैद गुरु तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस । राज धर्मतन तीनि कर होइ बेगिहीं नास ।। गोस्वामीजी कहतेहैंकि यदि मंत्री, वैद्य और गुरु भय या लाभ वश प्रिय बोलतेहैंतो इनमेंसेमंत्री का राज्य, वैद्य का शरीर एवं गुरु का धर्मशीघ्र ही नाश हो जाता है। • राष्ट्रीय चारित्र्य का अद्वितीय उदाहरण- १६८० मेंशिवाजी महाराज के बाद सँभाजी छत्रपति बने, अष्टप्रधान मेंआपस मेंएक राय नहीं बनी, सँभाजी नेखंडोंबहल्लाल के पिताजी की हत्या कर दी, बहन के साथ दुराचार किया, तो भी खंडों जी का कहना की स्वराज ईश्वरीय योजना सेहै, स्वराज का साथ दिया, राजाराम जी को जेल सेछुड़ाकर भी लाए। • स्वामी विवेकानंद कहतेहैकि तीन करोड़ जनसंख्या के देश नेतीस करोड़ वालेदेश पर राज्य किया, क्योंकि वेसंगठित थे। उनमेंदेशभक्ति का भाव था। • नेपोलियन को वाटरलूके युद्ध मेंहरानेवाला - डयूक ऑफ वेलिगटन। • संघ मेंसूचना के बाद सोचना नहीं, यह अनुशासन के लिए आवश्यक है, समय का पालन। यह सब कै सेहोगा- १. व्यक्ति निर्माण, २. परिवार मेंसंस्कार । • हमारा जीवन कै सा है, नागरिक कर्तव्य का पालन करतेहैक्या? पड़ोसी के साथ व्यवहार कै सा है। • उदाहरण- दादा धर्माधिकारी जी बुराई सेदूर रखना। • ध्येय प्रति समर्पित- द्रौपदी और धर्मराज युधिष्ठिर का संवाद। • शिक्षा- देश हमेदेता हैसब कु छ, हम भी तो कु छ देना सीखें। • इस विषय का अध्ययन करतेरहिये।
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