Saturday, August 29, 2020

29/8/2020 Sampoorna Ekadashi fasting Ekadashi fasting introduction Ekadashi fasting

सम्पूर्ण एकादशी व्रत

 एकादशी व्रत परिचय 

एकादशी व्रत परिचय व्रत एवं उपवास का महत्व हर देश में हैं । प्रत्येक धर्म व्रत के लिए आज्ञा देता है , क्योंकि इसका विधान आत्मा और मन की शुद्धि के लिए हैं । व्रत या उपवास करने से ज्ञानशक्ति में वृद्धि होती है तथा सद्विचारों की शक्ति प्राप्त होती है । व्रत एवं उपवास में निषेध आहार का त्याग एवं सात्विक आहार का विधान हैं , इसलिए व्रत एवं उपवास आरोग्य एवं दीर्घ जीवन की प्राप्ति के उत्तम साधन हैं । जो व्यक्ति नियमित व्रत एवं उपवास करते हैं , उन्हें उत्तम स्वास्थ्य तथा दीर्घ जीवन की प्राप्ति के साथ - साथ इस लोक में सुख तथा ईश्वर के चरणों में स्थान मिलता है । नारद पुराण में व्रतों का माहात्म्य बताते हुए लिखा गया है कि - गंगा के समान कोई अन्य तीर्थ नहीं , माँ के समान कोई गुरु नहीं , भगवान विष्णु जैसा कोई देवता नहीं तथा व्रत एवं उपवास जैसा कोई तप नहीं । व्रतों में एकादशी व्रत को सर्वोपरि माना गया है । प्रत्येक मास में दो एकादशी होती हैं । अधिक या लौद मास पड़ने पर उस मास की दो अन्य एकादशी और होती हैं । इस प्रकार कुल छब्बीस ( 26 ) एकादशियाँ हैं । ये सभी एकादशियाँ अपने नाम के अनुरूप फल देने वाली हैं , जिनकी कथा तथा विधि सुनने से सब भली प्रकार ज्ञात हो जाता है । एकादशी की उत्पत्ति तथा माहात्य के पढ़ने और सुनने तथा भजन - कीर्तन करने से मनुष्य सुरखों को प्राप्त कर अन्त में विष्णुलोक को प्राप्त करता है । एकादशी व्रत के दो भेद हैं - नित्य और काम्य । यदि एकादशी का व्रत बिना किसी फल की इच्छा से किया जाए तो वह नित्य कहलाता है । और यदि किसी प्रकार के फल की इच्छा जैसे - धन , पुत्र आदि की प्राप्ति अथवा रोग , दोष , क्लेश आदि से मुक्ति के लिए किया जाए तो वह काम्य कहलाता है । 
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Sampoorna Ekadashi fasting Ekadashi fasting introduction Ekadashi fasting introduction fasting and fasting are of importance in every country.  Each religion gives permission for the fast, because its laws are for purification of soul and mind.  Fasting or fasting increases the power of knowledge and the power of good thoughts.  Prohibition in fasting and fasting is the practice of renunciation of food and the practice of satvic food, so fasting and fasting are the best means of achieving health and long life.  Those who fast and fast regularly get good health and long life, as well as happiness in this world and find a place at the feet of God.  In Narada Purana it is written that the importance of fasts is like - no other pilgrimage like Ganga, no guru like mother, no deity like Lord Vishnu and no tenacity like fasting and fasting.  Ekadashi fasting is considered to be paramount in the fasts.  There are two Ekadashi in each month.  In case of excess or Loud month, there are two other Ekadashi of that month.  Thus, there are twenty-six (26) Ekadashis.  All these Ekadashis are going to give fruits according to their name, whose story and method are well known by listening.  By reading and listening to the origin and greatness of Ekadashi and performing bhajan-kirtan, man achieves visions and finally attains Vishnuloka.  Ekadashi Vrat has two distinctions - Nitya and Kamya.  If the fast of Ekadashi is done without any fruit, then it is called daily.  And if the desire for some kind of fruit like money, son etc. is made for the attainment or freedom from disease, defect, tribulation etc., then it is called Kamya. 
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