Wednesday, December 14, 2022

है हिंदू वीर जवान ये देश हमारा हैइस देश पर मर मिटाना कर्तव्य हमारा है

है हिंदू वीर जवान ये देश हमारा है
इस देश पर मर मिटाना कर्तव्य हमारा है
है हिंदू वीर जवान ये देश हमारा है

https://youtu.be/sm1cnQ9qwco


हमे अपने भारत की तकदीर बनानी है 
जो बन के न बिगड़े तसवीर बनानी है 
है दूर अभी मंजिल और दूर किनारा है 
है हिंदू वीर जवान ये देश हमारा है



हम अपने वीरों का एहसान ना भूलेंगे  
आजाद भगत सिंह का बलिदान न भूलेंगे
है देश अमर भारत हर दिल ने पुकारा है
है हिंदू वीर जवान ये देश हमारा है

हम अपने वीरों का एहसान न भूलेंगे 
आजाद भगत सिंह का बलिदान न भूलेंगे
है देह अमर भारत हर दिल ने पुकारा है
इस देश पर मर मिटाना कर्तव्य हमारा है
है हिंदू वीर जवान ये देश हमारा हैहै

https://youtu.be/sm1cnQ9qwco


Sunday, December 11, 2022

kavita 2022

मेरा सब कुछ अर्पित तुझको , देश आज मैं प्रण करता हूँ!
मेरा क्षण- क्षण कण- कण  तुझको , तेरे हेतु आज रखता हूँ!

जीवन में जीतनी आशाएं , जो मैंने जीवन भर पाली!
आज मैंने सब तुझसे जोड़ी , अपनी झोली कर दी खाली!
मेरा वैभव तब ही रहेगा , जब तू होगा वैभवशाली!

सब अर्पित मेरी तकनीकी , जीवन ज्ञान की सभी प्रणाली !
जीवन का सब अर्जन- खर्चन , तेरे चरणों में रखता हूँ!
             देश आज मैं प्रण करता हूँ!..........................
..................
चाहे इस पथ पर हों कंटक , चाहे जितनी भी उठक पटक !

चाहे बाधाओं के हों झंझट ,हो अपमानो के  घूट घटक!
बाधाएं अंगारे वर्षक , गैसों की गर्मी उत्सर्जक !
रासायनिक क्रियाओं के , चाहे जितने हो उत्प्रेरक!
हर क्रिया को प्रति क्रिया से शांत , सही में करता हूँ!
                 देश आज मैं प्रण करता हूँ!..............................

मेरा शैशव माँ की ममता , आज है जो मेरी तरुणाई !
अपनी स्वर्णिम जीवन गाथा , मैंने तुझसे ही पाई!
अन्न, वस्त्र , रहने  की खातिर , मैंने तुझसे करी कमाई!
तेरा है तुझको ही अर्पित , सब तेरी  है, नहीं पराई !
देश प्रथम की प्रबल भावना अपने जीवन में भरता हूँ!

देश आज मैं प्रण करता हूँ!..............................
मेरा सब कुछ अर्पित तुझको , देश आज मैं प्रण करता हूँ!

मेरा क्षण- क्षण कण- कण  तुझको , तेरे हेतु आज रखता हूँ!

kavita

आज समस्या और चुनौती दिन दिन बढ़ती जाती है। 
नशा और बीमार गाय की संख्या बढ़ती जाती है । 
धड़क रही है धर ताप से बारिश घटती जाती है ,
लम्पी बीमारी से गौ की चमड़ सड़ती जाती है। 

चूर नशे में युवा भटकता रिश्तो का संसार तोड़ता ,
हर दिन घर में खटपट करता कभी-कभी घर तक भी बिकता। 
कुछ नहीं मिलता चोरी करता पत्नी के आभूषण छिनता, 
और इसी के गृह क्लेश में समय से पहले ही  बसता। 
   
युवाभ्रष्ट और मस्त नशे में बर्बाद करता जवानी है, 
नशा माफिया जाल बिछाकर करता अब मनमानी है। 

आंगन की किलकारी खोती सूनी  माथे की बिंदिया ,
मां बहिना, बनिता,पितु, भाई की खो गई आंखों की निंदिया। 

सैनिक बनाना काम युवा बनता आज नशेड़ी है, 
संस्कारी समृद्ध गाँव बनते मद्य बसेड़ी हैं । 
यही चुनौती देश के सम्मुख सीना ताने रोज खड़ी है ,
भारत के वैभव को डँसती समस्या जस की तस पड़ी है। 

गायों को हम माँ कहते हैं लेकिन स्थिति बहुत बुरी है ,
सड़कों पर कचरा खाती है देश दुग्ध की वही धुरी है । 
लम्पी बीमारी फैली है देश के कोने कोने में, 
सड़ती चमड़ी घाव हैं एक गाय लगी है रोने में । 

कोरोना के समय देश भी लड़खड़ा बीमारी से ,
लम्पी बीमारी के कारण क्यों पड़ा रहा लाचारी से । 
सम्मुख आज चुनौती है लड़ना है और डटना है ,
इस बीमारी से हमको उवरना  है उवरना है। 

गाय रंभाति बछड़ा रोता बीमारी से जीवन छूटा, 
तप्त शरीर और घाव रिस रहा होता जाता सूना खूँटा। 
कल तक जिस को हाथ से पाला घास फूस और दिया निवाला, 
तड़प तड़प मरती जाती है कौन बने इसका रखवाला । 

जग के पालनहार जिसे माता कहकर पूजते हैं 
गाय की हो गई हो दुर्गति प्रभु से ऐसे क्यों रूठते हैं । 
हे ईश्वर अब तुम्ही सहारा जग के पालनहार हो,
सुख-दुख तुम से पैदा होते तुम जीवन आधार हो।

Kavita Surendra ji

आज समस्या और चुनौती दिन दिन बढ़ती जाती है। 
नशा और बीमार गाय की संख्या बढ़ती जाती है । 
धड़क रही है धर ताप से बारिश घटती जाती है ,
लम्पी बीमारी से गौ की चमड़ सड़ती जाती है। 

चूर नशे में युवा भटकता रिश्तो का संसार तोड़ता ,
हर दिन घर में खटपट करता कभी-कभी घर तक भी बिकता। 
कुछ नहीं मिलता चोरी करता पत्नी के आभूषण छिनता, 
और इसी के गृह क्लेश में समय से पहले ही  बसता। 
   
युवाभ्रष्ट और मस्त नशे में बर्बाद करता जवानी है, 
नशा माफिया जाल बिछाकर करता अब मनमानी है। 

आंगन की किलकारी खोती सूनी  माथे की बिंदिया ,
मां बहिना, बनिता,पितु, भाई की खो गई आंखों की निंदिया। 

सैनिक बनाना काम युवा बनता आज नशेड़ी है, 
संस्कारी समृद्ध गाँव बनते मद्य बसेड़ी हैं । 
यही चुनौती देश के सम्मुख सीना ताने रोज खड़ी है ,
भारत के वैभव को डँसती समस्या जस की तस पड़ी है। 

गायों को हम माँ कहते हैं लेकिन स्थिति बहुत बुरी है ,
सड़कों पर कचरा खाती है देश दुग्ध की वही धुरी है । 
लम्पी बीमारी फैली है देश के कोने कोने में, 
सड़ती चमड़ी घाव हैं एक गाय लगी है रोने में । 

कोरोना के समय देश भी लड़खड़ा बीमारी से ,
लम्पी बीमारी के कारण क्यों पड़ा रहा लाचारी से । 
सम्मुख आज चुनौती है लड़ना है और डटना है ,
इस बीमारी से हमको उवरना  है उवरना है। 

गाय रंभाति बछड़ा रोता बीमारी से जीवन छूटा, 
तप्त शरीर और घाव रिस रहा होता जाता सूना खूँटा। 
कल तक जिस को हाथ से पाला घास फूस और दिया निवाला, 
तड़प तड़प मरती जाती है कौन बने इसका रखवाला । 

जग के पालनहार जिसे माता कहकर पूजते हैं 
गाय की हो गई हो दुर्गति प्रभु से ऐसे क्यों रूठते हैं । 
हे ईश्वर अब तुम्ही सहारा जग के पालनहार हो,
सुख-दुख तुम से पैदा होते तुम जीवन आधार हो।

Saturday, December 3, 2022

sangh shakti.

संघ शक्तेरो करनो पेलो, घरे घरे प्रचार हो 
तदे भोलो इशी हिन्दु जेतेरो  बेड़ो पार हो ।
                डेरी डेरी धरती पुड़ जिनु, तेस जिने केराखरू नज़िनों,
               कमजोरन तां बजती ओरी (२) जेड़ी हेरा तेड़ी मार हो
               तदे भोलो इशी.....
प्रेम एकता जेनन मां भोए, दुनिया तेनन जो जितो जोए,
भाईचारो नहीं जेन लोकन माँ, (२) तेना जेरे मुरदार हो,
तदे भोलो इसी.....
                असन शिखेई जेए अक गुरु मंत्र, हेडगेवार तां वीर सावरकर
                संघ शक्ति कलयुगे माँ (2), बस ऐसेशे विस्तार हो।
               दे भोली इशी....
              संघ शक्तेरो.....

Friday, December 2, 2022

2/12/2022

🙏 ये 15 मंत्र  जो....हर हिंदू को सीखना और बच्चों को सिखाना चाहिए,

1. Mahadev
          ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, 
           सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ,
           उर्वारुकमिव बन्धनान्,
           मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् !!

2. Shri Ganesha
              वक्रतुंड महाकाय, 
              सूर्य कोटि समप्रभ 
              निर्विघ्नम कुरू मे देव,
              सर्वकार्येषु सर्वदा !!

3. Shri hari Vishnu
           मङ्गलम् भगवान विष्णुः,
           मङ्गलम् गरुणध्वजः।
           मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः,
           मङ्गलाय तनो हरिः॥

4. Shri Brahma ji
             ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा,
              नमस्ते परमात्ने ।
              निर्गुणाय नमस्तुभ्यं,
              सदुयाय नमो नम:।।

5. Shri Krishna
               वसुदेवसुतं देवं,
               कंसचाणूरमर्दनम्।
               देवकी परमानन्दं,
               कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम।

6. Shri Ram
              श्री रामाय रामभद्राय,
               रामचन्द्राय वेधसे ।
               रघुनाथाय नाथाय,
               सीताया पतये नमः !

7. Maa Durga
            ॐ जयंती मंगला काली,
            भद्रकाली कपालिनी ।
            दुर्गा क्षमा शिवा धात्री,
            स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।।

8. Maa Mahalakshmi
            ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो,
            धन धान्यः सुतान्वितः ।
            मनुष्यो मत्प्रसादेन,
            भविष्यति न संशयःॐ ।

9. Maa Saraswathi
            ॐ सरस्वति नमस्तुभ्यं,
             वरदे कामरूपिणि।
             विद्यारम्भं करिष्यामि,
             सिद्धिर्भवतु मे सदा ।।

10. Maa Mahakali
             ॐ क्रीं क्रीं क्रीं,
             हलीं ह्रीं खं स्फोटय,
             क्रीं क्रीं क्रीं फट !!

11. Hanuman ji
          मनोजवं मारुततुल्यवेगं,
          जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
          वातात्मजं वानरयूथमुख्यं,
          श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

12. Shri Shanidev
             ॐ नीलांजनसमाभासं,
              रविपुत्रं यमाग्रजम ।
              छायामार्तण्डसम्भूतं, 
              तं नमामि शनैश्चरम् ||

13. Shri Kartikeya
        ॐ शारवाना-भावाया नम:,
         ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा ,
         वल्लीईकल्याणा सुंदरा।
          देवसेना मन: कांता,
          कार्तिकेया नामोस्तुते ।

14. Kaal Bhairav ji
          ॐ ह्रीं वां बटुकाये,
          क्षौं क्षौं आपदुद्धाराणाये,
          कुरु कुरु बटुकाये,
          ह्रीं बटुकाये स्वाहा।

15. Gayatri Mantra
            ॐ भूर्भुवः स्वः,
            तत्सवितुर्वरेण्यम् 
            भर्गो देवस्य धीमहि 
            धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

 खुद भी सीखे और परिवार / बच्चों को भी सिखायें🙏
आशीष सक्सेना