Sunday, June 26, 2022

5/6/2022 panchang

*🌞 ~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक 05 जून 2022*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत - 2079*
*⛅शक संवत - 1944*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - षष्टी पूर्ण रात्रि तक*
*⛅नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 12:25 तक तत्पश्चात मघा*
*⛅योग - व्याघात ( 6 जून प्रातः 04:49) तक तत्पश्चात हर्षण*
*⛅राहुकाल - शाम 05:42 से 07:23 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:54*
*⛅सूर्यास्त - 07:23*
*⛅दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:29 से 05:11 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12.17 से 12:59 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण- विश्व पर्यावरण दिवस, शीतला षष्टी*
*⛅ विशेष - रविवार को तुलसी की पत्ता तोड़ना वर्जित है । षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून 2022🔹*
*🌹हमारे पूजनीय वृक्ष - आँवला🔹🌹*
*🌹आँवला खाने से आयु बढ़ती है । इसका रस पीने से धर्म का संचय होता है और रस को शरीर पर लगाकर स्नान करने से दरिद्रता दूर होकर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।*
*🌹जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
*🌹मृत व्यक्ति की हड्डियाँ आँवले के रस से धोकर किसी भी नदी में प्रवाहित करने से उसकी सदगति होती है ।*
*(स्कंद पुराण, वैष्णव खंड, का.मा. 12.75)*
*🔹प्रत्येक रविवार, विशेषतः सप्तमी को आँवले का फल त्याग देना चाहिए । शुक्रवार, प्रतिपदा, षष्ठी, नवमी, अमावस्या और सक्रान्ति को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔸आँवला-सेवन के बाद 2 घंटे तक दूध नहीं पीना चाहिए ।*
*🔹बेल (बिल्व)🔹*
*🌹स्कंद पुराण के अनुसार रविवार और द्वादशी के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🌹जिस स्थान में बिल्ववृक्षों का घना वन है, वह स्थान काशी के समान पवित्र है ।*
*🌹बिल्वपत्र छः मास तक बासी नहीं माना जाता ।*
*🔹चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, द्वादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रान्ति और सोमवार को तथा दोपहर के बाद बिल्वपत्र न तोड़ें ।*
*🌹40 दिन तक बिल्ववृक्ष के सात पत्ते प्रतिदिन खाकर थोड़ा पानी पीने से स्वप्न दोष की बीमारी से छुटकारा मिलता है ।*
*🔹घर के आँगन में बिल्ववृक्ष लगाने से घर पापनाशक और यशस्वी होता है । बेल का वृक्ष उत्तर-पश्चिम में हो तो यश बढ़ता है, उत्तर-दक्षिण में हो तो सुख शांति बढ़ती है और बीच में हो तो मधुर जीवन बनता है ।*
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*🌞 ~ Today's Hindu Panchang ~🌞*
 *⛅Dated 05 June 2022*
 *⛅DAY - SUNDAY*
 *⛅Vikram Samvat - 2079*
 *Shak Samvat - 1944*
 *⛅ Ayan - Uttarayan*
 *⛅season - summer*
 *⛅ month - eldest*
 * Paksha - Shukla *
 * date - till full night *
 * Nakshatra - Ashlesha night till 12:25 after that Magha *
 *⛅Yoga-Vayagat (June 6 at 04:49) till then Harshan*
 *⛅ Rahukal - from 05:42 to 07:23 in the evening*
 *⛅Sunrise - 05:54*
 *⛅Sunset - 07:23*
 *⛅Dishashul - in the west direction*
 * Brahma Muhurta - from 04:29 to 05:11 in the morning *
 *Nishita Muhurta - from 12.17 to 12:59 at night*
 *⛅Vrat festival description- World Environment Day, Sheetla Shashti*
 * Special - Breaking of Tulsi leaves is prohibited on Sunday.  By putting neem leaves, fruits or teeth in the mouth, the debilitated vaginas are attained.  (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34)*
 *🔹World Environment Day 05 June 2022*
 *🌹Our revered tree - Amla🔹🌹*
 * Eating amla increases life.  By drinking its juice, Dharma accumulates and by applying the juice on the body, taking bath removes poverty and attains opulence.
 * Those who take bath on the Ekadashis of both the sides using the juice of amla, their sins are destroyed.
 * * Washing the bones of a dead person with amla juice and pouring it in any river brings him happiness.
 *(Skanda Purana, Vaishnava Khand, K.M. 12.75)*
 * Every Sunday, especially on Saptami, the fruit of Amla should be discarded.  Amla should not be consumed on Friday, Pratipada, Shashti, Navami, Amavasya and Sankranti.
 After consuming Amla, milk should not be drunk for 2 hours.*
 *🔹Bel (Bilva)*
 According to Skanda Purana, worship of Bilva tree should be done on Sunday and Dwadashi.  By this the great sins like killing of Brahma are also destroyed.
 * The place where there is a dense forest of bilva trees, that place is as holy as Kashi.*
 *🌹Bilva leaves are not considered stale for six months.*
 Do not break Bilva leaves on Chaturthi, Ashtami, Navami, Dwadashi, Chaturdashi, Amavasya, Poornima, Sankranti and Monday and after noon.*
 * After eating seven leaves of bilva tree daily for 40 days and drinking some water, one gets rid of the disease of dream defects.
 * By planting a Bilva tree in the courtyard of the house, the house becomes sinful and successful.  If the bael tree is in the north-west, then fame increases, if it is in the north-south, then happiness and peace increase and if it is in the middle, then a sweet life is created.
 

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