तेरो गटनायक परेशान तू शाखा क्यों नहीं आया॥
तूने पेन्ट मांगी लादी, तन्ने टोपी भी दिलवादी,
तने दण्ड दियो दिलवाय, तु शाखा क्यू नहीं आयो॥१॥
जद प्राथमिक में जाणो, तू ढूंड्यो नयो बहानो।
तेरो कठे है ठौड ठिकाणो रे, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥२॥
तने तरणताल ले आया, तने मल मल जल नहलाया।
तने गा गा गीत सुनाया रे, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥३॥
तन्ने नियुद्ध भी सिखलाया, तन्ने खेल घणा खिलवाया।
तन्ने वन भ्रमण करवाया रे, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥४॥
अरे सात सुरा सुर धारी, तन्ने वंशी लागी प्यारी।
तन्ने घोष दियो सिखलाय, तू शाखा क्यूँ ना आयो॥५॥
तने मीठी बोली पूछे, तेरी शाखा टोली पूछे।
तने पूछे संघस्थान, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥६॥
तने तेरा भाई पूछे, तन्ने तरुणाई पूछे।
तने पूछे भारत मात, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥७॥
केशव जी संघ बनायो, माधव जी घणो चढ़ायो।
अब हुया बरस सो पार, तू शाखा क्याें नहीं आयो॥८॥
कितरा मनोरञ्जन त्यागी, कितरा होया अनुरागी।
कितरा छोड्या घर बार, तू शाखा क्यूं ना आयो॥९॥
[8/11, 12:49]
मेरे भैया राजकुमार तू शाखा क्यों नहीं आयो।
तेरो गटनायक परेशान तू शाखा क्यों नहीं आया॥
तूने पेन्ट मांगी लादी, तन्ने टोपी भी दिलवादी,
तने दण्ड दियो दिलवाय, तु शाखा क्यू नहीं आयो॥१॥
जद प्राथमिक में जाणो, तू ढूंड्यो नयो बहानो।
तेरो कठे है ठौड ठिकाणो रे, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥२॥
तने तरणताल ले आया, तने मल मल जल नहलाया।
तने गा गा गीत सुनाया रे, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥३॥
तन्ने नियुद्ध भी सिखलाया, तन्ने खेल घणा खिलवाया।
तन्ने वन भ्रमण करवाया रे, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥४॥
अरे सात सुरा सुर धारी, तन्ने वंशी लागी प्यारी।
तन्ने घोष दियो सिखलाय, तू शाखा क्यूँ ना आयो॥५॥
तने मीठी बोली पूछे, तेरी शाखा टोली पूछे।
तने पूछे संघस्थान, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥६॥
तने तेरा भाई पूछे, तन्ने तरुणाई पूछे।
तने पूछे भारत मात, तू शाखा क्यूं नहीं आयो॥७॥
केशव जी संघ बनायो, माधव जी घणो चढ़ायो।
अब हुया बरस सो पार, तू शाखा क्याें नहीं आयो॥८॥
कितरा मनोरञ्जन त्यागी, कितरा होया अनुरागी।
कितरा छोड्या घर बार, तू शाखा क्यूं ना आयो॥९॥
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