Thursday, May 12, 2022

13/5/2022 पंचांग PANCHANG

*🌞 ~ आज का हिन्दू पंचांग- 🌞
*⛅दिनांक 13 मई 2022*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत - 2079*
*⛅शक संवत - 1944*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - वैशाख*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वादशी शाम 05:26 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र -  हस्त शाम 06:48 तक तत्पश्चातचित्रा*
*⛅योग -वज्र अपरान्ह 03:42 तक  तत्पश्चात सिद्धि*
*⛅राहुकाल - सुबह 10:57 से दोपहर 12:36 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:00*
*⛅सूर्यास्त - 07:13*
*⛅दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः  04:33 से 05:17 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12.14 से 12:57 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण- प्रदोष व्रत*
*⛅ विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅ स्कंद पुराण के अनुसार द्वादशी के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
*🔹प्रदोष व्रत 13 मई🔹* 
*🌹जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है । प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है। जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं , वह समय शिव पूजा व गुरु पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ होता है।*
*🌹वैशाख मास के अंतिम ३ दिन ( 14 मई से 16 मई 2022 )  महा पुण्यदायी🌹*
 *🌹‘स्कंद पुराण’ के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में अंतिम ३ दिन, त्रयोदशी से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियाँ बड़ी ही पवित्र और शुभकारक हैं | इनका नाम ‘ पुष्करिणी ’ हैं, ये सब पापों का क्षय करनेवाली हैं |*
*🌹जो सम्पूर्ण वैशाख मास में ब्राम्हमुहूर्त में पुण्यस्नान, व्रत, नियम आदि करने में असमर्थ हो, वह यदि इन ३ तिथियों में भी उसे करे तो वैशाख मास का पूरा फल पा लेता है |*
*🌹वैशाख मास में लौकिक कामनाओं का नियमन करने पर मनुष्य निश्चय ही भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त कर लेता है |*
*🌹जो वैशाख मास में अंतिम ३ दिन ‘गीता’ का पाठ करता है, उसे प्रतिदिन अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है |*
*🌹जो इन तीनों दिन ‘श्रीविष्णुसहस्रनाम’ का पाठ करता है, उसके पुण्यफल का वर्णन करने में तो इस भूलोक व स्वर्गलोक में कौन समर्थ है | अर्थात् वह महापुण्यवान हो जाता है |*
*🌹जो वैशाख के अंतिम ३ दिनों में ‘भागवत’ शास्त्र का श्रवण करता है, वह जल में कमल के पत्तों की भांति कभी पापों में लिप्त नहीं होता |*
*🌹इन अंतिम ३ दिनों में शास्त्र-पठन व पुण्यकर्मों से कितने ही मनुष्यों ने देवत्व प्राप्त कर लिया और कितने ही सिद्ध हो गये | अत: वैशाख के अंतिम दिनों में स्नान, दान, पूजन अवश्य करना चाहिए |*
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*🌞 ~ Today's Hindu Panchang-
 *⛅Date 13th May 2022*
 *⛅Day - Friday*
 *⛅Vikram Samvat - 2079*
 *Shak Samvat - 1944*
 *⛅ Ayan - Uttarayan*
 *⛅season - summer*
 * month - Vaishakh *
 * Paksha - Shukla *
 * date - twadashi till 05:26, then Trayodashi *
 * Constellation - hand painted till 06:48 after that Chitra*
 *⛅Yoga-Vajra till 03:42 pm after that Siddhi*
 *⛅ Rahu Kaal - from 10:57 am to 12:36 pm*
 *⛅Sunrise - 06:00*
 *⛅Sunset - 07:13*
 *⛅Dishashul - in the west direction*
 *⛅Brahma Muhurta- 04:33 am to 05:17 am*
 *Nishita Muhurta - night from 12.14 to 12:57*
 *Vrat festival description- Pradosh fast*
 * * Special - By eating Pootika (Poi) on Dwadashi, the son is destroyed. (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34)*
 * According to Skanda Purana, worship of Bilva tree should be done on the day of Dwadashi. By this the great sins like killing of Brahma are also destroyed.
 *🔹Pradosh Vrat May 13*
 On the day when Trayodashi Tithi prevails during Pradosh period, Pradosh fast is observed on the same day. Pradosh Kal starts from sunset. When Trayodashi Tithi and Pradosh are together, that time is best for Shiva Puja and Guru Puja.
 *🌹Last 3 days of Vaishakh month (May 14 to May 16, 2022) Maha Punyadayi🌹*
  * According to 'Skanda Purana', the last 3 days in the Shukla Paksha of Vaishakh month, from Trayodashi to Purnima, are very holy and auspicious. Her name is 'Pushkarini', she is the destroyer of all sins.
 *🌹 one who is unable to take holy bath, fasting, rules etc. during the Brahma Muhurta in the entire Vaishakh month, if he does it even on these 3 dates, then he gets the full fruit of Vaishakh month.
 By regulating the worldly desires in the month of Vaishakh, a person definitely gets the blessings of Lord Vishnu.
 The one who recites 'Gita' for the last 3 days in the month of Vaishakh, gets the fruits of the Ashwamedha Yagya every day.
 * Whoever recites 'Shri Vishnu Sahasranama' on these three days, who is capable of describing the merits of this world and heaven. That is, he becomes of great merit.
 * One who listens to 'Bhagvat' scripture during the last 3 days of Vaishakh, he never indulges in sins like lotus leaves in water.
 * In these last 3 days, how many people have attained divinity through scriptures-reading and virtuous deeds and how many have become perfect. Therefore, in the last days of Vaishakh, one must bathe, donate, worship.
 

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