Friday, January 21, 2022

navayug kee nav gati navalay ham navayug kee nav gati nav lay ham saadh rahe hokar nirbhay

नवयुग की नव गति नवलय हम 
नवयुग की नव गति नव लय हम 
साध रहे होकर निर्भय।
मुक्तकंठ से दसों - दिशा में, 
गूँजे भारत माँ की जय।।
         स्वतंत्रता का अमृत उत्सव
         जनगणमन का पर्व महान।
         याद आ रहे वीर सभी वे
         हुए देशहित जो बलिदान।।
         उनका कृतज्ञ वंदन करने का 
         महापर्व है यह निश्चय।।
         मुक्तकंठ से दसों - दिशा में  
         गूँजे भारत माँ की जय।।
बड़ी विकट थी कालरात्रि वह 
पराधीनता लदी हुई।
कितने कष्ट सहे माता ने 
युग समान वे सदी गईं।।
पंद्रह अगस्त सन सैंतालिस 
स्वातंत्र्य सूर्य था पुनः उदय।।
मुक्तकंठ से दसों - दिशा में  
गूँजे भारत माँ की जय।।
         सजग सपूत समर्थ बनें हम 
         कभी सूर्य यह अस्त न हो।
         अमृत पुत्रों के रहते फिर 
         भारत माता त्रस्त न हो।।
         यह स्वातंत्र्य फले और फूले 
         सदा रहे अमृत अक्षय।।
         मुक्तकंठ से दसों - दिशा में  
         गूँजे भारत माँ की जय


Hienglish
navayug kee nav gati navalay ham navayug kee nav gati nav lay ham saadh rahe hokar nirbhay. muktakanth se dason - disha mein, goonje bhaarat maan kee jay.. svatantrata ka amrt utsav janaganaman ka parv mahaan. yaad aa rahe veer sabhee ve hue deshahit jo balidaan.. unaka krtagy vandan karane ka mahaaparv hai yah nishchay.. muktakanth se dason - disha mein goonje bhaarat maan kee jay.. badee vikat thee kaalaraatri vah paraadheenata ladee huee. kitane kasht sahe maata ne yug samaan ve sadee gaeen.. pandrah agast san saintaalis svaatantry soory tha punah uday.. muktakanth se dason - disha mein goonje bhaarat maan kee jay.. sajag sapoot samarth banen ham kabhee soory yah ast na ho. amrt putron ke rahate phir bhaarat maata trast na ho.. yah svaatantry phale aur phoole sada rahe amrt akshay.. muktakanth se dason - disha mein goonje bhaarat maan kee jay..

Translation
We are the new speed of the new age
 New speed of new age, new rhythm we
 Be humble and fearless.
 From the free throat in the ten-direction,
 Echo Bharat

 Mata Ki Jai.
          elixir of freedom
          The festival of census is great.
          All they are missing
          The sacrifices made in the interest of the country.
          to thank them
          It is a great festival, for sure.
          in the ten-direction from the open throat
          Echo Bharat Mata Ki Jai.
 Kalratri was very difficult
 Independence laden.
 How much pain did the mother endure
 The century went by like an era.
 fifteen august sun forty seven
 The freedom sun was rising again.
 in the ten-direction from the open throat
 Echo Bharat Mata Ki Jai.
          Let us be alert sons capable
          Let the sun never set.
          Amrit sons then
          Mother India should not be troubled.
          This freedom flourished and flourished
          Always be Amrit Akshay.
          in the ten-direction from the open throat
          Echo Bharat Mata Ki Jai.

Tuesday, January 18, 2022

आपसी प्यार बढ़ाता आ रहा है संघ

आपसी प्यार बढ़ाता आ रहा है संघ 

हरदेव सिंह ‘मुसाफिर’ 

विश्व के समस्त हिन्दुओं में, परस्पर प्यार बढ़ाता आ रहा है संघ।

अपने धर्म पर चलने, अच्छे कर्म करने का मार्गदर्शन दिखाता आ रहा है संघ।

सभी धर्मों के लोगों को, समाजसेवी बनने के लिए, प्रेरित करता आ रहा है संघ।

ऊंच-नीच एवं सभी भेदभाव मिटाकर, आपसी सद्भाव बढ़ाता आ रहा है संघ।

देश पर आ जाए कोई संकट, या आपात स्थिति, या छेड़ दे इस पर कोई जंग,

निस्वार्थ सेवा भाव के साथ, हर प्रकार की सहायता पहुंचाता आ रहा है संघ।

जैन, बौद्ध व सिक्ख, वैष्णव पंथ के लोग भी बनते जा रहे हैं, स्वयंसेवक संघ

राष्ट्र सेवा से आत्म-शुद्धि एवं सबको अनुशासन सिखाता आ रहा है संघ।

जीवन-दृष्टि का ज्ञान, नए समाज का निर्माण, नारी शक्ति का सम्मान बढ़ाता आ रहा है संघ।

विभिन्नता में एकता, सभी देशवासियों में जागृति पैदा करता आ रहा है संघ।

वास्तव में सच्चे देशभक्तों का विश्वव्यापी संगठन बनता जा रहा है संघ।

जिस व्यक्ति में उठने लगे राष्ट्र-सेवा की तरंग, वो स्वयं बन जाता है, स्वयंसेवक संघ।

प्रतिकूल परिस्थितियों से निबटने के लिए भी व्यक्तियों में क्षमता पैदा करता आ रहा है संघ।

नए दृष्टिकोण एवं नए अनुभवों से सबको देशभक्त बनने का पाठ पढ़ाता आ रहा है संघ।

हम सबको संगठित करके आगे बढ्ने की प्रेरणा बल-बुद्धि-हिम्मत प्रदान करता आ रहा है संघ।

हमारे विचारों और स्वभावों में अगर अन्तर है, हमें सहनशीलता का सबक पढ़ाता आ रहा है संघ।

जो अपना गया एक बार मिशन संघ, वह खुशी से झूम-झूमकार कहने लगता है – 

मैं केवल हूँ स्वयंसेवक संघ।

देश की आत्मनिर्भरता के लिए आत्मिक ज्ञान-विज्ञान पर प्रतिदिन बल देता आ रहा है संघ।

प्रत्येक व्यक्ति को नेक नीति अपनाने, अच्छे चरित्र निर्माण का पाठ, अपनी शाखाओं में पढ़ाता आ रहा है संघ।

नए समाज का निर्माण, बहुगुनी जीवन-दृष्टि का ज्ञान देता आ रहा है संघ।

केवल योग्यता के आधार पर, प्रभावशाली विवेक पर, उच्च जीवन के आधार पर, 

राष्ट्रीय उच्च अधिकारी बनाता आ रहा है संघ।

 धर्म-ज्ञान, शास्त्र-ज्ञान, इतिहास-ज्ञान, एवं सतोगुण प्रवृत्तियों के मालिक को ही राष्ट्रीय संगठक बनाता आ रहा है संघ।

ऐसी विभिन्न योग्यताओं से भरपूर राष्ट्रीय संगठक भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने में लगे हैं, हमारे संग संघ।

हरदेव संघ व्यक्तिगत पूजा नहीं सिखाता, भगवा ध्वज को स्वर्वश्रेष्ठ गुरु मानने पर बल देता आ रहा है संघ।



Sunday, January 16, 2022

navayug kee nav gati nav lay ham saath rahe hokar nirbhay mukt kanth se dashon disha mein

https://youtu.be/mr5vX0NKtuU

नवयुग की नव गति नव लय हम 
साथ रहे होकर निर्भय 
मुक्त कंठ से दशों दिशा में , गूंजे भारत मां की जय

स्वतन्त्रता का अमृत उत्सव 
जन गण मन का पर्व महान 
याद आ रहे वीर सभी वे
 हुए देश हित जो बलिदान
श्रद्धा से वंदन करने का महापर्व है 
यह निश्चय
नवयुग की नव गति नव लय हम 
साथ रहे होकर निर्भय 
मुक्त कंठ से दशों दिशा में ,
 गूंजे भारत मां की जय

 बड़ी विकट थी कालरात्रि वह
 पराधीनता लदी हुई
 कितने कष्ट सहे माता ने
 युग सामान वह सदी गयी
15 अगस्त सन 1947 को
 स्वतंत्रता का सूर्य उदय
 मुक्त कंठ से दसों दिशा में गूंजे भारत भी की जय


सजग सपुत समर्थ बने हम
 कभी सूर्य यह अस्त न हो
 अमृत पुत्रों के रहते फिर भारत माता त्रस्त न हो
यह स्वातन्त्र फले और फुले सदा रहे अमृत अक्षय
 मुक्त कंठ से दसों दिशा में गूंजे भारत भी की जय


navayug kee nav gati nav lay ham saath rahe hokar nirbhay mukt kanth se dashon disha mein , goonje bhaarat maan kee jay svatantrata ka amrt utsav jan gan man ka parv mahaan yaad aa rahe veer sabhee ve hue desh hit jo balidaan shraddha se vandan karane ka mahaaparv hai yah nishchay navayug kee nav gati nav lay ham saath rahe hokar nirbhay mukt kanth se dashon disha mein , goonje bhaarat maan kee jay badee vikat thee kaalaraatri vah paraadheenata ladee huee kitane kasht sahe maata ne yug saamaan vah sadee gayee 15 agast san 1947 ko svatantrata ka soory uday mukt kanth se dason disha mein goonje bhaarat bhee kee jay sajag saput samarth bane ham kabhee soory yah ast na ho amrt putron ke rahate phir bhaarat maata trast na ho yah svaatantr phale aur phule sada rahe amrt akshay mukt kanth se dason disha mein goonje bhaarat bhee kee jay

उर्दू

نئے زمانے کی نئی رفتار، نئی تال ہم
 بے خوف اکٹھے ہونا
 بھارت ماتا کی جئے آزاد حلق سے دس سمتوں میں گونجی۔

 آزادی کا امرت
 جن گنا من کا عظیم تہوار
 وہ سب غائب ہیں۔
  ملکی مفاد میں قربانیاں دیں۔
 عقیدت کے ساتھ عبادت کرنا ایک عظیم تہوار ہے۔
 یہ یقینی ہے
 نئے زمانے کی نئی رفتار، نئی تال ہم
 بے خوف اکٹھے ہونا
 آزاد حلق سے دس سمتوں میں،
  گونگے بھارت ماں کی جئے ۔

  کلراتری بہت مشکل تھی۔
  آزادی سے بھری ہوئی
  ماں نے کتنا درد سہا تھا۔
  دور کی چیزیں جو صدی گزر گئی
 15 اگست 1947
  آزادی کا سورج طلوع
  گلوری ٹو انڈیا بھی آزاد حلق سے دس سمتوں میں گونجا۔


 آئیے بیٹوں باشعور بنیں۔
  سورج کو کبھی غروب نہ ہونے دیں۔
  امرت بیٹوں کی موجودگی سے ہندوستان ماتا کو دوبارہ پریشان نہیں ہونا چاہئے۔
 یہ آزادی ہمیشہ پھلے پھولے اور پھولے، امرت اکشے ہے۔
  گلوری ٹو انڈیا بھی آزاد حلق سے دس سمتوں میں گونجا۔

बांग्ला
নতুন যুগের নতুন গতি, নতুন ছন্দে আমরা
 নির্ভীক একসাথে থাকা
 মুক্ত গলায় ভারত মাতা কি জয় ধ্বনিত হল দশ দিকে

 স্বাধীনতার অমৃত
 জনগণের মহা উৎসব
 তারা সব অনুপস্থিত
  দেশের স্বার্থে ত্যাগ স্বীকার করেছেন
 শ্রদ্ধার সাথে পূজা করা একটি মহান উৎসব
 এটা নিশ্চিত
 নতুন যুগের নতুন গতি, নতুন ছন্দে আমরা
 নির্ভীক একসাথে থাকা
 মুক্ত গলা থেকে দশ দিকে,
  গঙ্গে ভারত মা কি জয়

  কালরাত্রি খুব কঠিন ছিল
  স্বাধীনতা দ্বারা লোড
  মা কত কষ্ট সহ্য করেছে
  যুগের জিনিস যে শতাব্দী চলে গেছে
 15ই আগস্ট 1947
  স্বাধীনতার সূর্যোদয়
  ভারতের গৌরবও মুক্ত গলায় দশ দিকে অনুরণিত হয়েছিল


 আসুন আমরা সচেতন ছেলেরা হই
  সূর্য অস্ত যেতে দিন
  অমৃতপুত্রের উপস্থিতিতে ভারত মাতা যেন আর বিচলিত না হয়।
 এই স্বাধীনতা চিরকাল বিকশিত হোক এবং প্রস্ফুটিত হোক, অমৃত অক্ষয়
  ভারতের গৌরবও মুক্ত গলায় দশ দিকে অনুরণিত হয়েছিল


उड़िया

ନୂତନ ଯୁଗର ନୂତନ ଗତି, ନୂତନ ଗୀତ ଆମେ |
 ନିର୍ଭୟରେ ଏକତ୍ର ରହିବା |
 ଭରତ ମାତା କି ଜୟ ଏକ ମୁକ୍ତ ଗଳା ସହିତ ଦଶ ଦିଗରେ ପ୍ରତିଧ୍ୱନିତ କଲା |

 ସ୍ୱାଧୀନତାର ଏଲିକ୍ସିର |
 ଜନ ଗଣ ମାନଙ୍କର ମହାନ ପର୍ବ |
 ସେମାନେ ସମସ୍ତେ ନିଖୋଜ ଅଛନ୍ତି |
  ଦେଶର ସ୍ୱାର୍ଥରେ ବଳିଦାନ |
 ସମ୍ମାନ ସହିତ ପୂଜା କରିବା ଏକ ମହାନ୍ ପର୍ବ |
 ଏହା ନିଶ୍ଚିତ
 ନୂତନ ଯୁଗର ନୂତନ ଗତି, ନୂତନ ଗୀତ ଆମେ |
 ନିର୍ଭୟରେ ଏକତ୍ର ରହିବା |
 ଦଶ ଦିଗରେ ମୁକ୍ତ ଗଳାରୁ,
  ଗଙ୍ଗେ ଭାରତ ମା କି ଜୟ |

  କାଲାଟ୍ରି ବହୁତ କଷ୍ଟସାଧ୍ୟ ଥିଲା |
  ସ୍ independence ାଧୀନତା ସହିତ ଲୋଡ୍ |
  ମାଆ କେତେ ଯନ୍ତ୍ରଣା ସହିଲା |
  ଯୁଗର ଷ୍ଟଫ୍ ସେହି ଶତାବ୍ଦୀ ଦେଇ ଗଲା |
 15 ଅଗଷ୍ଟ 1947
  ସ୍ୱାଧୀନତାର ସୂର୍ଯ୍ୟ ଉଦୟ |
  ଭାରତ ପାଇଁ ଗ ory ରବ ମଧ୍ୟ ଏକ ଗଳା ସହିତ ଦଶ ଦିଗରେ ପୁନ on ପ୍ରତିରୂପିତ |


 ଆସନ୍ତୁ ସଚେତନ ପୁଅ ହେବା |
  କଦାପି ସୂର୍ଯ୍ୟ ଅସ୍ତ ହେବାକୁ ଦିଅନ୍ତୁ ନାହିଁ |
  ଅମୃତପୁତ୍ରଙ୍କ ଉପସ୍ଥିତିରେ ମଦର ଇଣ୍ଡିଆକୁ ଆଉ କଷ୍ଟ ଦେବା ଉଚିତ୍ ନୁହେଁ |
 ଏହି ସ୍ freedom ାଧୀନତା ଚିରଦିନ ପାଇଁ ପ୍ରଫୁଲ୍ଲ ହେଉ ଏବଂ ଅମୃତଭଣ୍ଡା ହେଉଛି ଅକ୍ଷୟ |
  ଭାରତ ପାଇଁ ଗ ory ରବ ମଧ୍ୟ ଏକ ଗଳା ସହିତ ଦଶ ଦିଗରେ ପୁନ on ପ୍ରତିରୂପିତ |



गुजराती
નવા યુગની નવી ઝડપ, નવો લય અમે
 નિર્ભય સાથે રહેવું
 ભારત માતા કી જય મુક્ત ગળા સાથે દસ દિશાઓમાં ગુંજી ઉઠ્યું

 સ્વતંત્રતાનું અમૃત
 જન ગણ મન નો મહા ઉત્સવ
 તેઓ બધા ગુમ છે
  દેશના હિતમાં બલિદાન આપ્યું છે
 શ્રધ્ધાપૂર્વક પૂજા કરવી એ એક મહાન તહેવાર છે
 તે ચોક્કસ છે
 નવા યુગની નવી ઝડપ, નવો લય અમે
 નિર્ભય સાથે રહેવું
 મુક્ત ગળામાંથી દસ દિશામાં,
  ગોંગે ભારત મા કી જય

  કાલરાત્રિ ખૂબ જ મુશ્કેલ હતી
  સ્વતંત્રતાથી ભરેલું
  માતાએ કેટલી પીડા સહન કરી
  યુગ સામગ્રી કે સદી પસાર થઈ
 15મી ઓગસ્ટ 1947
  સ્વતંત્રતાનો સૂર્યોદય
  ભારતનો મહિમા પણ મુક્ત ગળા સાથે દસ દિશાઓમાં ગુંજી ઉઠ્યો


 ચાલો જાગૃત પુત્રો બનીએ
  ક્યારેય સૂર્યાસ્ત થવા દો
  અમૃત પુત્રોની હાજરીથી ભારત માતા ફરીથી પરેશાન ન થવી જોઈએ.
 આ સ્વતંત્રતા કાયમ ખીલે અને ખીલે, અમૃત અક્ષય છે
  ભારતનો મહિમા પણ મુક્ત ગળા સાથે દસ દિશાઓમાં ગુંજી ઉઠ્યો


नेपाली
नयाँ युगको नयाँ गति, नयाँ लय हामी
 निडर सँगै हुनु
 भारत माता की जय मुक्त गलाको साथ दश दिशामा गूंज्यो

 स्वतन्त्रता को अमृत
 जन गण मन को महान पर्व
 तिनीहरू सबै बेपत्ता छन्
  देशको हितमा बलिदान दिए
 श्रद्धापूर्वक पूजा गर्ने महान पर्व हो
 यो निश्चित छ
 नयाँ युगको नयाँ गति, नयाँ लय हामी
 निडर सँगै हुनु
 मुक्त गलाबाट दश दिशामा,
  गोंगे भारत माँ की जय

  कालरात्रि निकै कठिन थियो
  स्वतन्त्रताले भरिएको
  आमाले कति पिडा सहनु भयो
  युग सामान त्यो शताब्दी बित्यो
 15 अगस्त 1947
  स्वतन्त्रताको सूर्योदय
  भारतको महिमा पनि स्वतन्त्र गलाले दश दिशामा गुन्जियो


 सचेत बनौं छोराहरू
  घाम कहिल्यै अस्ताउन नदिनुहोस्
  अमृतपुत्रको उपस्थितिले भारत मातालाई फेरि विचलित नहोस्।
 यो स्वतन्त्रता सदा फुलिरहोस्, अमृत अक्षय हो
  भारतको महिमा पनि स्वतन्त्र गलाले दश दिशामा गुन्जियो


Malyalam

പുതിയ കാലത്തിന്റെ പുതിയ വേഗത, പുതിയ താളം ഞങ്ങൾ
 നിർഭയമായി ഒരുമിച്ചിരിക്കുക
 ഭാരത് മാതാ കീ ജയ് സ്വതന്ത്രമായ തൊണ്ടയിൽ പത്തു ദിക്കുകളിലും പ്രതിധ്വനിച്ചു

 സ്വാതന്ത്ര്യത്തിന്റെ അമൃതം
 ജനഗണമനയുടെ മഹോത്സവം
 അവരെല്ലാവരും കാണാതായിരിക്കുന്നു
  രാജ്യതാൽപ്പര്യത്തിന് വേണ്ടി ചെയ്ത ത്യാഗങ്ങൾ
 ആദരവോടെ ആരാധിക്കുന്ന മഹത്തായ ഉത്സവമാണിത്
 അത് ഉറപ്പാണ്
 പുതിയ കാലത്തിന്റെ പുതിയ വേഗത, പുതിയ താളം ഞങ്ങൾ
 നിർഭയമായി ഒരുമിച്ചിരിക്കുക
 സ്വതന്ത്ര തൊണ്ടയിൽ നിന്ന് പത്ത് ദിശകളിലേക്ക്,
  ഗോംഗേ ഭാരത് മാ കീ ജയ്

  കൽരാത്രി വളരെ ബുദ്ധിമുട്ടായിരുന്നു
  സ്വാതന്ത്ര്യത്തോടെ ലോഡ് ചെയ്തു
  അമ്മ എത്ര വേദന സഹിച്ചു
  ആ നൂറ്റാണ്ട് കടന്നു പോയ കാലഘട്ടത്തിലെ കാര്യങ്ങൾ
 1947 ഓഗസ്റ്റ് 15
  സ്വാതന്ത്ര്യത്തിന്റെ സൂര്യോദയം
  ഗ്ലോറി ടു ഇന്ത്യയും ഒരു സ്വതന്ത്ര കണ്ഠവുമായി പത്ത് ദിശകളിൽ പ്രതിധ്വനിച്ചു


 നമുക്ക് ബോധമുള്ള മക്കളാകാം
  ഒരിക്കലും സൂര്യനെ അസ്തമിക്കരുത്
  അമൃതപുത്രന്മാരുടെ സാന്നിധ്യംകൊണ്ട് ഭാരതമാതാവ് വീണ്ടും വിഷമിക്കരുത്.
 ഈ സ്വാതന്ത്ര്യം എന്നും പൂവണിയട്ടെ, അമൃത് അക്ഷയമാണ്
  ഗ്ലോറി ടു ഇന്ത്യയും ഒരു സ്വതന്ത്ര കണ്ഠവുമായി പത്ത് ദിശകളിൽ പ്രതിധ്വനിച്ചു

English

New speed of new age, new rhythm we
 being together fearless
 Bharat Mata Ki Jai echoed in ten directions with a free throat

 elixir of freedom
 The great festival of Jana Gana Mana
 All they are missing
  The sacrifices made in the interest of the country
 It is a great festival to worship with reverence
 it sure
 New speed of new age, new rhythm we
 being together fearless
 From free throat in ten directions,
  Gonge Bharat Maa Ki Jai

  Kalratri was very difficult
  loaded with independence
  How much pain did the mother endure
  era stuff that century went by
 15th August 1947
  sun rise of freedom
  Glory to India too resonated in ten directions with a free throat


 Let us become aware sons
  never let the sun set
  Mother India should not be troubled again by the presence of nectar sons.
 May this freedom flourish and bloom forever, the immortal nectar
  Glory to India too resonated in ten directions with a free throat

Hibru


מהירות חדשה של עידן חדש, קצב חדש אנחנו
 להיות ביחד ללא חת
 בהרט מאטה קי ג'אי הדהד לעשרה כיוונים בגרון חופשי

 סם החופש
 הפסטיבל הגדול של יאנה גנה מאנה
 כל מה שחסר להם
  הקורבנות שהועלו לטובת המדינה
 זהו פסטיבל נהדר להתפלל בו ביראת כבוד
 זה בטוח
 מהירות חדשה של עידן חדש, קצב חדש אנחנו
 להיות ביחד ללא חת
 מגרון חופשי לעשרה כיוונים,
  גונג בהרט מאה קי ג'אי

  קלרטרי היה קשה מאוד
  עמוס בעצמאות
  כמה כאב סבלה האם
  דברים של עידן שעברה המאה
 15 באוגוסט 1947
  זריחה של חופש שמש
  גם תהילה להודו הדהדה בעשרה כיוונים בגרון חופשי


 בואו נהיה בנים מודעים
  לעולם אל תיתן לשמש לשקוע
  אמא הודו לא צריכה להיות מוטרדת שוב מנוכחותם של בני צוף.
 שהחופש הזה יפרח ותפרח לנצח, הצוף הוא אקשאיה
  גם תהילה להודו הדהדה בעשרה כיוונים בגרון חופשי

Friday, January 14, 2022

vivekananda hamari sanskriti

स्वामी विवेकानंद !

काले-गोरे का भेद मिटाकर
जीवन-दर्शन दिखाया था।
भाइयों-बहनों ऐसा कहकर,
विश्व को अपना बनाया था।

विवेकानंद ने तब शिकागो में,
त्याग का पाठ पढ़ाया था।  
सात समन्दर पार  योगी ने,
देश का मान बढ़ाया था।  

रामकृष्ण परमहंस थे जिनके गुरु,  
वो मानवता के पुजारी थे।
वतन की मिट्टी में पले-बढ़े, 
ऐसे वो धर्माचारी थे।  

रुकना कभी न  ऐ ! युवकों,
जब तक लक्ष्य न पाना।
बेशकीमती होता है समय,
इसे न व्यर्थ  गंवाना।

वसुधैव कुटुम्बकम हो ध्येय तुम्हारा,
बस इसी बात पर बढ़ना।
मानवता की सीढ़ी चढ़कर,
भगवा ध्वज लहराना।

रामकेश एम.यादाव(कवि,साहित्यकार),मुंबई




*हिन्दू धर्म की 10 महत्वपूर्ण बातें*
         
*१. 10 ध्वनियां* 

1.घंटी, 2.शंख, 3.बांसुरी, 4.वीणा, 5. मंजीरा, 6.करतल, 7.बीन (पुंगी), 8.ढोल, 9.नगाड़ा और 10.मृदंग

*२. 10 कर्तव्य* 

1. संध्यावंदन, 2. व्रत, 3. तीर्थ, 4. उत्सव, 5. दान, 6. सेवा 7. संस्कार, 8. यज्ञ, 9. वेदपाठ, 10. धर्म प्रचार। 

*३. 10 दिशाएं*

दिशाएं 10 होती हैं जिनके नाम और क्रम इस प्रकार हैं- उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर और अधो। 

*४. 10 दिग्पाल*

10 दिशाओं के 10 दिग्पाल अर्थात द्वारपाल होते हैं या देवता होते हैं। उर्ध्व के ब्रह्मा, ईशान के शिव व ईश, पूर्व के इंद्र, आग्नेय के अग्नि या वह्रि, दक्षिण के यम, नैऋत्य के नऋति, पश्चिम के वरुण, वायव्य के वायु और मारुत, उत्तर के कुबेर और अधो के अनंत।

*५. 10 देवीय आत्मा*

 1.कामधेनु गाय, 2.गरुढ़, 3.संपाति-जटायु, 4.उच्चै:श्रवा अश्व, 5.ऐरावत हाथी, 6.शेषनाग-वासुकि, 7.रीझ मानव, 8.वानर मानव, 9.येति, 10.मकर।

*६. 10 देवीय वस्तुएं*

1.कल्पवृक्ष, 2.अक्षयपात्र, 3.कर वच कुंडल, 4.दिव्य धनुष और तरकश, 5.पारस मणि, 6.अश्वत्थामा की मणि, 7.स्यंमतक मणि, 8.पांचजन्य शंख, 9.कौस्तुभ मणि और संजीवनी बूटी।

*७. 10 पवित्र पेय*

 1.चरणामृत, 2.पंचामृत, 3.पंचगव्य, 4.सोमरस, 5.अमृत, 6.तुलसी रस, 7.खीर, 9.आंवला रस

*८. 10 महाविद्या*

1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4. भुवनेश्‍वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला।

*९. 10 उत्सव*

नवसंवत्सर, मकर संक्रांति, वसंत पंचमी, पोंगल, होली, दीपावली, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्‍टमी, महाशिवरात्री और नवरात्रि।

*१०. 10 बाल पुस्तकें*

1.पंचतंत्र, 2.हितोपदेश, 3.जातक कथाएं, 4.उपनिषद कथाएं, 5.वेताल पच्चिसी, 6.कथासरित्सागर, 7.सिंहासन बत्तीसी, 8.तेनालीराम, 9.शुकसप्तति, 10.बाल कहानी संग्रह।

*११....10 पूजा*

गंगा दशहरा, आंवला नवमी पूजा, वट सावित्री, तुलसी विवाह पूजा, शीतलाष्टमी, गोवर्धन पूजा, हरतालिका तिज, दुर्गा पूजा, भैरव पूजा और छठ पूजा।

*१२.10 धार्मिक स्थल*

12 ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ, 4 धाम, 7 पुरी, 7 नगरी, 4 मठ, आश्रम, 10 समाधि स्थल, 5 सरोवर, 10 पर्वत और 10 गुफाएं।

*१३.10 पूजा के फूल*

 आंकड़ा, गेंदा, पारिजात, चंपा, कमल, गुलाब, चमेली, गुड़हल, कनेर, और रजनीगंधा।

*१४. 10 धार्मिक सुगंध* 

गुग्गुल, चंदन, गुलाब, केसर, कर्पूर, अष्टगंथ, गुढ़-घी, समिधा, मेहंदी, चमेली।

*१५. 10 यम-नियम*

1.अहिंसा, 2.सत्य, 3.अस्तेय 4.ब्रह्मचर्य और 5.अपरिग्रह। 6.शौच 7.संतोष, 8.तप, 9.स्वाध्याय और 10.ईश्वर-प्रणिधान।

*१६. 10 सिद्धांत*

1.एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति (एक ही ईश्‍वर है दूसरा नहीं), 
2.आत्मा अमर है, 
3.पुनर्जन्म होता है, 
4.मोक्ष ही जीवन का लक्ष्य है,
5.कर्म का प्रभाव होता है, जिसमें से ‍कुछ प्रारब्ध रूप में होते हैं इसीलिए कर्म ही भाग्य है, 
6.संस्कारबद्ध जीवन ही जीवन है, 
7.ब्रह्मांड अनित्य और परिवर्तनशील है, 
8.संध्यावंदन-ध्यान ही सत्य है, 9.वेदपाठ और यज्ञकर्म ही धर्म है, 
10.दान ही पुण्य है।

ऊपर लिखी जानकारियों को अपने बच्चों को बचपन से ही बताए...🙏

Wednesday, January 12, 2022

jeevane yaavadaadaanan , syaat pradaanan tatodhikam . ityesha praarthanaasmaakan , bhagavan paripooryataam .

Subhashit jiwne aawda danm
https://youtu.be/3a06SrSHjpg

                          ॐ
                       सुभाषितम्
 जीवने यावदादानं , स्यात् प्रदानं ततोऽधिकम् । 
इत्येषा प्रार्थनाऽस्माकं , भगवन् परिपूर्यताम् ॥ 
भावार्थ- जीवन में जितना हमने लिया है , उससे अधिक हमारी ओर से दिया जाए । हे प्रभो , हमारी यह प्रार्थना परिपूर्ण करें ।

       Hinglish

    subhaashitam 

jeevane yaavadaadaanan , syaat pradaanan tatodhikam . ityesha praarthanaasmaakan , bhagavan paripooryataam . 


bhaavaarth- jeevan mein jitana hamane liya hai , usase adhik hamaaree or se diya jae . he prabho , hamaaree yah praarthana paripoorn karen .



Translation
Jeevene yavadadanam, syat providen tatodhikam.
 Ityesha prayer-smakam, Bhagwan paripuryatam.
 Meaning- We should give more from our side than what we have taken in life. O Lord, fulfill this prayer of ours.


saadho man ka maan tiyaago sukh dukh donon sam kari jaane , aur maan apamaana harakh sog te rahe ateeta , tin jag tat

saadho man ka maan tiyaago sukh dukh donon sam kari jaane , aur maan apamaana harakh sog te rahe ateeta , tin jag tat 

रात्रि प्रार्थना

साधो मन का मान तियागो 
काम क्रोध संगत दुरजन की ,
 ताते अहनिस भागो | 
साधो मन का मान तियागो 
सुख दुख दोनों सम करि जाने , 
और मान अपमाना 
हरख सोग ते रहे अतीता , 
तिन जग तत पिछाना ||
 उसतत निन्दा दोउ तियागे , 
खोजै पद निरवाणा 
जन नानक इह खेल कठिन है ,
 किनहुं गुरुमुख जाना ॥ 
साधो मन का मान तियागो

saadho man ka maan tiyaago kaam krodh sangat durajan kee , taate ahanis bhaago | saadho man ka maan tiyaago sukh dukh donon sam kari jaane , aur maan apamaana harakh sog te rahe ateeta , tin jag tat pichhaana || usatat ninda dou tiyaage , khojai pad niravaana jan naanak ih khel kathin hai , kinahun gurumukh jaana . saadho man ka maan tiyaago

Translation
Sadho's mind, tiyago kama anger, compatible with the evil, tate ahnis run away. Sadhno mind tiyago happiness and sorrow, both are equal, and respect and disrespect Harkh Sog te rahe pasta, three worlds tat pichhana || Usat blasphemy dou tiyage, search for pada nirvana Jan Nanak, this game is difficult, why should I go to Gurmukh? Tiego the honor of a pure mind
1.https://youtu.be/xBERN90ZFjY
2.https://youtu.be/3a06SrSHjpg
3.https://youtu.be/CyO8ocQkmck
4.https://youtu.be/D1Hx_A3TagI
5.https://youtu.be/241HqC9FqMs
6.https://youtu.be/b0UWFT1h1Ww

Tuesday, January 11, 2022

dogaree geet ) aazaadee da jashn manaachai ,chetta karachai veerain gee .desh dee khaatir ladane aale ,sooraveer ranadheeren gee

1.  ( dogaree geet ) aazaadee da jashn manaachai ,
chetta karachai veerain gee .
desh dee khaatir ladane aale ,
sooraveer ranadheeren gee

https://youtu.be/b0UWFT1h1Ww

( डोगरी गीत )
आज़ादी दा जश्न मनाचै , चेत्ता करचै वीरैं गी ।
देश दी ख़ातिर लडने आले , सूरवीर रणधीरें गी ।।

मंगलपांडे वीर भगतसिंह , नेता जी दी कुर्बानी
चलण नहीं दित्ती जिन्नै फ़िरंगी दी कोई बी मनमानी
आंच अणख गी आणआण

 नी दित्ती , बेच्चआ नेई जमीरैं गी || 1।|

घर घर दीप जगे खुशियें दे , उम्मीदें गी गास थ्होआ
दूर जेहडा मुश्किल लगदा हा , उब्बी जोक्का पास होआ
सौचैं गी मिली गेई बुलंदी , थ्होई गया जोश शरीरें गी ॥2॥

इय्यै इक तमन्ना बाक़ी , पूरा देश अखंड होऐ
जेहडा हा पैहलैं ओ होई जा , फ्ही नेई इसदी बंड हौऐ
मेस्सी देच्चै दिलें दे अंदर पे दिए इनै लकीरैं गी || 3 ||

  ( dogaree geet )
aazaadee da jashn manaachai ,
chetta karachai veerain gee .
desh dee khaatir ladane aale ,
sooraveer ranadheeren gee ..

mangalapaande veer bhagatasinh ,
neta jee dee kurbaanee
chalan nahin dittee jinnai firangee
dee koee bee manamaanee
aanch anakh gee aan nee dittee ,
bechcha neee jameerain gee || 1 |

ghar ghar deep jage khushiyen de ,
ummeeden gee gaas thhoa
door jehada mushkil lagada ha ,
ubbee jokka paas hoa
sauchain gee milee geee bulandee ,
thhoee gaya josh shareeren gee .।।2।। .

iyyai ik tamanna baaqee ,
poora desh akhand hoai
jehada ha paihalain o hoee ja ,
phhee neee isadee band hauai
messee dechchai dilen de andar
pe die inai lakeerain gee || 3 ||

(ڈوگری گانا)
آزادی دا، چیٹا کرچائی ویرنگی منائیں۔
ملک کی خاطر لڑنے آئے تھے، سرویر رندھیر جی۔

منگل پانڈے ویر بھگت سنگھ، نیتا جی نے قربانی دی۔
دتی جناح فرنگی دی کوئی من مانی ہو جاوے۔
آنچ آنکھ گی آن نی دتی، بیچا نی جمیران گی ||  1.|

  گھر گھر گہرے جاگتے خوشی، امید دو، گیس تھوا۔
دور جیہدا مشکل لگدا ہا، اوبی جوکا پاس ہویا
  2

میری ایک خواہش ہے کہ پورا ملک متحد ہو جائے۔
jehada ha paihalain o hoee ja , phhee neee isadee band hauai  messee dechchai dilen de andar pe die inai lakeerain gee || 3 ||

चंडी भर दे झोलीDogari BHAJAN Chandi mata bhar de jholi

चंडी भर दे झोली
Dogari BHAJAN 
Chandi mata bhar de jholi

चंडी माता भर दे झोलीकेह्न्दा रवांगा
देन वाली तुहियो माँ मैं लैंदा रवांगा

थोड़ी जेही दे दे मेनू चरना दी ख़ाक माँ
ऐना देवी माता जिहनी मेरी ऐ औकात माँ
सारी दुनिया नु माँ मैं केह्न्दा रवांगा
देन वाली तुहियो माँ मैं लैंदा रवांगा
चंडी माता भर दे झोलीकेह्न्दा रवांगा

बड़े दुःख देखे माता गरिबियां हंडा लईआ
तेरे नाम दिया ज्योता दिल च जगा लईआ
तेरे दिते दुःख सुख सेह्न्दा रवांगा,
देन वाली तुहियो माँ मैं लैंदा रवांगा
चंडी माता भर दे झोलीकेह्न्दा रवांगा

भक्तन नु तू सुख दिते माईआ बेशुमार ने
तेरे नाम पीछे ही माँ मेरी पेहचान ऐ,
महिमा तेरे नाम वाली गाउंदा रवांगा
देन वाली तुहियो माँ मैं लैंदा रवांगा
चंडी माता भर दे झोलीकेह्न्दा रवांगा