Monday, May 9, 2022

9/5/2022 महाराणा प्रताप की जय हो MAHARANA PRATAP

*महाराणा प्रताप (धर्म ध्वजा के रक्षक)* 


मां भारती की रक्षा में मुग़ल आक्रांताओ से अनवरत संघर्ष करने वाले राणा प्रताप सिंह का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था

मेवाड़ के सिसोदिया कुल के राणा प्रताप अपने पुरखों की भांति ही मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए जीवनपर्यंत संघर्षरत रहे

राणा प्रताप की अगुवाई में हल्दीघाटी के भीषण युद्ध मे केसरिया बाना ओढ़े 20000 राजपूतों की सेना ने 80000 मुग़ल सैनिकों को नाको चने चबवा दिए

तत्कालीन मुग़ल शासक अकबर ने राणा प्रताप से संधि के लिए चार बार प्रयास किए किन्तु प्रत्येक बार राणा प्रताप ने अकबर को तुर्क आक्रान्ता बतलाते हुए संधि से इनकार कर दिया

राणा ने अपने कुलदेवता एकलिंगजी को साक्षी मान कर ये प्रण लिया था कि जब तक वे चित्तौड़गढ़ को मुग़लो से छुड़ा नहीं लेते तब तक भूमि पर ही विश्राम करेंगे 

अपनी इस प्रतिज्ञा का उन्होंने जीवनपर्यंत कठोरता से अनुपालन किया

धर्म ध्वजा के रक्षक, अदम्य साहस और वीरता के प्रतिमूर्ति ऐसे युग पुरुष को कोटि कोटि प्रणाम 🌸🙏

 *मेरी संस्कृति.... मेरा देश....मेरा अभिमान🚩*



*Maharana Pratap (protector of the Dharma flag)*


 Rana Pratap Singh, who fought relentlessly against the Mughal invaders in the defense of Mother Bharati, was born on 9 May 1540 in Kumbhalgarh, Rajasthan.

 Like his ancestors, Rana Pratap of the Sisodia clan of Mewar struggled throughout his life for the freedom of the motherland.

 Under the leadership of Rana Pratap, in the fierce battle of Haldighati, the army of 20,000 Rajputs dressed in saffron robes chewed 80000 Mughal soldiers.

 The then Mughal ruler Akbar tried four times for a treaty with Rana Pratap, but each time Rana Pratap refused the treaty, calling Akbar a Turk invader.

 The Rana had taken a vow as a witness to his family deity Eklingji that he would rest on the ground till he freed Chittorgarh from the Mughals.

 He strictly adhered to this promise throughout his life.

 The protector of the flag of religion, the epitome of indomitable courage and valor, many salutes to such a man of the era.

  * my culture ... my country ... my pride *

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