*⛅दिनांक - 17 जुलाई 2022*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत - 2079*
*⛅शक संवत - 1944*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार आषाढ़)*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - चतुर्थी सुबह 10:49 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा दोपहर 01:25 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग - सौभाग्य शाम 05:49 तक तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल - शाम 05:47 से 07:28 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:04*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:21 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅ विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है ।*
*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹किसी का मन बदलने के लिए*🔹
*🔹कोई बात मानता नहीं हो ..तो रात को जब वो व्यक्ति सो जाए ...तब आप उसके श्वासोश्वास के करीब चले जाएँ ... उसका श्वास और आपका श्वास वातावरण में मिल जाए ऐसे आप विचार करें कि दारू छोड़ दो ...दारू से बहुत हानियाँ होती हैं ..या पत्नी को मारना छोड़ दो ..मानो मैं कमला हूँ और मेरा पति का गुड्डू .. तो बोले गुड्डू .. कमला को मारना छोड़ दे ... उसको सताओ मत जैसा उसमें दुर्गुण है उसके विपरीत बोलो .. थोड़े दिन में उसका मन बदल जायेगा ।*
*🔹रविवार विशेष🔹*
*🔹रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है ।* *(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔹रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए ।* *(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔹रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔹रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔹रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔹स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔹रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्ष करना निषेध है ।*रविवार के दिन तुलसी पत्त्ता तोड़ना वर्जित है ।*
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