Sunday, July 19, 2020

देश हमें देता है सब कुछदेश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें ॥धृ॥सूरज हमें रौशनी देता, हवा नया जीवन देती है । भूख मिटने को हम सबकी, धरती पर होती खेती है ।औरों का भी हित हो जिसमें, हम ऐसा कुछ करना सीखें ॥१॥गरमी की तपती दुपहर में, पेड़ सदा देते हैं छाया ।सुमन सुगंध सदा देते हैं, हम सबको फूलों की माला ।त्यागी तरुओं के जीवन से, हम परहित कुछ करना सीखें ॥२॥जो अनपढ़ हैं उन्हें पढ़ाएँ , जो चुप हैं उनको वाणी दें ।पिछड़ गए जो उन्हें बढ़ाएँ, समरसता का भाव जगा दें ।हम मेहनत के दीप जलाकर, नया उजाला करना सीखें ॥३॥

देश हमें देता है सब कुछ




देश हमें देता है सब कुछहम भी तो कुछ देना सीखें ॥धृ॥

सूरज हमें रौशनी देताहवा नया जीवन देती है  
भूख मिटने को हम सबकीधरती पर होती खेती है 
औरों का भी हित हो जिसमेंहम ऐसा कुछ करना सीखें ॥१॥

गरमी की तपती दुपहर मेंपेड़ सदा देते हैं छाया 
सुमन सुगंध सदा देते हैंहम सबको फूलों की माला 
त्यागी तरुओं के जीवन सेहम परहित कुछ करना सीखें ॥२॥

जो अनपढ़ हैं उन्हें पढ़ाएँ , जो चुप हैं उनको वाणी दें 
पिछड़ गए जो उन्हें बढ़ाएँसमरसता का भाव जगा दें 
हम मेहनत के दीप जलाकरनया उजाला करना सीखें ॥३॥

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