⛅ *दिनांक - 02 अप्रैल 2022*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत 20 चैत्र - 2079 (गुजरात - 2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - वसंत ऋतु*
⛅ *मास - चैत्र*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - प्रतिपदा सुबह 11:58 तक तत्पश्चात द्वितीया*
⛅ *नक्षत्र - रेवती सुबह 11:21 तक तत्पश्चात अश्विनी*
⛅ *योग - इन्द्र सुबह 08:31 तक तत्पश्चात वैधृति*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09:37 से सुबह 11:10 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:32*
⛅ *सूर्यास्त - 18:52*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - राष्ट्रीय चैत्री नूतन वर्ष वि, सं, 2079
प्रारंभ, गुड़ी पड़वा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), शालीवाहन शक 1944 प्रारंभ, ध्वजारोहण, चैत्री- वासंती नवरात्र प्रारंभ, चेटीचंड,चंद्र- दर्शन हेडगेवार जयंती (ति.अ .)*
💥 *विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *वर्ष में ४ नवरात्रियाँ होती हैं* 🌷
🙏🏻 *साल में ४ नवरात्रियाँ होती हैं, जिनमे से २ नवरात्रियाँ गुप्त होती हैं -*
➡ *माघ शुक्ल पक्ष की प्रथम ९ तिथियाँ*
➡ *चैत्र मास की रामनवमी के समय आती हैं वो ९ तिथियाँ इस साल 02 अप्रैल 2022 शनिवार से शुरू होगी।*
➡ *आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष के ९ दिन*
➡ *अश्विन महिने की दशहरे के पहले आनेवाली ९ तिथियाँ*
🙏🏻 *' नवरात्रियों में उपवास करते, हैं तो एक मंत्र जप करें ........ये मंत्र वेद व्यास जी भगवान ने कहा है ....इससे श्रेष्ट अर्थ की प्राप्ति हो जाती है...... दरिद्रता दूर हो जाती है । "ॐ श्रीं ह्रीं क्लिं ऐं कमल वसिन्ये स्वाहा"*
🌷 *नवरात्रि के दिनों में जप करने का मंत्र* 🌷
👉🏻 *नवरात्रि के दिनों में ' ॐ श्रीं ॐ ' का जप करें ।*
🌷 *चेटीचंड* 🌷
🙏🏻 *02 अप्रैल 2022 शनिवार को चेटीचंड पर्व है । उस दिन शाम को आकाश में चन्द्रमा दिखे दूज का चाँद शुक्ल पक्ष का, चैत्र सुद दूज ।*
🌙 *तो उस दिन रात को चंद्रमा को अर्घ्य दें ... कि मेरा मन शांत रहे, भक्ति में लगे, गुरु चरणों में लगे ऐसा भी करें और*
🌙 *"ॐ बालचन्द्रमसे नमः |" " ॐ बालचन्द्रमसे नमः|" " ॐ बालचन्द्रमसे नमः | " ऐसा बोलते हुए अर्घ्य दें । और मेरा मन गुरु भक्ति में लगे, गुरु चरणों में लगे ऐसा शुभ संकल्प करें ।*
🌷 *विद्यार्थी के लिए* 🌷
🔥 *नवरात्रि के दिनों में खीर की २१ या ५१ आहुति गायत्री मंत्र बोलते हुए दें । इससे विद्यार्थी को बड़ा लाभ होगा।*
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *चैत्र मास के नवरात्र का आरंभ 02 अप्रैल, शनिवार से हो रहा है। नवरात्रि में रोज देवी को अलग-अलग भोग लगाने से तथा बाद में इन चीजों का दान करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। जानिए नवरात्रि में किस तिथि को देवी को क्या भोग लगाएं-*
🙏🏻 *प्रतिपदा तिथि (नवरात्र के पहले दिन) पर माता को घी का ।भोग लगाएं ।इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा शरीर निरोगी होता है ।*
👉🏻 शेष कल...........
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक वासंतिक नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार वासंतिक नवरात्रि का प्रारंभ 02 अप्रैल, शनिवार से हो रहा है, धर्म ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि में हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप का पूजन करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती हैं । जानिए नवरात्रि में किस दिन देवी के कौन से स्वरूप की पूजा करें-*
🌷 *हिमालय की पुत्री हैं मां शैलपुत्री* 🌷
*चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, देवी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन योगीजन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं व योग साधना करते हैं।*
🙏🏻 *हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व आधार का महत्व सर्वप्रथम है। इसलिए इस दिन हमें अपने स्थायित्व व शक्तिमान होने के लिए माता शैलपुत्री से प्रार्थना करनी चाहिए। शैलपुत्री की आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। हिमालय की पुत्री होने से यह देवी प्रकृति स्वरूपा भी हैं । स्त्रियों के लिए उनकी पूजा करना ही श्रेष्ठ और मंगलकारी है।*
👉🏻 शेष कल.......
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻~
* Today's
Hindu Panchang * ~
*Date - 02 April 2022*
*Day - Saturday*
*Vikram Samvat 20 Chaitra - 2079 (Gujarat - 2078)*
*Shaka Samvat-1944*
*Ayan - Uttarayan*
* season - spring season *
* month - chaitra *
*Paksha - Shukla*
* Tithi - Pratipada till 11:58 in the morning after that Dwitiya *
* Nakshatra - Revathi till 11:21 in the morning, then Ashwini *
*Yoga - Indra till 08:31 in the morning after that validity*
*Rahukal - from 09:37 am to 11:10 am*
*sunrise - 06:32*
*sunset - 18:52*
*Dishashul - in the east direction*
* Vrat festival details - National Chaitri New Year V, No. 2079 start, Gudi Padwa (full day auspicious time), Shalivahan Shaka 1944 start, flag hoisting, Chaitri- Vasanti Navratri start, Chetichand, Chandra- Darshan Hedgewar Jayanti (T.A.) .)*
* Special - Do not eat Kushmanda (Kumhda, Petha) on Pratipada, because it is the destroyer of wealth. (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34)*
*There are 4 Navratri in the year*
There are 4 Navratri in a year, out of which 2 Navratri are secret -*
*First 9 dates of Magh Shukla Paksha*
* those 9 dates come at the time of Ram Navami of Chaitra month, this year 02 April 2022 will start from Saturday.*
*9 days of Shukla Paksha of Ashadha month*
* 9 dates before the Dussehra of Ashwin month *
🙏🏻 *' If you fast in Navratri, then chant a mantra...... Poverty goes away. "Om Shrim Hrim Klim Ain Kamal Vasinye Swaha"*
*Mantra to chant during Navratri days*
* on the days of Navratri, chant 'Om Shri Om'.*
*chetichand*
🙏🏻 * 02 April 2022 is the Chetichand festival on Saturday. That day, in the evening, the moon was seen in the sky, the moon of Shukla Paksha, Chaitra Sud Dooj.*
* then offer Arghya to the moon at night on that day ... that my mind should be calm, engaged in devotion, should do the same while engaged in the feet of the guru and*
*"Om Balachandramse Namah|" "Om Balachandramse Namah." "Om Balachandramse Namah." While saying this, offer arghya. And my mind should be engaged in Guru Bhakti, make such an auspicious resolution engaged in Guru's feet.
*for student*
* On the days of Navratri, give 21 or 51 offerings of Kheer while reciting Gayatri Mantra. This will greatly benefit the student.*
*Chaitra Navratri*
🙏🏻 * Navratri of Chaitra month is starting from Saturday, April 02. Every wish is fulfilled by offering different bhog to the goddess every day during Navratri and later donating these things. Know what to offer to Goddess on which date in Navratri-*
🙏🏻 * Offer ghee to the mother on Pratipada date (first day of Navratra). By this the patient gets freedom from sufferings and the body becomes healthy.*
Remaining tomorrow...........
*Chaitra Navratri*
The festival of Vasantik Navratri is celebrated from Shukla Pratipada of Chaitra month to the ninth date. This time Vasantik Navratri is starting from Saturday, April 02, according to religious texts, worshiping a particular form of Mother on every date in Navratri fulfills every wish of the devotee. Know which form of Goddess should be worshiped on which day in Navratri-*
Mother Shailputri is the daughter of Himalayas.
Maa Shailputri is worshiped on the Pratipada date of Chaitra Navratri. According to the Markandeya Purana, the name of the goddess was derived from her birth in the Himalayas. Himalaya is a symbol of our strength, firmness, support and stability. Maa Shailputri is also considered a symbol of unbroken good fortune. On the first day of Navratri, yogis establish their power in the Muladhara and practice yoga.
🙏🏻 * The importance of firmness, stability and foundation is the first in our life management. Therefore, on this day we should pray to Mother Shailputri for our stability and strength. Worshiping Shailputri brings stability in life. Being the daughter of Himalaya, this goddess is also nature form. It is best and auspicious for women to worship them.
Rest of tomorrow.......
[2/4, 09:15] OM ABHISHEK: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रामनगर
सस्नेह नमस्कार
आज प्रेम और सौहार्द से सभी स्वयंसेवको ने हिंदू नववर्ष व आद्य सरसंघचालक प्रणाम का कार्यक्रम रामनगर नत्था सिंह शाखा में सभी स्वयंसेवकों ने प्रेम से और ज्ञान रूपी बौद्धिक नव वर्ष की बेला किया गया ।हिंदू नववर्ष वर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम हर्ष व उल्लास से किया गया
कुल संख्या 29 रही ।
[2/4, 09:15] OM ABHISHEK: !! ॐ!!
देश हमें देता है सबकुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें ...
आज स्मृति चिन्ह स्वर्गीय वीर नत्था सिंह की याद में रामनगर नत्था सिंह पार्क में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा स्थापित किया गया ।उनके बारे में जानकारी माननीय संघचालक धर्मवीर जी ने दी ।संघ समाज के साथ यह अनावरण किया गया
वीर नत्था सिंह जी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक
रामनगर से प्रथम प्रचारक
कुशल संगठनकर्त्ता, समाजसेवी नेतृत्वकर्त्ता
जन्म : 22 फरवरी 1927
मृत्युः 1958
ग्राम : ग्रयालता, बडोल रामनगर
पिता : श्रीकोर सिंह
माता : श्रीमति दूना देवी
कार्यक्षेत्र : रामबन, भद्रवा, डोडा
!! भारतमाता की जय !!
[2/4, 09:15] OM ABHISHEK: Rashtriya Swayamsevak Sangh Ramnagar
Greetings dear
Today, with love and harmony, all the volunteers performed the program of Hindu New Year and Adi Sarsanghchalak Pranam in the Ramnagar Natha Singh branch.
The total number was 29.
[2/4, 09:15] OM ABHISHEK: !! !!
The country gives us everything, let us also learn to give something...
Today, a memento was installed by the Rashtriya Swayamsevak Sangh at Ramnagar Nattha Singh Park in the memory of Late Veer Natha Singh. Information about him was given by Honorable Sanghchalak Dharamveer ji. It was unveiled along with the Sangh Samaj.
Veer Natha Singh
Rashtriya Swayamsevak Sangh campaigner
First preacher from Ramnagar
Skilled Organizer, Social Service Leader
Born: 22 February 1927
Death: 1958
Village : Greyalta, Badol Ramnagar
Father: Shrikor Singh
Mother : Mrs. Doona Devi
Area of work: Ramban, Bhaderwa, Doda
, Long live Mother India !!
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