Thursday, August 11, 2022

12/8/2022 Panchang BANDHAN of inspiration Rakshabandhan


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 12 अगस्त 2022*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् 28 श्रावण 2079*
*⛅शक संवत् - 1944*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पूर्णिमा सुबह 07:05 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 01:36 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग - सौभाग्य सुबह 11:34 तक तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल - सुबह 11:07 से 12:45 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:15*
*⛅सूर्यास्त - 07:14*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:31 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - अमरनाथ यात्रा समाप्त, वरलक्ष्मी व्रत*
*⛅ विशेष - पूर्णिमा के दिन तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है ।*
*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🔹 *बरकत लाने की सरल कुंजियाँ* 🔹
👉 *बाजार भाव अचानक बढ़ने-घटने से, मंदी की वजह से या अन्य कारणों से कईयों का धंधा बढ़ नहीं पाता । ऐसे में आपके काम-धंधे में बरकत का खयाल रखते हुए कुछ सरल उपाय प्रस्तुत कर रहे हैं ।*
 👉 *१] ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने व पूजा- स्थान पर गंगाजल रखने से बरकत होती है ।*
👉 *२] दुकान में बिक्री कम होती हो तो कनेर का फूल घिस के उसका ललाट पर तिलक करके दुकान पर जायें तो ग्राहकी बढ़ेगी ।*
👉 *३] रोज भोजन से पूर्व गोग्रास निकालकर गाय को खिलाने से सुख-समृद्धि व मान-सम्मान की वृद्धि होती है ।*
👉 *४] ईमानदारी से व्यवहार करें । ईमानदारी से उपार्जित किया हुआ धन स्थायी रहता है ।*
*🔹अन्नपूर्णा प्रयोग🔹*
*🔹प्रति पूर्णिमा को घर के अन्न-भंडार के स्थान पर कपास तेल का दीपक जलायें । इसके प्रभाव से घर की रसोई में बहुत बरकत होती है । यह अन्नपूर्णा प्रयोग है ।*
*🔹मास - अनुसार त्रिफला का अनुपान🔹*
*🔹मासों के अनुसार त्रिफला के साथ उसमें उसकी मात्रा के छठे भाग बराबर निम्नलिखित द्रव्यों को मिला के सेवन करने से उसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है ।*
*(१) श्रावण और भाद्रपद - सेंधा नमक*
*(२) आश्विन और कार्तिक - शर्करा (मिश्री या खाँड़ अर्थात् अपरिष्कृत शक्कर)*
*(३) मार्गशीर्ष और पौष - सोंठ चूर्ण*
*(४) माघ तथा फाल्गुन - पीपर का चूर्ण*
*(५) चैत्र और वैशाख - शहद*
*(६) ज्येष्ठ तथा आषाढ़ - पुराना गुड़*
*🔹इस प्रकार त्रिफला शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने में सहायक व प्रसादरूप है ।*
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