Saturday, November 5, 2022

charewati charewati v manushy tu bada mahan hai Geet

चरैवेति चरैवेति, यही तो मन्त्र है अपना।
नहीं रुकना नहीं थकना, सतत चलना सतत चलना
यही तो मन्त्र है अपना, शुभंकर मन्त्र है अपना॥
चरैवेति चरैवेति...
                 हमारी प्रेरणा भास्कर, है जिसका रथ सतत चलता 
                 युगों से कार्यरत है जो, सनातन है प्रबल ऊर्जा
                 गति मेरा धर्म है जो, भ्रमण करना भ्रमण करना॥
                 यही तो ...
हमारी प्रेरणा माधव, है जिनके मार्ग पर चलना
सभी हिन्दू सहोदर हैं, ये जन-जन को सभी कहना
स्मरण उनका करेंगे और, समय दें अधिक जीवन का॥
यही तो ...
                हमारी प्रेरणा भारत, है भूमि की करें पूजा
                सुजल सुफला सदा स्नेहा,यही तो रूप है उसका
                जिएं माता के कारण हम, करें जीवन सफल अपना॥
                 यही तो ...



धरती की शान तू है मनु की सन्तान
तेरी मुठ्ठियों में बन्द तूफ़ान है रे
मनुष्य तू बड़ा महान है 
भूल मत मनुष्य तू बड़ा महान् है ॥
                   तू जो चाहे पर्वत पहाड़ों को फोड़ दे
                   तू जो चाहे नदियों के मुख को भी मोड़ दे
                   तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे
                   तू जो चाहे धरती को अम्बर से जोड़ दे
                 ‘अमर तेरे प्राण..2’ मिला तुझको वरदान
                 तेरी आत्मा में स्वयं भगवान है रे ॥
                 




  ---मनुष्य तू बड़ा महान है

नयनों में ज्वाल तेरी गति में भूचाल
तेरी छाती में छिपा महाकाल है
पृथ्वी के लाल तेरा हिमगिरि सा भाल
तेरी भृकुटी में ताण्ड
व का ताल है
‘निज को तू जान..2’ जरा शक्ति पहचान
तेरी वाणी में युग का आव्हान है रे ॥
----मनुष्य तू बड़ा महान् है
       धरती सा धीर तू है अग्नि सा वीर
       तू जो चाहे तो काल को भी थाम ले
       पापों का प्रलय रुके पशुता का शीश झुके
       तू जो अगर हिम्मत से काम ले
       ‘गुरु सा मतिमान..2’ पवन सा तू गतिमान
       तेरी नभ से भी ऊंची उड़ान है रे ॥
       ---मनुष्य तू बड़ा महान है

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