Friday, June 26, 2020

20/6/2020अहंकार को छोड़कर ,नम्रतापूर्वक व्यवहार अपनाओ

*धैर्य सें पढना मेरे दोस्त, एक वाक्य भी दिल में बैठ गया तो जीवन सार्थक हो जायेगा .....*
🙏

 *मैं रूठा,*
      *तुम भी रुठ गए,*
फिर मनाएगा कौन? 

 *आज दरार है,*
      *कल खाई होगी,*
फिर भरेगा कौन? 

 *मैं चुप,*
      *तुम भी चुप,*
 इस चुप्पी को फिर तोडेगा कौन? 

 *छोटी बात को लगा लोगे दिल सें,*
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन? 
 
 *दु:खी मैं भी*
*और तुम भी, बिछडकर,*
सोचो हाथ फिर बढाएगा कौन? 

 *न मैं राजी,*
      *न तुम राजी,*
फिर माफ करनें का बडप्पन 
दिखाएगा कौन? 

 *डूब जाएगा यादों में*
*दिल कभी,*
 तो फिर धैर्य बंधाएगा कौन? 

 *एक अहम् मेरे,*
      *एक तेरे भीतर भी,*
इस अहम् को फिर हराएगा कौन? 

 *जिंदगी किसको*
*मिली है सदा के लिए,*
फिर इन लम्हों में अकेला
रह जाएगा कौन? 

 *मूंद ली दोनों में से*
*गर किसी दिन,एक ने आँखे ....*
तो कल इस बात पर फिर 
पछतायेगा कौन? 

 *अहंकार को छोड़कर ,नम्रतापूर्वक व्यवहार अपनाओ।*😊

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