*⛅दिनांक 23 मई 2022*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत - 2079*
*⛅शक संवत - 1944*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी सुबह 11:34 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 10:22 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*
*⛅योग - वैधृति रात्रि 01:06 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*
*⛅राहुकाल - सुबह 07:36 से 09:16 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:56*
*⛅सूर्यास्त - 07:17*
*⛅दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12.15 से 12:58 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण-*
*⛅ विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹अहंकार, चिंता और व्यर्थ का चिंतन मिटाने का मंत्र*
*🔹अहंकार, चिंता और व्यर्थ का चिंतन साधक की शक्ति को निगल जाते हैं | इनको मिटाने के लिए एक सुंदर मंत्र योगी गोरखनाथजी ने बताया है | इसमें कोई विधि – विधान नहीं है | रात को सोते समय इस मंत्र का जप करो, संख्या का कोई आग्रह नहीं है | इस मंत्र से आपके चित्त की चिंता, तनाव, खिंचाव, दिक्कतें जल्दी शांत हो जायेगी और साधन – भजन में बरकत आयेगी | मंत्र उच्चारण में थोडा कठिन जैसा लगेगा लेकिन याद रह जाने पर आसान हो जायेगा | बाहर के रोग तो बाहर की औषधि से मिट सकते हैं लेकिन भीतर के रोग बाहर की औषधि से नहीं मिटेंगे और इस मंत्र से टिकेंगे नहीं |*
*🔹हमारी जो जीवनधारा है, जीवनीशक्ति है, चित्तशक्ति है उसीको उद्देश्य करके यह मंत्र है ।*
*🔹ॐ चित्तात्मिकां महाचित्तिं चित्तस्वरूपिणीं आराधयामि चित्तजान रोगान शमय शमय ठं ठं ठं स्वाहा ठं ठं ठं स्वाहा |*
*🔹‘हे चित्तात्मिका, महाचित्ति, चित्तस्वरूपिणी ! मैं तेरी आराधना करता हूँ | जगत – शक्तिदात्री भगवती ! मेरे चित्त के रोगों का तू शमन कर |’*
*🔹‘ठं’ बीजमंत्र है, यह बड़ा प्रभाव करता है | किसीमें लोभ, किसीमें मोह, किसीमें शराब पीने का, किसीमें अहंकार का, किसीमें शेखी बधारने का दोष होता है | चित्त में दोष भरे है इसलिए तो चिंता, भय, क्रोध, अशांति है और जन्म – मरण होता है |*
*🔹इसके जप से आद्यशक्ति चेतना चित्त के दोषों को दूर कर देती है, चित्त को निर्मल कर देती है | सीधे लेट गये, यह जप किया | जब तक निद्रा न आये तब तक इसका प्रयोग करें | निद्रा आने पर अपने – आप ही छूट जायेगा | रात को जप करके सोने से सुबह तुम स्वस्थ, निर्भय, प्रसन्न होकर उठोगे |*
*🔹भगवान के मंत्र हों और भगवान को अपना मानकर प्रीतिपूर्वक जप करें तो चित्त भगवदाकार होकर भगवदरस से पावन हो जाता है | भगवदरस के बिना नीरसता नहीं जाती |*
*🔷वायु के सर्वरोग🔷*
*👉🏻 काली मिर्च का 1 से 2 ग्राम पाउडर एवं 5 से 10 ग्राम लहसुन को बारीक पीसकर भोजन के समय घी-भात के प्रथम ग्रास में हमेशा सेवन करने से वायु रोग नहीं होता।*
*👉🏻 5 ग्राम सोंठ एवं 15 ग्राम मेथी का चूर्ण 5 चम्मच गुडुच (गिलोय) के रस में मिश्रित करके सुबह एवं रात्रि को लेने से अधिकांश वायु रोग समाप्त हो जाते हैं।*
*👉🏻यदि वायु के कारण मरीज का मुँह टेढ़ा हो गया हो तो अच्छी किस्म के लहसुन की 2 से 10 कलियों को तेल में तलकर शुद्ध मक्खन के साथ मिलाकर, बाजरे की रोटी के साथ थोड़ा नमक डालकर खाने से मरीज का मुँह ठीक हो जाता है।*
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*🌞 ~ Today's Hindu Panchang ~ *
*⛅Date 23 May 2022*
*⛅Day - Monday*
*⛅Vikram Samvat - 2079*
*Shak Samvat - 1944*
*⛅ Ayan - Uttarayan*
*⛅season - summer*
*⛅ month - eldest*
*⛅ Paksha - Krishna*
* Tithi - Ashtami till 11:34 in the morning, then Navami *
* Nakshatra - Shatabhisha night till 10:22, then Purvabhadrapada *
*⛅Yoga-validity till 01:06 after that Vishkambh*
*⛅ Rahukal - from 07:36 to 09:16 in the morning*
*⛅Sunrise - 05:56*
*⛅Sunset - 07:17*
*⛅Dishashul - in the east direction*
* Brahma Muhurta - from 04:31 to 05:13 in the morning *
*Nishita Muhurta - night from 12.15 to 12:58*
*⛅Vrat festival details-*
* * Special - Eating coconut fruit on Ashtami destroys the intellect. (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34)*
* Mantra to remove ego, worry and useless thoughts.
The ego, worry and vain contemplation swallow up the power of the seeker. Yogi Gorakhnathji has told a beautiful mantra to eradicate them. There is no law in this. Chant this mantra while sleeping at night, there is no insistence of numbers. With this mantra, the worry, tension, strain, problems of your mind will calm down quickly and the instrument - hymn will be blessed. It will seem a bit difficult to pronounce the mantra, but it will become easier if you remember it. External diseases can be eradicated by external medicine, but internal diseases will not be eradicated by external medicine and will not survive by this mantra.
This mantra is aimed at our life-stream, life-power, mind-power.
*
* 'O chitttmika, great chitti, chittaswarupini! I worship you The world - Shakti Datri Bhagwati! You quell the diseases of my mind.
*🔹'Than' is the seed mantra, it has a big effect. Some have greed, some have attachment, some have alcohol, some have egoism, some have the fault of boasting. The mind is full of defects, so there is worry, fear, anger, unrest and there is birth and death.
By its chanting, the primal power consciousness removes the defects of the mind, purifies the mind. Lie down straight, chant this. Use it till you fall asleep. When sleep comes, it will leave on its own. After sleeping at night, you will wake up healthy, fearless, happy in the morning.
* * If you have the mantras of God and chant with love considering God as your own, then the mind becomes divine by becoming godly. Dullness does not go away without Bhagavadaras.
*🔷Serva diseases of air🔷*
* * By grinding 1 to 2 grams of black pepper powder and 5 to 10 grams of garlic finely, always consuming it in the first gram of ghee and rice at the time of meal does not cause air disease.*
* * 5 grams of dry ginger and 15 grams of fenugreek powder mixed with 5 teaspoons of Guduch (Giloy) juice and taken in the morning and night cures most of the air diseases.*
If the patient's mouth has become crooked due to wind, then fry 2 to 10 buds of good quality garlic in oil and mix it with pure butter. is.*
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