Monday, April 11, 2022

12/4/2022

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक - 12 अप्रैल 2022*
⛅ *दिन - मंगलवार*
⛅ *विक्रम संवत 30 चैत्र - 2079 (गुजरात-2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - वसंत ऋतु* 
⛅ *मास - चैत्र*
⛅ *पक्ष - शुक्ल* 
⛅ *तिथि - एकादशी 13 अप्रैल प्रातः 05:02 तक तत्पश्चात द्वादशी*
⛅ *नक्षत्र - अश्लेशा सुबह 08:35 तक तत्पश्चात मघा*
⛅ *योग - शूल दोपहर 12:04 तक तत्पश्चात गण्ड*
⛅  *राहुकाल - शाम 03:48 से शाम 05:22 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:23*
⛅ *सूर्यास्त - 18:55*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - कामदा एकादशी*
💥 *विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l    राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌷 *कामदा एकादशी* 🌷
➡️ *12 अप्रैल 2022 मंगलवार को प्रातः 04:31 से 13 अप्रैल, बुधवार को प्रातः 05:02 तक (यानी 12 अप्रैल, मंगलवार को पूरा दिन) एकादशी है।*
💥 *विशेष - 12 अप्रैल, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।*
 *‘कामदा एकादशी’ ब्रह्महत्या आदि पापों तथा पिशाचत्व आदि दोषों का नाश करनेवाली है । इसके पढ़ने और सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है ।*

🌷 *प्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 14 अप्रैल, गुरुवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
 👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
🙏🏻 *- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
🙏🏻 *- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
🙏🏻 *- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी  की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन  ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
 👉🏻 *ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी  को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी  की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻

~ * today's Hindu calendar * ~
 *Date - 12 April 2022*
 *Day - Tuesday*
 *Vikram Samvat 30 Chaitra - 2079 (Gujarat-2078)*
 *Shaka Samvat-1944*
 *Ayan - Uttarayan*
 * season - spring season *
 * month - Chaitra *
 *Paksha - Shukla*
 * date - Ekadashi 13 April till 05:02 then Dwadashi *
 * Constellation - Ashlesha till 08:35 in the morning, then Magha *
 *Yoga - Shool till 12:04 in the afternoon after that Gand*
 *Rahukal - from 03:48 in the evening to 05:22 in the evening*
 *sunrise - 06:23*
 *sunset - 18:55*
 *Dishashul - in the north direction*
 *Vrat festival details - Kamada Ekadashi*
 * Special - By reciting Shri Vishnu Sahasranama on every Ekadashi, happiness and peace remains in the house. Ram Rameti Rameti.  Rame Rame Manorame.  A thousand names are like that.  Ram Naam Varane.*
 * on the day of Ekadashi, reciting this mantra gives the same virtue as the chanting of Vishnu Sahasranamam.
 * hair should not be cut on Ekadashi day.*
 It is forbidden to eat rice and sago on Ekadashi.  Do not eat Shimbi (beans) on Ekadashi, otherwise the son is destroyed.
 * Those who take bath on the Ekadashis of both the sides using the juice of amla, their sins are destroyed.
 *Kamada Ekadashi*
 ️ *12 April 2022 is Ekadashi on Tuesday from 04:31 am to 13 April, Wednesday till 05:02 am (ie 12th April, full day on Tuesday).*
 *Special - keep the Ekadashi fast (fasting) on ​​12th April, Tuesday.*
  * 'Kamada Ekadashi' is the destroyer of sins like killing of Brahma and vices like demonicity.  By reading and listening to it one gets the fruits of the Vajapeya Yagya.
 *Pradosh Vrat*
 🙏🏻 *According to the Hindu calendar, Pradosh fast is observed on the Trayodashi tithi of both the sides of every month.  This fast is done to please Lord Shiva.  This time Pradosh fast is on 14th April, Thursday.  Special worship of Lord Shiva is done on this day.  How to fast and worship on Pradosh and what measures can be taken on this day to make you lucky, know…
  * do fast and worship like this *
 🙏🏻 *- after taking bath in the morning on the day of Pradosh fast, bathe Lord Shankar, Parvati and Nandi with Panchamrit and Gangajal.*
 🙏🏻 *- after this offer bel leaves, scent, rice, flowers, incense, lamp, naivedya (bhog), fruit, betel leaf, betel nut, clove, cardamom to God.*
 🙏🏻 *- stay fast throughout the day (if it is not possible, you can do fruit food at one time) and worship Shiva family in the same way again in the evening.*
 🙏🏻 *- Offer ghee and sugar to Lord Shiva with barley sattu.  Light eight lamps in eight directions.*
 🙏🏻 *- do the aarti of Lord Shiva.  Offer prasad to God and break your fast with it. Follow celibacy on that day.*
  *take these measures*

 After getting up early in the morning, after taking bath etc., offer Ardhya to the Sun God with a copper vessel.  Be sure to mix the flowers of the figure in the water.  The flowers of the figures are very dear to Lord Shiva.  By taking these measures, the blessings of Lord Shiva along with Suryadev also remain and luck can also happen.
 

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