🕉 || *श्री गणेशाय नमः* || 🕉
*आज का पंचांग*
⌛ *समय काल* - *सूरतगढ़ (राज)*
🔔 *तिथि* :- *13* (त्रयोदशी)रात्रि 09:04 तक
🌻08 सितम्बर 2022 (ग्रेगोरियन कालगणना)
🕉️ *गुरु प्रदोष व्रत* 🕉️
✴️ *विश्व साक्षरता दिवस* ✴️
🅿️ *पंचक रात्रि 12:39 से प्रारंभ* 🅿️
0️⃣8️⃣-0️⃣9️⃣-2⃣0⃣2⃣2️⃣
💈 *वार* :- गुरुवार
☀ *नक्षत्र* :- श्रवण
🌅 *सूर्योदय* :- प्रातः 06:15
🌃 *सूर्यास्त* :- सायं 06:48
🌖 *पक्ष*.......... शुक्ल
🌝 *चन्द्र राशि*... मकर
☔ *ऋतु*........ शरद
🌷 *मास*...... भाद्रपद
🌍 *युगाब्द*.... 5124
🌎 *विक्रम संवत्*..... 2079
🌚 *राहुकाल* सायं 02:06 से सायं 03:40 तक (मांगलिक कार्य वर्जित)
♐ *दिशा शूल*......... दक्षिण
🌻 *आपका दिन मंगलमय हो*🌻
🙏 ● *जय श्रीकृष्ण* ● 🙏
🌞आज का हिन्दु पंचाग 🌞
*⛅दिनांक - 08 सितम्बर 2022*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् 23 भाद्रपद - 2079*
*⛅शक संवत् - 1944*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - त्रयोदशी रात्रि 09:02 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - श्रवण दोपहर 01:46 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*⛅योग - गण्ड रात्रि 09:41 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहु काल - अपरान्ह 02:10 से 03:44 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:24*
*⛅सूर्यास्त - 06:50*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:38 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 01:00 तक*
पंचक कल शाम को
*⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*⛅ विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🔹 *अंत्येष्टि संस्कार क्यों ?* 🔹
*🔹(१) देहत्याग के समय क्या करें और क्यों ? (भाग-१)🔹*
*🔹 व्यक्ति अंतिम श्वास ले रहा होता है तो उस आतुर काल में भूमि को गाय के गोबर से लेपन करके शुद्ध करें और जल-रेखा से मंडल (घेरा) बनायें । फिर उस भूमि पर दक्षिणाग्र कुश (नुकीला अग्रभाग दक्षिण की ओर किये हुए कुश) तथा तिल को बिछा दें ।*
*🔹 मरणासन्न व्यक्ति को उस पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर सिर करके सीधा लिटा दें ।*
*🔹 सिर पर तुलसी का पत्ता रखें । उस व्यक्ति के मुँह में बीच-बीच में तुलसी दल डला हुआ गंगाजल डालते रहें । ऐसा करने से वह पापमुक्त हो जाता है ।*
*🔹 घी का दीपक जला दें । मरणासन्न व्यक्ति के दोनों हाथों में कुशा रखें । 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करें ।*
*🔹 मरणासन्न व्यक्ति से उसकी सद्गति के लिए तिल, नमक, गाय आदि का दान करा दें । आतुर काल में लवण (नमक) दान करने से जीव की दुर्गति नहीं होती ।*
*🌹स्वास्थ्यप्रद और औषधीय गुणों से भरपूर : हींग 🌹*
*🔹आयुर्वेद के अनुसार हींग अन्न एवं दोषों का पाचन करनेवाली, भोजन में रुचि उत्पन्न करनेवाली व भूखवर्धक है ।*
*🔹यह कफ व वायु शामक तथा तंत्रिका-तंत्र (Nervous system) के लिए बल्य है । कृमिरोग, गृध्रसी (sciatica), पेट के रोग, गठिया, हृदयरोग, वायु के कारण होनेवाला छाती व पेट का दर्द तथा दमा, खाँसी आदि फेफड़ों के रोगों में लाभदायी है ।*
*🔹दाल अथवा सब्जी में छौंक लगाते समय हींग का उपयोग करने से वह रुचिकर व सुपाच्य हो जाती है । इससे पेट की वायु का शमन होता है व कब्जियत में भी लाभ होता है ।*
*🔹मंदाग्नि हो तो घी में भुनी हुई 2 चुटकी हींग में नींबू का 1 चम्मच रस मिलाकर भोजन के प्रथम कौर के साथ लेने से पेट में पाचक रस स्रावित होने लगते हैं, जिससे जठराग्नि तीव्र हो जाती है ।*
*🔹दूषित अन्न की डकार आती हो, थोड़ा-थोड़ा दस्त होता हो और पेट में वायु भरी हो तो 2 चुटकी हींग में घी मिलाकर गर्म पानी के साथ लें अथवा हिंगादि हरड़ चूर्ण या रामबाण बूटी का सेवन गर्म पानी के साथ करें ।*
*🔹 मात्रा : 125 से 250 मि.ग्रा. ।*
*🔹 सावधानी : पित्त-प्रकोपजनित समस्या हो तो हींग का उपयोग न करें । गर्मियों में हींग का उपयोग अल्प मात्रा (25 मि.ग्रा.) में करें ।*
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