Saturday, April 16, 2022

aaj ka shubh din happy Hanuman Day 16/4/2022

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक - 16 अप्रैल 2022*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत 03 बैसाख - 2079 (गुजरात-2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - वसंत ऋतु* 
⛅ *मास - चैत्र*
⛅ *पक्ष - शुक्ल* 
⛅ *तिथि - पूर्णिमा रात्रि 12:24 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
⛅ *नक्षत्र - हस्त सुबह 08:40 तक तत्पश्चात चित्रा*
⛅ *योग - हर्षण 17अप्रैल रात्रि 02:45 तक तत्पश्चात वज्र*
⛅  *राहुकाल - सुबह 09:29 से सुबह 11:04 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:20*
⛅ *सूर्यास्त - 18:56*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - व्रत पूर्णिमा, चैत्री पूर्णिमा, श्री हनुमान जयंती, वैशाख स्नान प्रारंभ, छत्रपति शिवाजी पुण्यतिथि*
💥 *विशेष - पूर्णिमा  के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

🌷 *हनुमान जयंती* 🌷
🙏🏻 *जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमारी घेर लेती है। इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है। ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है। इस बार 16 अप्रैल, शनिवार को हनुमान जयंती है। हनुमानजी की कृपा पाने का यह बहुत ही उचित अवसर है। यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कोई संकट न आए तो नीचे लिखे मंत्र का जप हनुमान जयंती के दिन करें। प्रति मंगलवार या शनिवार को भी इस मंत्र का जप कर सकते हैं।*
🌷 *मंत्र*
*ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा*
🙏🏻 *जप विधि*
👉🏻 *- सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ  वस्त्र पहनें।*
👉🏻 *- इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें।*
👉🏻 *- पारद हनुमान प्रतिमा के सामने इस मंत्र का जप करेंगे तो विशेष फल मिलता है।*
👉🏻 *- जप के लिए लाल मूँगे की माला का प्रयोग करें।*
🌷 *वैशाख मास स्नान आरंभ* 🌷
🙏🏻 *चैत्र शुक्ल पूर्णिमा से वैशाख मास स्नान आरंभ हो जाता है। यह स्नान पूरे वैशाख मास तक चलता है। इस बार वैशाख मास स्नान 16 अप्रैल, शनिवार से प्रारंभ हो रहा है ।*
🙏🏻 *स्कंदपुराण में वैशाख मास को सभी मासों में उत्तम बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि वैशाख मास में सूर्योदय से पहले जो व्यक्ति स्नान करता है तथा व्रत रखता है, वह भगवान विष्णु का कृपापात्र होता है। स्कंदपुराण में उल्लेख है कि महीरथ नामक राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था। इसमें व्रती को प्रतिदिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व किसी तीर्थस्थान, सरोवर, नदी या कुएं पर जाकर अथवा घर पर ही स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्योदय के समय अर्ध्र्य देते समय नीचे लिखा मंत्र बोलना चाहिए-*
🌷 *वैशाखे मेषगे भानौ प्रात: स्नानपरायण:।*
*अध्र्यं तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।*
🙏🏻 *वैशाख व्रत महात्म्य की कथा सुनना चाहिए तथा ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए। व्रती को एक समय भोजन करना चाहिए। वैशाख मास में जलदान का विशेष महत्व है। इस मास में प्याऊ की स्थापना करवानी चाहिए। पंखा, खरबूजा एवं अन्य फल, अन्न आदि का दान करना चाहिए।*
🙏🏻 *स्कंदपुराण के अनुसार इस मास में तेल लगाना, दिन में सोना, कांसे के बर्तन में भोजन करना, दो बार भोजन करना, रात में खाना आदि वर्जित माना गया है। वैशाख मास के देवता भगवान मधुसूदन हैं।*
📖 *

~ * today's Hindu calendar * ~
 *Date - 16 April 2022*
 *Day - Saturday*
 *Vikram Samvat 03 Baisakh - 2079 (Gujarat-2078)*
 *Shaka Samvat-1944*
 *Ayan - Uttarayan*
 * season - spring season *
 * month - Chaitra *
 *Paksha - Shukla*
 * date - full moon night till 12:24, then Pratipada *
 *constellation - hands till 08:40 in the morning, then Chitra*
 *Yoga-Harshan till 02:45 on April 17th, then thunderbolt*
 *Rahukal - from 09:29 in the morning to 11:04 in the morning*
 *sunrise - 06:20*
 *sunset - 18:56*
 *Dishashul - in the east direction*
 * Vrat festival details - Vrat Purnima, Chaitri Purnima, Shri Hanuman Jayanti, Vaishakh bathing, Chhatrapati Shivaji death anniversary*
 * Special - On the day of full moon, it is forbidden to eat and apply female-cohabitation and sesame oil. (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-38)*


 *Hanuman Jayanti*
 There are ups and downs in life. Sometimes an opponent harasses, and sometimes disease surrounds a member of the house. Apart from these, problems keep coming and going in life. In such a situation, worshiping Hanumanji is the best. This time Hanuman Jayanti is on Saturday, April 16. This is a very appropriate opportunity to get the blessings of Hanumanji. If you want that there should be no crisis in your life, then chant the below mentioned mantra on the day of Hanuman Jayanti. You can also chant this mantra every Tuesday or Saturday.*
 *mantra*
 *Om Namo Hanumante Rudravatarai Sarvashatrusamharanay Sarvarog Harai Sarvavasikaranaya Ramdutaay Swaha*
 🙏 *jap method*
 *- Waking up early in the morning, first of all, after retiring from daily activities like bath etc., wear clean clothes.*
 *- after this take the seat of Kush by bowing to your parents, guru, Ishta and family deity.*
 *- If you chant this mantra in front of Parad Hanuman statue, you get special results.*
 *- use red coral garland for chanting.*
 * Vaishakh month bath begins *
 🙏🏻 * Vaishakh month bath starts from Chaitra Shukla Purnima. This bath lasts for the entire Vaishakh month. This time Vaishakh month bath is starting from Saturday, April 16.*
 In the Skanda Purana, the month of Vaishakh has been described as the best of all the months. It is said in the Puranas that a person who takes a bath and observes a fast before sunrise in the month of Vaishakh, is the beneficiary of Lord Vishnu. It is mentioned in Skanda Purana that a king named Mahiratha had attained Vaikunth Dham only by taking Vaishakh bath. In this, the fasting should take bath every morning before sunrise by visiting a pilgrimage place, lake, river or well or at home itself. After taking bath, while offering Ardhya at sunrise, the following mantra should be uttered-*
 *Vaishakhe Meshge Bhanau in the morning bathing:.*
 *Adhyayam teh pradasyamami gharana madhusudan.*
 🙏🏻 * one should listen to the story of Vaishakh Vrat Mahatmya and chant Om Namo Bhagwate Vasudevaya Mantra as much as possible. The fasting should take one meal at a time. Water donation has special significance in the month of Vaishakh. Piau should be established in this month. Fan, melon and other fruits, grains etc. should be donated.
 🙏🏻 * According to Skanda Purana, applying oil in this month, sleeping during the day, eating food in bronze utensils, eating twice, eating at night etc. is considered taboo. The deity of Vaishakh month is Lord Madhusudan.*
 *Hindu Panchang 
 

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