Friday, May 29, 2020

29/5/2020 शिवाजी की सहनशीलता . ,🔯Tolerance of Shivaji.

शिवाजी की सहनशीलता .


वीर मराठा छत्रपति शिवाजी अपने शत्रुओं को क्षमा दान देने के लिए काफी प्रसिद्ध है । ऐसी ही एक घटना है । एक बार शिवाजी अपने शयनकक्ष में सो रहे थे । रात का समय था । एक चौदह वर्ष का बालक किसी तरह छुपकर उनके शयनकक्ष में जा पहुँचा । वह शिवाजी को मारने आया था । लेकिन शिवाजी के विश्वस्त सेनापति तानाजी ने उसे पहले ही देख लिया था । लेकिन फिर भी उन्होंने उसे जाने दिया । वह जानना चाहते थे कि आखिर यह लड़का क्या करने आया है ! उस लड़के ने तलवार निकाली और शिवाजी पर चलाने ही वाला था कि पीछे से तानाजी ने उसका हाथ पकड़ लिया । इतने में शिवाजी की भी नींद टूट गई ।उन्होंने उस बालक से पूछा कि तुम कौन हो और यहाँ क्यों आये हो ? उस बालक ने निडरता पूर्वक बताया कि उसका नाम मालोजी है और वह शिवाजी की हत्या करने आया था ।जब शिवाजी ने उससे कारण पूछा तो उसने बताया कि “ मैं एक गरीब घर से हूँ तथा मेरी माँ कई दिनों से भूरवी है । इसलिए अगर मैं आपकी हत्या कर दूँ तो आपका शत्रु सुभाग राय मुझे बहुत सारा धन देगा ।यह सुनकर तानाजी गुस्से में बोले - “ मुर्ख बालक ! धन से लोभ से तू छत्रपति शिवाजी का वध करने आया है ! अब मरने के लिए तैयार हो जा ? " इतने में मालोजी शिवाजी से बोला - " महाराज ! मैंने आपका वध करने की कोशिश की अत : निसंदेह मैं दण्ड के योग्य हूँ , लेकिन कृपा करके मुझे अभी के लिए जाने दीजिये । मेरी माँ भूरवी है वह जल्द ही मर जाएगी । माँ का आशीर्वाद लेकर मैं सुबह आपके सामने उपस्थित हो जाऊंगा । " बालक की बातें सुनकर तानाजी बोले - " हम तेरी बातो के धोखे में आने वाले नहीं है , दुष्ट बालक ! " बालक मालोजी बोला - " मैं एक मराठा हूँ सेनापति महोदय ! और आप बखूबी जानते हो कि मराठा कभी झूठ नहीं बोलते । ” इतना सुनकर शिवाजी ने उस बालक को जाने दिया ।दुसरे दिन सुबह जब राजदरबार में छत्रपति शिवाजी महाराज सिंहासन पर बैठे थे । तभी द्वारपाल एक सन्देश लेकर आया कि एक बालक महाराज से मिलना चाहता है । जब उसे अन्दर बुलाया गया तो यह वही बालक था जिसे कल रात शिवाजी ने माँ का आशीर्वाद लेने जाने दिया था ।महाराज के सामने आकर बालक बोला- “ मैं आपका अपराधी महाराज ! आपकी उदारता के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूँ । आप जो चाहे दण्ड दे सकते है । " शिवाजी ने सिंहासन से उठकर उस बालक को गले लगाते हुए कहा - तुम जैसे सच्चे मराठाओं को अगर मृत्यु दण्ड दे देंगे तो फिर जिन्दा किसे रखेंगे ? आजसे तुम हमारी सेना के सैनिक हो । " छत्रपति ने उसे बहुत सारा धन दिया तथा उसकी माँ की चिकित्सा के लिए राज वैद्य को भेजा गया ।
,🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯Tolerance of Shivaji. 

Veer Maratha Chhatrapati Shivaji is quite famous for giving forgiveness to his enemies.  One such incident.  Once Shivaji was sleeping in his bedroom.  It was night time .  A fourteen-year-old boy somehow managed to hide in his bedroom.  He came to kill Shivaji.  But Shivaji's trusted commander Tanaji had already seen it.  But still they let him go.  He wanted to know what this boy had come to do!  The boy took out the sword and was about to run on Shivaji that Tanaji grabbed his hand from behind.  During this, Shivaji also got sleepy. He asked that boy, who are you and why did you come here?  The child fearlessly told him that his name is Maloji and that he had come to kill Shivaji. When Shivaji asked him the reason, he said that "I am from a poor house and my mother has been bhurvi for many days."  Therefore, if I kill you, your enemy Subhag Rai will give me a lot of money. Hearing this, Tanaji angrily said - “Foolish boy!  Out of greed with money, you have come to kill Chhatrapati Shivaji!  Now ready to die?  "Then Maloji said to Shivaji -" Maharaj!  I tried to kill you, so of course I am worthy of punishment, but please let me go for now.  My mother is bhurvi she will die soon.  Taking the blessings of mother, I will appear before you in the morning.  Tanaji said after listening to the child's words - "We are not going to deceive you, wicked child!"  "Child Maloji said -" I am a Maratha commander sir!  And you know very well that Marathas never lie.  Hearing this, Shivaji let the child go. On the second morning, when Chhatrapati Shivaji Maharaj was seated on the throne in the court.  Then the gatekeeper brought a message that a child wants to meet the king.  When he was called in, it was the same boy whom Shivaji had allowed last night to take his mother's blessing. The boy came in front of Maharaj and said, "I am your criminal chef!  I thank you for your generosity.  You can punish whatever you want.  "Shivaji got up from the throne and hugged the child and said - If you punish the true Marathas like you, then who will be alive? From now on you are soldiers of our army." Chhatrapati gave him a lot of money and his mother  Raj Vaidya was sent for medical treatment.

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