Sunday, January 16, 2022

navayug kee nav gati nav lay ham saath rahe hokar nirbhay mukt kanth se dashon disha mein

https://youtu.be/mr5vX0NKtuU

नवयुग की नव गति नव लय हम 
साथ रहे होकर निर्भय 
मुक्त कंठ से दशों दिशा में , गूंजे भारत मां की जय

स्वतन्त्रता का अमृत उत्सव 
जन गण मन का पर्व महान 
याद आ रहे वीर सभी वे
 हुए देश हित जो बलिदान
श्रद्धा से वंदन करने का महापर्व है 
यह निश्चय
नवयुग की नव गति नव लय हम 
साथ रहे होकर निर्भय 
मुक्त कंठ से दशों दिशा में ,
 गूंजे भारत मां की जय

 बड़ी विकट थी कालरात्रि वह
 पराधीनता लदी हुई
 कितने कष्ट सहे माता ने
 युग सामान वह सदी गयी
15 अगस्त सन 1947 को
 स्वतंत्रता का सूर्य उदय
 मुक्त कंठ से दसों दिशा में गूंजे भारत भी की जय


सजग सपुत समर्थ बने हम
 कभी सूर्य यह अस्त न हो
 अमृत पुत्रों के रहते फिर भारत माता त्रस्त न हो
यह स्वातन्त्र फले और फुले सदा रहे अमृत अक्षय
 मुक्त कंठ से दसों दिशा में गूंजे भारत भी की जय


navayug kee nav gati nav lay ham saath rahe hokar nirbhay mukt kanth se dashon disha mein , goonje bhaarat maan kee jay svatantrata ka amrt utsav jan gan man ka parv mahaan yaad aa rahe veer sabhee ve hue desh hit jo balidaan shraddha se vandan karane ka mahaaparv hai yah nishchay navayug kee nav gati nav lay ham saath rahe hokar nirbhay mukt kanth se dashon disha mein , goonje bhaarat maan kee jay badee vikat thee kaalaraatri vah paraadheenata ladee huee kitane kasht sahe maata ne yug saamaan vah sadee gayee 15 agast san 1947 ko svatantrata ka soory uday mukt kanth se dason disha mein goonje bhaarat bhee kee jay sajag saput samarth bane ham kabhee soory yah ast na ho amrt putron ke rahate phir bhaarat maata trast na ho yah svaatantr phale aur phule sada rahe amrt akshay mukt kanth se dason disha mein goonje bhaarat bhee kee jay

उर्दू

نئے زمانے کی نئی رفتار، نئی تال ہم
 بے خوف اکٹھے ہونا
 بھارت ماتا کی جئے آزاد حلق سے دس سمتوں میں گونجی۔

 آزادی کا امرت
 جن گنا من کا عظیم تہوار
 وہ سب غائب ہیں۔
  ملکی مفاد میں قربانیاں دیں۔
 عقیدت کے ساتھ عبادت کرنا ایک عظیم تہوار ہے۔
 یہ یقینی ہے
 نئے زمانے کی نئی رفتار، نئی تال ہم
 بے خوف اکٹھے ہونا
 آزاد حلق سے دس سمتوں میں،
  گونگے بھارت ماں کی جئے ۔

  کلراتری بہت مشکل تھی۔
  آزادی سے بھری ہوئی
  ماں نے کتنا درد سہا تھا۔
  دور کی چیزیں جو صدی گزر گئی
 15 اگست 1947
  آزادی کا سورج طلوع
  گلوری ٹو انڈیا بھی آزاد حلق سے دس سمتوں میں گونجا۔


 آئیے بیٹوں باشعور بنیں۔
  سورج کو کبھی غروب نہ ہونے دیں۔
  امرت بیٹوں کی موجودگی سے ہندوستان ماتا کو دوبارہ پریشان نہیں ہونا چاہئے۔
 یہ آزادی ہمیشہ پھلے پھولے اور پھولے، امرت اکشے ہے۔
  گلوری ٹو انڈیا بھی آزاد حلق سے دس سمتوں میں گونجا۔

बांग्ला
নতুন যুগের নতুন গতি, নতুন ছন্দে আমরা
 নির্ভীক একসাথে থাকা
 মুক্ত গলায় ভারত মাতা কি জয় ধ্বনিত হল দশ দিকে

 স্বাধীনতার অমৃত
 জনগণের মহা উৎসব
 তারা সব অনুপস্থিত
  দেশের স্বার্থে ত্যাগ স্বীকার করেছেন
 শ্রদ্ধার সাথে পূজা করা একটি মহান উৎসব
 এটা নিশ্চিত
 নতুন যুগের নতুন গতি, নতুন ছন্দে আমরা
 নির্ভীক একসাথে থাকা
 মুক্ত গলা থেকে দশ দিকে,
  গঙ্গে ভারত মা কি জয়

  কালরাত্রি খুব কঠিন ছিল
  স্বাধীনতা দ্বারা লোড
  মা কত কষ্ট সহ্য করেছে
  যুগের জিনিস যে শতাব্দী চলে গেছে
 15ই আগস্ট 1947
  স্বাধীনতার সূর্যোদয়
  ভারতের গৌরবও মুক্ত গলায় দশ দিকে অনুরণিত হয়েছিল


 আসুন আমরা সচেতন ছেলেরা হই
  সূর্য অস্ত যেতে দিন
  অমৃতপুত্রের উপস্থিতিতে ভারত মাতা যেন আর বিচলিত না হয়।
 এই স্বাধীনতা চিরকাল বিকশিত হোক এবং প্রস্ফুটিত হোক, অমৃত অক্ষয়
  ভারতের গৌরবও মুক্ত গলায় দশ দিকে অনুরণিত হয়েছিল


उड़िया

ନୂତନ ଯୁଗର ନୂତନ ଗତି, ନୂତନ ଗୀତ ଆମେ |
 ନିର୍ଭୟରେ ଏକତ୍ର ରହିବା |
 ଭରତ ମାତା କି ଜୟ ଏକ ମୁକ୍ତ ଗଳା ସହିତ ଦଶ ଦିଗରେ ପ୍ରତିଧ୍ୱନିତ କଲା |

 ସ୍ୱାଧୀନତାର ଏଲିକ୍ସିର |
 ଜନ ଗଣ ମାନଙ୍କର ମହାନ ପର୍ବ |
 ସେମାନେ ସମସ୍ତେ ନିଖୋଜ ଅଛନ୍ତି |
  ଦେଶର ସ୍ୱାର୍ଥରେ ବଳିଦାନ |
 ସମ୍ମାନ ସହିତ ପୂଜା କରିବା ଏକ ମହାନ୍ ପର୍ବ |
 ଏହା ନିଶ୍ଚିତ
 ନୂତନ ଯୁଗର ନୂତନ ଗତି, ନୂତନ ଗୀତ ଆମେ |
 ନିର୍ଭୟରେ ଏକତ୍ର ରହିବା |
 ଦଶ ଦିଗରେ ମୁକ୍ତ ଗଳାରୁ,
  ଗଙ୍ଗେ ଭାରତ ମା କି ଜୟ |

  କାଲାଟ୍ରି ବହୁତ କଷ୍ଟସାଧ୍ୟ ଥିଲା |
  ସ୍ independence ାଧୀନତା ସହିତ ଲୋଡ୍ |
  ମାଆ କେତେ ଯନ୍ତ୍ରଣା ସହିଲା |
  ଯୁଗର ଷ୍ଟଫ୍ ସେହି ଶତାବ୍ଦୀ ଦେଇ ଗଲା |
 15 ଅଗଷ୍ଟ 1947
  ସ୍ୱାଧୀନତାର ସୂର୍ଯ୍ୟ ଉଦୟ |
  ଭାରତ ପାଇଁ ଗ ory ରବ ମଧ୍ୟ ଏକ ଗଳା ସହିତ ଦଶ ଦିଗରେ ପୁନ on ପ୍ରତିରୂପିତ |


 ଆସନ୍ତୁ ସଚେତନ ପୁଅ ହେବା |
  କଦାପି ସୂର୍ଯ୍ୟ ଅସ୍ତ ହେବାକୁ ଦିଅନ୍ତୁ ନାହିଁ |
  ଅମୃତପୁତ୍ରଙ୍କ ଉପସ୍ଥିତିରେ ମଦର ଇଣ୍ଡିଆକୁ ଆଉ କଷ୍ଟ ଦେବା ଉଚିତ୍ ନୁହେଁ |
 ଏହି ସ୍ freedom ାଧୀନତା ଚିରଦିନ ପାଇଁ ପ୍ରଫୁଲ୍ଲ ହେଉ ଏବଂ ଅମୃତଭଣ୍ଡା ହେଉଛି ଅକ୍ଷୟ |
  ଭାରତ ପାଇଁ ଗ ory ରବ ମଧ୍ୟ ଏକ ଗଳା ସହିତ ଦଶ ଦିଗରେ ପୁନ on ପ୍ରତିରୂପିତ |



गुजराती
નવા યુગની નવી ઝડપ, નવો લય અમે
 નિર્ભય સાથે રહેવું
 ભારત માતા કી જય મુક્ત ગળા સાથે દસ દિશાઓમાં ગુંજી ઉઠ્યું

 સ્વતંત્રતાનું અમૃત
 જન ગણ મન નો મહા ઉત્સવ
 તેઓ બધા ગુમ છે
  દેશના હિતમાં બલિદાન આપ્યું છે
 શ્રધ્ધાપૂર્વક પૂજા કરવી એ એક મહાન તહેવાર છે
 તે ચોક્કસ છે
 નવા યુગની નવી ઝડપ, નવો લય અમે
 નિર્ભય સાથે રહેવું
 મુક્ત ગળામાંથી દસ દિશામાં,
  ગોંગે ભારત મા કી જય

  કાલરાત્રિ ખૂબ જ મુશ્કેલ હતી
  સ્વતંત્રતાથી ભરેલું
  માતાએ કેટલી પીડા સહન કરી
  યુગ સામગ્રી કે સદી પસાર થઈ
 15મી ઓગસ્ટ 1947
  સ્વતંત્રતાનો સૂર્યોદય
  ભારતનો મહિમા પણ મુક્ત ગળા સાથે દસ દિશાઓમાં ગુંજી ઉઠ્યો


 ચાલો જાગૃત પુત્રો બનીએ
  ક્યારેય સૂર્યાસ્ત થવા દો
  અમૃત પુત્રોની હાજરીથી ભારત માતા ફરીથી પરેશાન ન થવી જોઈએ.
 આ સ્વતંત્રતા કાયમ ખીલે અને ખીલે, અમૃત અક્ષય છે
  ભારતનો મહિમા પણ મુક્ત ગળા સાથે દસ દિશાઓમાં ગુંજી ઉઠ્યો


नेपाली
नयाँ युगको नयाँ गति, नयाँ लय हामी
 निडर सँगै हुनु
 भारत माता की जय मुक्त गलाको साथ दश दिशामा गूंज्यो

 स्वतन्त्रता को अमृत
 जन गण मन को महान पर्व
 तिनीहरू सबै बेपत्ता छन्
  देशको हितमा बलिदान दिए
 श्रद्धापूर्वक पूजा गर्ने महान पर्व हो
 यो निश्चित छ
 नयाँ युगको नयाँ गति, नयाँ लय हामी
 निडर सँगै हुनु
 मुक्त गलाबाट दश दिशामा,
  गोंगे भारत माँ की जय

  कालरात्रि निकै कठिन थियो
  स्वतन्त्रताले भरिएको
  आमाले कति पिडा सहनु भयो
  युग सामान त्यो शताब्दी बित्यो
 15 अगस्त 1947
  स्वतन्त्रताको सूर्योदय
  भारतको महिमा पनि स्वतन्त्र गलाले दश दिशामा गुन्जियो


 सचेत बनौं छोराहरू
  घाम कहिल्यै अस्ताउन नदिनुहोस्
  अमृतपुत्रको उपस्थितिले भारत मातालाई फेरि विचलित नहोस्।
 यो स्वतन्त्रता सदा फुलिरहोस्, अमृत अक्षय हो
  भारतको महिमा पनि स्वतन्त्र गलाले दश दिशामा गुन्जियो


Malyalam

പുതിയ കാലത്തിന്റെ പുതിയ വേഗത, പുതിയ താളം ഞങ്ങൾ
 നിർഭയമായി ഒരുമിച്ചിരിക്കുക
 ഭാരത് മാതാ കീ ജയ് സ്വതന്ത്രമായ തൊണ്ടയിൽ പത്തു ദിക്കുകളിലും പ്രതിധ്വനിച്ചു

 സ്വാതന്ത്ര്യത്തിന്റെ അമൃതം
 ജനഗണമനയുടെ മഹോത്സവം
 അവരെല്ലാവരും കാണാതായിരിക്കുന്നു
  രാജ്യതാൽപ്പര്യത്തിന് വേണ്ടി ചെയ്ത ത്യാഗങ്ങൾ
 ആദരവോടെ ആരാധിക്കുന്ന മഹത്തായ ഉത്സവമാണിത്
 അത് ഉറപ്പാണ്
 പുതിയ കാലത്തിന്റെ പുതിയ വേഗത, പുതിയ താളം ഞങ്ങൾ
 നിർഭയമായി ഒരുമിച്ചിരിക്കുക
 സ്വതന്ത്ര തൊണ്ടയിൽ നിന്ന് പത്ത് ദിശകളിലേക്ക്,
  ഗോംഗേ ഭാരത് മാ കീ ജയ്

  കൽരാത്രി വളരെ ബുദ്ധിമുട്ടായിരുന്നു
  സ്വാതന്ത്ര്യത്തോടെ ലോഡ് ചെയ്തു
  അമ്മ എത്ര വേദന സഹിച്ചു
  ആ നൂറ്റാണ്ട് കടന്നു പോയ കാലഘട്ടത്തിലെ കാര്യങ്ങൾ
 1947 ഓഗസ്റ്റ് 15
  സ്വാതന്ത്ര്യത്തിന്റെ സൂര്യോദയം
  ഗ്ലോറി ടു ഇന്ത്യയും ഒരു സ്വതന്ത്ര കണ്ഠവുമായി പത്ത് ദിശകളിൽ പ്രതിധ്വനിച്ചു


 നമുക്ക് ബോധമുള്ള മക്കളാകാം
  ഒരിക്കലും സൂര്യനെ അസ്തമിക്കരുത്
  അമൃതപുത്രന്മാരുടെ സാന്നിധ്യംകൊണ്ട് ഭാരതമാതാവ് വീണ്ടും വിഷമിക്കരുത്.
 ഈ സ്വാതന്ത്ര്യം എന്നും പൂവണിയട്ടെ, അമൃത് അക്ഷയമാണ്
  ഗ്ലോറി ടു ഇന്ത്യയും ഒരു സ്വതന്ത്ര കണ്ഠവുമായി പത്ത് ദിശകളിൽ പ്രതിധ്വനിച്ചു

English

New speed of new age, new rhythm we
 being together fearless
 Bharat Mata Ki Jai echoed in ten directions with a free throat

 elixir of freedom
 The great festival of Jana Gana Mana
 All they are missing
  The sacrifices made in the interest of the country
 It is a great festival to worship with reverence
 it sure
 New speed of new age, new rhythm we
 being together fearless
 From free throat in ten directions,
  Gonge Bharat Maa Ki Jai

  Kalratri was very difficult
  loaded with independence
  How much pain did the mother endure
  era stuff that century went by
 15th August 1947
  sun rise of freedom
  Glory to India too resonated in ten directions with a free throat


 Let us become aware sons
  never let the sun set
  Mother India should not be troubled again by the presence of nectar sons.
 May this freedom flourish and bloom forever, the immortal nectar
  Glory to India too resonated in ten directions with a free throat

Hibru


מהירות חדשה של עידן חדש, קצב חדש אנחנו
 להיות ביחד ללא חת
 בהרט מאטה קי ג'אי הדהד לעשרה כיוונים בגרון חופשי

 סם החופש
 הפסטיבל הגדול של יאנה גנה מאנה
 כל מה שחסר להם
  הקורבנות שהועלו לטובת המדינה
 זהו פסטיבל נהדר להתפלל בו ביראת כבוד
 זה בטוח
 מהירות חדשה של עידן חדש, קצב חדש אנחנו
 להיות ביחד ללא חת
 מגרון חופשי לעשרה כיוונים,
  גונג בהרט מאה קי ג'אי

  קלרטרי היה קשה מאוד
  עמוס בעצמאות
  כמה כאב סבלה האם
  דברים של עידן שעברה המאה
 15 באוגוסט 1947
  זריחה של חופש שמש
  גם תהילה להודו הדהדה בעשרה כיוונים בגרון חופשי


 בואו נהיה בנים מודעים
  לעולם אל תיתן לשמש לשקוע
  אמא הודו לא צריכה להיות מוטרדת שוב מנוכחותם של בני צוף.
 שהחופש הזה יפרח ותפרח לנצח, הצוף הוא אקשאיה
  גם תהילה להודו הדהדה בעשרה כיוונים בגרון חופשי

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