*🌞 ~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 21 जुलाई 2022*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत - 2079*
*⛅शक संवत - 1944*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार आषाढ़)*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी सुबह 08:11 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - अश्विनी दोपहर 02:17 तक तत्पश्चात भरणी*
*⛅योग - धृति दोपहर 12:21 तक तत्पश्चात शूल*
*⛅राहु काल - अपरान्ह 02:26 से 04:06 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:06*
*⛅सूर्यास्त - 07:26*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04:40 से 05:23 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅ विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है ।*
*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹दमा के रोगियों के लिए🔹*
*🔹वर्षा ऋतु में आकाश में बादल छा जाने पर दमा के मरीजों को श्वास लेने में अत्यधिक पीड़ा होती है । उस समय निम्न उपाय करें ।*
*🔹(१) लौंग, सोंठ, काली मिर्च व मिश्री का १ ग्राम समभाग चूर्ण व २ चुटकी सेंधा नमक थोड़े-से शहद में मिलाकर ३-४ बार चटायें ।*
*🔹(२) उपरोक्त उपायों से कफ पिघल के बाहर न आ रहा हो तो दो चम्मच मुलेठी (यष्टिमधु) चूर्ण व १ चम्मच सेंधा नमक लगभग एक लीटर गुनगुने पानी में मिला के पियें और उलटी करें, उलटी न हो तो गले में उँगली डाल के उलटी कर लें ।*
*🔹(३) पुराने दमे में रात को सोते समय २ चम्मच सरसों का तेल गर्म पानी के साथ सेवन करें और हलके गुनगुने सरसों के तेल में २ चुटकी सेंधा नमक मिलाकर १५-२० मिनट छाती पर मालिश करें ।*
*🔹धन, आरोग्य एवं शांति की प्राप्ति के लिए*🔹
*🔹जो व्यक्ति चतुर्मास में अथवा अधिक ( पुरुषोत्तम) मास में भगवान् विष्णु पर कनेर के पुष्प अर्पित करता है, उस पर लक्ष्मीजी की सदैव कृपा बनी रहती है । उसे आरोग्य एवं शाति की प्राप्ति होती है तथा उसके संकट दूर होते हैं ।
*🔹इनका रखें ध्यान🔹*
*🔹दोनों हाथों से सिर नहीं खुजलाना चाहिए । जूठे हाथों से सिर को स्पर्श नहीं करना चाहिए । नहीं तो बुद्धि मंद होती है ।*
*🔹जो गलती छुपाता है उसका गिरना चालू रहता है और जो गिरने की बात को भगवान के आगे, गुरु के आगे, अपने नजदीकी सत्संगी, विश्वासपात्र मित्र के आगे बोल के, रोकर पश्चाताप करके रास्ता खोजता है उसको भगवान बचा भी लेते हैं ।*
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*🌞 ~ Today's Hindu Panchang ~🌞*
*⛅Date - 21 July 2022*
*⛅Day - Thursday*
*⛅Vikram Samvat - 2079*
*Shak Samvat - 1944*
*⛅Ayan - Dakshinayana*
*⛅season - rain*
*⛅ month - Shravan (Ashadh according to Gujarat and Maharashtra)*
*⛅ Paksha - Krishna*
* Tithi - Ashtami till 08:11 in the morning, then Navami *
* Nakshatra - Ashwini till 02:17 in the afternoon, then Bharani *
*⛅Yoga-Dhriti till 12:21 in the afternoon after that shool*
*⛅ Rahu Kaal - 02:26 pm to 04:06 pm*
*⛅Sunrise - 06:06*
*⛅Sunset - 07:26*
*⛅Disha shool - in the south direction*
*⛅Brahma Muhurta - from 04:40 to 05:23 in the morning*
*Nishita Muhurta - Night from 12:25 to 01:08*
*⛅Vrat festival details-*
* * Special - Eating coconut fruit on Ashtami destroys the intellect. It is forbidden to eat gourd on Navami.*
*(Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34)*
*🔹For asthma patients🔹*
In the rainy season, when the sky becomes cloudy, asthma patients have extreme pain in breathing. At that time do the following measures.*
* (1) clove, dry ginger, black pepper and 1 gram equal parts powder and 2 pinches of rock salt mixed with a little honey, lick it 3-4 times.*
*🔹(2) If the phlegm is not coming out of the melt due to the above measures, then drink two spoons of liquorice (Yashtimadhu) powder and 1 spoon of rock salt mixed in about one liter of lukewarm water and vomit, if there is no vomiting then put a finger in the throat. Do the opposite.*
*🔹(3) In chronic asthma, take 2 teaspoons of mustard oil with warm water at night while sleeping and mix 2 pinches of rock salt in lukewarm mustard oil and massage it on the chest for 15-20 minutes.*
*🔹For the attainment of wealth, health and peace*🔹
* The person who offers Kaner flowers to Lord Vishnu in Chaturmas or in more (Purushottam) months, the blessings of Lakshmiji always remain on him. He gets health and peace and his troubles are removed.
*🔹Take care of them*
* The head should not be scratched with both hands. The head should not be touched with clenched hands. Otherwise the intellect becomes retarded.*
* The one who hides the mistake continues to fall and the one who finds the way by repenting, after speaking in front of God, in front of Guru, in front of his nearest satsangi, confidant friend, God saves him.
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