Sunday, December 11, 2022

kavita 2022

मेरा सब कुछ अर्पित तुझको , देश आज मैं प्रण करता हूँ!
मेरा क्षण- क्षण कण- कण  तुझको , तेरे हेतु आज रखता हूँ!

जीवन में जीतनी आशाएं , जो मैंने जीवन भर पाली!
आज मैंने सब तुझसे जोड़ी , अपनी झोली कर दी खाली!
मेरा वैभव तब ही रहेगा , जब तू होगा वैभवशाली!

सब अर्पित मेरी तकनीकी , जीवन ज्ञान की सभी प्रणाली !
जीवन का सब अर्जन- खर्चन , तेरे चरणों में रखता हूँ!
             देश आज मैं प्रण करता हूँ!..........................
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चाहे इस पथ पर हों कंटक , चाहे जितनी भी उठक पटक !

चाहे बाधाओं के हों झंझट ,हो अपमानो के  घूट घटक!
बाधाएं अंगारे वर्षक , गैसों की गर्मी उत्सर्जक !
रासायनिक क्रियाओं के , चाहे जितने हो उत्प्रेरक!
हर क्रिया को प्रति क्रिया से शांत , सही में करता हूँ!
                 देश आज मैं प्रण करता हूँ!..............................

मेरा शैशव माँ की ममता , आज है जो मेरी तरुणाई !
अपनी स्वर्णिम जीवन गाथा , मैंने तुझसे ही पाई!
अन्न, वस्त्र , रहने  की खातिर , मैंने तुझसे करी कमाई!
तेरा है तुझको ही अर्पित , सब तेरी  है, नहीं पराई !
देश प्रथम की प्रबल भावना अपने जीवन में भरता हूँ!

देश आज मैं प्रण करता हूँ!..............................
मेरा सब कुछ अर्पित तुझको , देश आज मैं प्रण करता हूँ!

मेरा क्षण- क्षण कण- कण  तुझको , तेरे हेतु आज रखता हूँ!

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