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*भयावह भविष्य के दर्शन कराएं हैं।* 😊😳
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*ईद वाले दिन सड़क पर निकल कर देखा 80 परसेंट टेंपो नहीं चल रहे हैं ,70 परसेंट ई-रिक्शा नहीं चल रहे हैं, सब्जी वाले फल वाले कुछ ही ठेले दिखाई दे रहे हैं। कुकुरमुत्तों की तरह दिखाई देने वाले चाय, नाश्ते और फास्ट फूड के ठेले आज बहुत कम दिख रहे हैं। कोई मैकेनिक की दुकान नहीं खुली 95 परसेंट नाई और दर्जी की दुकान बंद है। गल्ला मंडी ,थोक सब्जी मंडी से 70% लोग गायब है। रोज चौराहों पर भीड़ लगाने वाले मिस्त्री मजदूर और पुताई वाले आज मुट्ठी भर लोग ही दिख रहे हैं।*
*अब अंदाजा लगा कर देखो कि हर व्यापार पर मुसलमान बहु संख्या में काबिज हो चुके हैं कोई नोकरी का रोना नहीं रोता न महंगाई का लेकिन हिन्दू को तो सिर्फ सरकारी नौकरी ही करनी है मूर्खों ने नोकरी के चक्कर में अपना सारा व्यापार मुस्लिमों को दे दिया और खुद बेरोजगार घूम रहे हैं स्थिति कितनी भयावह है समझिये चिंतन कीजिए !*
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* Have to have a vision of the dreadful future.*
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On the day of Eid, I went out on the road and saw that 80 percent tempos are not running, 70 percent e-rickshaws are not running, only a few carts carrying vegetables and fruits are visible. Tea, snack and fast food stalls that look like mushrooms are rarely seen today. No mechanic shop is open 95% barber and tailor shop is closed. 70% people are missing from Galla Mandi, Wholesale Vegetable Market. Today only a handful of people are seen, the Egyptian laborers and the painters who crowd the intersections every day.*
Now take a guess and see that Muslims have been occupied in large numbers on every business, no one cries for job or inflation, but Hindu has to do only government job, fools have given all their business to Muslims in the pursuit of jobs. And the unemployed themselves are roaming around, think how frightening the situation is!
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