Friday, May 27, 2022

लाख भजन शेरावली

1.

सुख दुख बताती है 
रक्षा करती है भक्त अपने की बात सच्ची करती उनके सपनों की 
तेरे दरबार में खुशी मिलती है 



तेरी छाया में तेरे चरणों में मगन हो बैठी तेरे चरणों में 
तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है 
एक अजब सी मस्ती तन मन पी छाती है हर जुंबा तेरे गीत गाती गई 
बजते जयकारों से मीठी जयकारों से 
मस्ती से झूमे मन से तुम्हे चूमे तेरे चरणों को 
ऐसी मस्ती भी कही क्या मिलती है 

तेरे दरबार में खुशी मिलती हैं....
मेरी शेरावाली मां तेरे बात अच्छी है
सुख दुख बनाती है अपना बनाती है 
मिस्किल हो हो रक्षा करती है 
सारे लोकों की खुशी मिलती है 
तेरे दरबार में ....
रोता हुए आए जो हस्त हुआ जाता है
किस्मत मारो को 
फिर तू मां ऐसी कहीं तू मिलती है तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है 

2,

दरबार तेरा दरबारी में एक खास यहमियत रखता है उसको जैसा मिला जाता है जो जैसी नियत रखता है 
प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी भक्ति की लगी है कतार भवानी


ऊंचे पर्वत भवन निराला 2 आके शीश नवाए संसार भवानी
प्यारा सजा झाई तेरा द्वार भवानी

जगमग जगमग 
चरणों में गंगा की धार भवानी भक्ति की लगी है कतार भवानी
लाल चुनरिया लाला लाला चूड़ा 2
गैलबल फूले सोहे तेरे हर भवानी
प्यारा सजा है तेरा 


सावन महीना मैया झूला झूले2
देखो रूपगंज भवानी प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी

 पल के भारती झोली खाली 2
खुले दया के भंडार भवानी 2
भक्ति की लहलगी है कतार भवानी

अभिषेक/हमस्बको को है तेरा सहारा 
पायरा सजा है तेरा द्वार भवानी 
तेरे भक्ति को लगी है 

प्यारा सजा जाया तेरा दरबार भवानी 4


3,मेरे अखियों के सामने हो रहना हो शेरोवाली जगदम्बे
हम तो है चाक्कर तेरे दरबार के 
भूखे है हम तो मैं प्यारा के 
मेरे अखियों के सामने हो रहना अशेरोवाली वाली जगदमे 

विनती हमारी भी अब करो मंजूर मां 
चरणों से कभी करना न दूर मां
अखियों के सामने हिब्रह्न मां शेरो वाली जगदमे

मुझे जानकर अपना ही बालक सब भूल तू मेरी भुला देना एस
शेरोवली जगदम्बे आंचल में मुझे छुपा लें ए
मेरी अखियों के सामने हो रहना मां सीरोवाल जगदम्बे

तुम शिव जी शक्ति मैरूल्याबा मैया शेरावाली मेरे भोले को शक्ति शेरोवाली
तुम हो दुर्गा तुम हो काली 
बैंक अमृत की धार सदा बहाना मां शेरावाली जगदम्बे

तेरे बालक को ब्लकाभी मां साबर आते तेरे बालक को कभी आम साबर आए 
जहां देखू में तू ही तू नजर आए 
मुझे इसके सिवा कुछ न कहना 
मेरे अखी 


देदो भक्ति को भक्ति का दान मैया जी 
ओम गाता रहे तेरा गण माता जी 
है भजन तेरा भक्ति का गहना मां शेरो वालिं जगदम
वो शेवाली जगदम्बे 
मेहरावली जगदम्बे 


जय माता दी 

4
तेरी छाया में तेरे चरणों में मगन हो बैठी तेरे भक्ति में 
तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है जिंदगी मिलती है रोते को खुदी मिलती है तेरे दरबार में 

एक अजब सी मस्ती तन मन पी छाती है 
हर एक जुबा तेरे गीत गाती है 
बजते सितारों से 
मस्ती में झूमे तेरा चरण चूमे 
इसी मस्ती भी भला कटा कहीं मिलती है 
जिंदगी मिलती है रोते को khusi मिलती है


हो मेरी शेवावली मंत्री हर बात अच्छी है 
करनी पूरी है माता मेरी सच्ची है
सुख दुख बताई हैनापजा बनाती है
रक्षा करती है अपने बच्चो को
सारी दुनिया की दोलालात यही मिलती है 
जिंदगी मिलती है रोते को किसी मिलती है 
आर

रोता हुआ आए जो हस्तभुआ जलता है ... 
कहती 

पीपीए काट जाए पीपी

तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है 

4.
सर्व मंगल मंगले शिवे स्वार्थ साधिके करने त्र्यंबकं गौरी नारायणी नमोस्तुते

अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली 
हम सब उतारे तेरी आरती 

तेरे जगत पर भीड़ पड़ी है भारी मां
ओ दानव दल पर टूट पड़ी मां करके सिंह सवारी मां
ओ हम सब उतारे तेरी आरती 
अम्बे तू है जगदम्बे काली 

मां बेटे का है इस जग में बड़ा ही नॉर्मल नाता
पुट कुपित सुने है लेकिन माता न होती कुमाता 
मैया हम सब उतारे तेरी आरती
अम्बे तू है ...



नही मांगते ध्यान एली दौलत न चांदी न सोना मां
हम तो मांगे मां तेरे दिल में एक छोटा सा कोना 
मैया हम सब उतारे तेरी आरती 
वे तू है जगदम्बे 



हम सब उतारे तेरी आरती मैया4


कोई कमी नही है दर मैया के जा के देख 
देगी तुझे दर्शन मैया शिर झुका के देखा 
पल में भरेगी झूपिंतु झोली फैला के देख 

वो जाग में है है का
वो है कितनी दिन दयाल तुझे क्या बतलाई

जो सच्चे दिल से मां के द्वार जाता हाइवोह मुंह मांगा वार पता है
न रहे वो कंगाल सखी 
हो जाए 

वो कितनी है दिन दयाल सखी री तुझे क्या बतलाऊ

मां पल पल करती अपने भगत की रखवाली दुख हरे पालनमे शेरोवाली 
करे सभी सवाल सभी मन से भरम निकल सखी 
तू है कितनी दिन दयाल सखी री तेरे क्या बतलाई

मां 
मां ओ को देती लाल सखी रहने दे न्यू कोई ललक सखी 
ओ हाय कितनी दिन द्यालंतुझे में क्या बतलाउ


हर कमी करे मां शेरावाली 
लंबी है कहानी मां के उपकारी की
देती है मुसीबत टल सखी
वह है कितनी दिन दयाल सखी री तुझ एक्य बतल्लाऊ में





6।

जय हो अमृत की बरसे बदरिया अम्बे मां की दुवारिया ड





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