Wednesday, September 7, 2022

6/9/2022 Panchang

*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 06 सितम्बर 2022*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् 21 भाद्रपद - 2079*
*⛅शक संवत् - 1944*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी प्रातः 05:54 तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा शाम 06:09 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा*
*⛅योग - आयुष्मान सुबह 08:16 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*⛅राहु काल - अपरान्ह 03:45 से 05:19 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:23*
*⛅सूर्यास्त - 06:52*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक*
   पंचक 08 शाम को
*⛅व्रत पर्व विवरण - पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी*
*⛅ विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* 
*एकादशी (06, 07 सितंबर 2022 )के दिन चावल खाना वर्जित है ।*
*🌹पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी - 07 सितंबर 2022*
*🔹एकादशी 06 सितंबर प्रातः 05:54 से 07 सितंबर प्रातः 03:04 तक है । व्रत उपवास 07 सितंबर बुधवार को रखें ।*
*👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है *👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
*👉 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*      
*🌹श्रवण नक्षत्र युक्त बुधवारी द्वादशी योग : 07 सितम्बर (शाम 03:59 बजे से रात्रि 12:06 तक)*
*🌹बुधवारयुक्त श्रवणद्वादशी महिमा🌹*
*🌹 भगवान श्रीकृष्ण ने कहा : "राजन् ! भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यदि श्रवण नक्षत्र से युक्त हो तो इसमें व्रत करने से सभी कामनाएँ पूर्ण हो  जाती है ।*
*🌹 एकमात्र इस श्रवणद्वादशी का व्रत कर लेने से १२ द्वादशी व्रतों का फल मिलता है ।*
*🌹 यदि यह श्रवण नक्षत्र युक्त द्वादशी बुधवार के दिन होती है तो उसमें संयमपूर्वक व्रती रहने से महान फल प्राप्त होते हैं - उसमें किये हुए जप, सत्संग, ध्यान, हरिकीर्तन, व्रत, उपवास, स्नान, दान, मौन, सेवा आदि सभी सत्कर्म अक्षय फल देते हैं । अतः इस दिन बिना विचारे ये सत्कर्म अवश्य करने चाहिए । इस व्रत से गंगा स्नान का लाभ होता है ।*
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