Saturday, November 5, 2022

24 October 2022 jalandhar

24-अक्टूबर 2022

श्रीमान सुरेश भारती जी 

आ. भा. प्रचारक प्रमुख 

• अपना संघ कार्य दैविक कार्य, प्रचारकदेश हित में कार्य करेगा। जब भी आहवाहन किया, शक्ति प्रकट हो गई पवित्र शक्ति का पवित्र स्वरूप है RSS..

• युवक जो आगे आए,जब तक यह ताकत रहेगी। तब तक यह शक्ति ऐसा ही चलेगा।

• महात्मा तपस्वी राजा कल्पतरू वृतांत

● 'आत्मीयता' के कारण देश पर जीवन न्योछावर करने वाले युवक खड़े होते गए। प्रचारक को देकर देखकर ही प्रचारक निकलते हैं।

जब श्रद्धा होती है, तो अपना पूरा जीवन पढ़ा लिखा, गरीब घर के , तेजस्वी बालक प्रचारक निकलते गए।                         100 युवक मिल जाए तो देश का नक्शा बदल दूँ - विवेकानंद जी।                          डॉ जी ने 1935-36 से प्रचारक निकालना शुरू कर दिया और भेजा रावलपीडी, लाहौर, देश के प्रति डॉक्टर जी का चिंतन भविष्यशाली था।

10 वर्षो में ही छोटे सामान्य युवकों को डाक्टर जी  ने अलग अलग क्षेत्र में भेजा।

डॉ. जी के स्नेह व धैर्य से प्रेरित होकर निकले।                                             स्कूल गायक  विद्यार्थीयों से मिलकर स्वयंसेवक बनाया यादव राव जी ।    भीमराव जोशी - यादवराव जोशी को बड़ा माना, डॉ की ने युवावस्था में स्नेह से प्रचारक निकलें 

भास्कर राव कुलकर्णी, महाराष्ट्र के थे, केरल में रह कर काम किया। वनवासी कल्याण आश्रम का कार्य किया खड़ा

तमिल भी बोलने लगे 'हिन्दुत्व' पहले - यह युवकों द्वारा हुआ।

डॉ जी का जीवन प्रेरणादायी - गरीबी पर भी विजय प्राप्त की

श्रीगुरुजी - 9 भाई बहन में एक बचे और अपना जीवन राष्ट्र में लगा दिया। • अपने सभी संघचालक ने देश हित में जीवन लगा दिया 

बालासाहब देवरस ने- चित्र डॉक्टर जी व गुरुजी का ही लगे का निर्णय-संपूर्ण समर्पण की कल्पना - का फोटो न लगे मेरा भी नहीं या कोई अन्य सरसंघचालक 

दाह संस्कार भी 'रेशम बाग' में भी समाधि व अंतिम संस्कार अब किसी की नहीं, मेरा भी सामान्य रूप से हो।

रज्जु भैया जी  के पिता  उत्तर प्रदेश के पहले  chief Engineer थे, जहाँ संघ भेजेगा -' पुना में 'भेजा गया कहा मेरा शरीर अंतिम संस्कार 'पुना' में ही करना

* विद्वता का अंहकार नहीं . सुदर्शन जी".प्रचंड विद्वान शुरू से अंत तक ज्ञाता ' सभी सरसंघचालक ऐसे ही रहे -

● अपना पूरा जीवन देश के लिए, प्रचारक निकालने से नहीं, स्वयं की प्रेरणा से निकलते हैं।
• धर्मनारायण के धर्मसंकट का निवारण: विभाग प्रचारक के उपदेश से  विवाह मंडप से भाग गए।

 मथुराजी व्यास ने  श्रीगुरुजी के आह्वान पर (1948-52) - वाकील थे, तो उपाय निकला- ज्योतिष घर में रहेगा तो पूरा घर बर्बाद हो जाएगा, मैं संघ के काम में लगूंगा।  राजस्थान आए 

दादाभाई वृक्षराज जी 4 वर्ष तक गृहस्थ रहे ,कई युवक गृहस्थ प्रचारक निकाले।

 योगश्री पाबा, मोरखपुर के नाना साहब (जिला प्रचारक) के साथ संपर्क - बीमार पड़ गए पीठ पर बैठा 1.5किलोमीटर तक ले जाकर  डॉक्टर को दिखाया ।आजीवन प्रचारक रहे ,संस्कार भारती उत्कृष्ट कार्य शुरू किया।


 साम्यवाद 1920 रूस की क्रांति भारत में 1924 में आई, साम्यवाद का संकट श्री गुरु की ने भाप लिया था  इस विषय  दंतोपंथ ठेगड़ी जी श्री गुरुजी ने बात की: भारतीय मजदूर संघ, एबीवीपी, स्वदेशी जागरण मंच, जैसे हजारों संगठन शुरू किया

चीन आमंत्रण द्वारा आमंत्रित किए गए - एक युवक ने देश की स्थिति बदल दी  
 भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की, जिसने कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं, छात्रों, किसानों के तीनों अंगों पर बढ़ रहें लालसलाम जैसे प्रभाव को हटा दिया

 • राजनीति का काम दीनदयाल जी को सोपा।  प्रभाव कांग्रेस की दूसरी नई दिशा है।  राजनीति से दीनदयाल ने नियम तोड़कर बात नहीं की, बंजायद का कोई फायदा नहीं उठाया।  राष्ट्र मन की स्थिति संघ के दृष्टिकोण से उसके सभी समर्थकों के लिए भिन्न नहीं होती है।

 एकनाथ रानाडे सरकार्यवाह ,श्री गुरुजी के कहने पर ने कन्याकुमारी तमिलनाडु में विवेकानंद केंद्र स्थापित के रूप में सेवा की।

असम व अन्य सात राज्यों में प्रवेश  विवेकानंद केंद्र द्वारा हो पाया 

 संघर्ष • आपका तरीका है अच्छे लोगों का सम्मान करना

 'लक्ष्मण जी शेखावत'- महाराणा भागवत सिंह (इंदिरा गांधी के नजदीकी)को भी संघ में ले आए पुस्तक दी बंच ऑफ थॉट फिर गुरुजी से मिले भी व विश्व हिन्दू परिषद का कार्य संभाला।
 

 अप्पाजी जोशी , संघ स्वयंसेवक की संख्या ज्यादा है, संख्या के हिसाब से सभी लोगों के काम बढ़ेंगे.  52 संस्था को त्यागपत्र दे दिया दूसरे ही दिन डॉक्टर जी के पास आ गए

 

 विष्णुदास, गोपालदास जी अद्भुत दिव्य दृष्टि संघ कार्य के प्रति
 बवेजा जी एमएससी पीएचडी मैथ्स को पढ़ाते थे परिवार विपन्तता थी फिर भी संघ कार्य किया।,

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