🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक - 01 मई 2022*
⛅ *दिन - रविवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म ऋतु*
⛅ *मास - वैशाख*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - प्रतिपदा 02 मई रात्रि 03:25 तक तत्पश्चात द्वितीया*
⛅ *नक्षत्र - भरणी रात्रि 10:21 तक तत्पश्चात कृतिका*
⛅ *योग - आयुष्मान शाम 03:19 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
⛅ *राहुकाल - शाम 05:27 से शाम 07:04 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:9*
⛅ *सूर्यास्त - 19:02*
⛅ *दिशाशूल पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - राष्ट्रीय मजदूर दिवस, गुजरात- महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस, देवदामोदर तिथि (असम)*
💥 *विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *अक्षय फलदायी “अक्षय तृतीया”* 🌷
➡ *03 मई 2022 मंगलवार को अक्षय तृतीया है ।*
🙏🏻 *वैशाख शुक्ल तृतीया की महिमा मत्स्य, स्कंद, भविष्य, नारद पुराणों व महाभारत आदि ग्रंथो में है । इस दिन किये गये पुण्यकर्म अक्षय (जिसका क्षय न हो) व अनंत फलदायी होते हैं, अत: इसे 'अक्षय तृतीया' कहते है । यह सर्व सौभाग्यप्रद है ।*
🙏🏻 *यह युगादि तिथि यानी सतयुग व त्रेतायुग की प्रारम्भ तिथि है । श्रीविष्णु का नर-नारायण, हयग्रीव और परशुरामजी के रूप में अवतरण व महाभारत युद्ध का अंत इसी तिथि को हुआ था ।*
👉🏻 *इस दिन बिना कोई शुभ मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ या सम्पन्न किया जा सकता है । जैसे - विवाह, गृह - प्रवेश या वस्त्र -आभूषण, घर, वाहन, भूखंड आदि की खरीददारी, कृषिकार्य का प्रारम्भ आदि सुख-समृद्धि प्रदायक है ।*
🌷 *प्रात:स्नान, पूजन, हवन का महत्त्व* 🌷
🙏🏻 *इस दिन गंगा-स्नान करने से सारे तीर्थ करने का फल मिलता है । गंगाजी का सुमिरन एवं जल में आवाहन करके ब्राम्हमुहूर्त में पुण्यस्नान तो सभी कर सकते है । स्नान के पश्चात् प्रार्थना करें :*
🌷 *माधवे मेषगे भानौं मुरारे मधुसुदन ।*
*प्रात: स्नानेन में नाथ फलद: पापहा भव ॥*
🙏🏻 *'हे मुरारे ! हे मधुसुदन ! वैशाख मास में मेष के सूर्य में हे नाथ ! इस प्रात: स्नान से मुझे फल देनेवाले हो जाओ और पापों का नाश करों ।'*
👉🏻 *सप्तधान्य उबटन व गोझरण मिश्रित जल से स्नान पुण्यदायी है । पुष्प, धूप-दीप, चंदनम अक्षत (साबुत चावल) आदि से लक्ष्मी-नारायण का पूजन व अक्षत से हवन अक्षय फलदायी है ।*
🌷 *जप, उपवास व दान का महत्त्व* 🌷
🙏🏻 *इस दिन किया गया उपवास, जप, ध्यान, स्वाध्याय भी अक्षय फलदायी होता है । एक बार हल्का भोजन करके भी उपवास कर सकते है । 'भविष्य पुराण' में आता है कि इस दिन दिया गया दान अक्षय हो जाता है । इस दिन पानी के घड़े, पंखे, (खांड के लड्डू), पादत्राण (जूते-चप्पल), छाता, जौ, गेहूँ, चावल, गौ, वस्त्र आदि का दान पुण्यदायी है । परंतु दान सुपात्र को ही देना चाहिए ।*
🌷 *पितृ-तर्पण का महत्त्व व विधि* 🌷
🙏🏻 *इस दिन पितृ-तर्पण करना अक्षय फलदायी है । पितरों के तृप्त होने पर घर में सुख-शांति-समृद्धि व दिव्य संताने आती है ।*
💥 *विधि : इस दिन तिल एवं अक्षत लेकर र्विष्णु एवं ब्रम्हाजी को तत्त्वरूप से पधारने की प्रार्थना करें । फिर पूर्वजों का मानसिक आवाहन कर उनके चरणों में तिल, अक्षत व जल अर्पित करने की भावना करते हुए धीरे से सामग्री किसी पात्र में छोड़ दें तथा भगवान दत्तात्रेय, ब्रम्हाजी व विष्णुजी से पूर्वजों की सदगति हेतु प्रार्थना करें ।*
🌷 *आशीर्वाद पाने का दिन* 🌷
🙏🏻 *इस दिन माता-पिता, गुरुजनों की सेवा कर उनकी विशेष प्रसन्नता, संतुष्टि व आशीर्वाद प्राप्त करें । इसका फल भी अक्षय होता है ।*
🌷 *अक्षय तृतीया का तात्त्विक संदेश* 🌷
🙏🏻 *'अक्षय' यानी जिसका कभी नाश न हो । शरीर एवं संसार की समस्त वस्तुएँ नाशवान है, अविनाशी तो केवल परमात्मा ही है । यह दिन हमें आत्म विवेचन की प्रेरणा देता है । अक्षय आत्मतत्त्व पर दृष्टी रखने का दृष्टिकोण देता है । महापुरुषों व धर्म के प्रति हमारी श्रद्धा और परमात्म प्राप्ति का हमारा संकल्प अटूट व अक्षय हो - यही अक्षय तृतीया का संदेश मान सकते हो ।
🌷 *अक्षय तृतीया* 🌷
🙏🏻 *'अक्षय' शब्द का मतलब है- जिसका क्षय या नाश न हो। इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे 'अक्षय तृतीया' कहते हैं। भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है। इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है। इस दिन सभी देवताओं व पित्तरों का पूजन किया जाता है। पित्तरों का श्राद्ध कर धर्मघट दान किए जाने का उल्लेख शास्त्रों में है। वैशाख मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है अतः विशेषतः विष्णु जी की पूजा करें।*
🙏🏻 *स्कन्दपुराण के अनुसार, जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रातः स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करके कथा सुनते हैं, वे मोक्ष के भागी होते हैं। जो उस दिन मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए दान करते हैं, उनका वह पुण्यकर्म भगवान की आज्ञा से अक्षय फल देता है।*
🙏🏻 *भविष्यपुराण के मध्यमपर्व में कहा गया है वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया में गंगाजी में स्नान करनेवाला सब पापों से मुक्त हो जाता है | वैशाख मास की तृतीया स्वाती नक्षत्र और माघ की तृतीया रोहिणीयुक्त हो तथा आश्विन तृतीया वृषराशि से युक्त हो तो उसमें जो भी दान दिया जाता है, वह अक्षय होता है | विशेषरूप से इनमें हविष्यान्न एवं मोदक देनेसे अधिक लाभ होता है तथा गुड़ और कर्पूर से युक्त जलदान करनेवाले की विद्वान् पुरुष अधिक प्रंशसा करते हैं, वह मनुष्य ब्रह्मलोक में पूजित होता है | यदि बुधवार और श्रवण से युक्त तृतीया हो तो उसमें स्नान और उपवास करनेसे अनंत फल प्राप्त होता हैं |*
🌷 *अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं ।*
*तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया ।*
*उद्दिश्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यै: ।*
*तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव ।। – मदनरत्न*
🙏🏻 *अर्थ : भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठरसे कहते हैं, हे राजन इस तिथि पर किए गए दान व हवन का क्षय नहीं होता है; इसलिए हमारे ऋषि-मुनियोंने इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहा है । इस तिथि पर भगवानकी कृपादृष्टि पाने एवं पितरोंकी गतिके लिए की गई विधियां अक्षय-अविनाशी होती है
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~ * Today's Hindu Panchang * ~
*Date - 01 May 2022*
*Day - Sunday*
*Vikram Samvat - 2079 (Gujarat-2078)*
*Shaka Samvat-1944*
*Ayan - Uttarayan*
*season - summer season*
* month - Vaishakh *
*Paksha - Shukla*
* date - Pratipada 02 May night till 03:25 after that Dwitiya *
* Nakshatra - Bharani night till 10:21 after that Kritika *
*Yoga - Ayushman evening till 03:19 after that good luck*
*Rahukal - from 05:27 in the evening to 07:04 in the evening*
*Sunrise - 06:9*
*sunset - 19:02*
*dishashul in west direction*
*Vrat festival details - National Labor Day, Gujarat- Maharashtra State Foundation Day, Devdamodar Tithi (Assam)*
* Special - Do not eat Kushmanda (Kumhda, Petha) on Pratipada, because it is the destroyer of wealth. (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34)*
* Akshaya fruitful "Akshay Tritiya"*
* 03 May 2022 is Akshaya Tritiya on Tuesday.*
🙏🏻 * The glory of Vaishakh Shukla Tritiya is in the texts like Matsya, Skanda, Bhavishya, Narada Puranas and Mahabharata etc. The virtuous deeds performed on this day are renewable (which does not decay) and are infinitely fruitful, hence it is called 'Akshaya Tritiya'. It is all fortunate.*
🙏🏻 * This is Yugadi Tithi i.e. the starting date of Satyug and Tretayug. The incarnation of Shri Vishnu as Nar-Narayan, Hayagriva and Parashuramji and the end of the Mahabharata war took place on this date.
* On this day any auspicious work can be started or completed without seeing any auspicious time. For example, marriage, home-entry or clothing-jewellery, purchase of house, vehicle, plot etc., start of agricultural work etc. is a provider of happiness and prosperity.
* Importance of morning bath, worship, havan *
🙏🏻 * bathing in the Ganges on this day gives the fruit of doing all the pilgrimages. By worshiping Gangaji and invoking it in water, everyone can take a holy bath in Brahmamuhurta. Pray after bath:*
*Madhave Meshge Bhanoun Murare Madhusudan.*
* Nath phalad in the morning bath: papaha bhava *
🙏🏻 * 'O Murare! Oh Madhusudan! O Nath in the Sun of Aries in the month of Vaishakh! By bathing this morning, be the one who gives me fruits and destroy my sins.
* Bathing with water mixed with Saptadhanya Ubtan and Gojharan is virtuous. Worship of Lakshmi-Narayan with flowers, incense-lamp, sandalwood akshat (whole rice) etc. and Havan with akshat is fruitful.
* Importance of chanting, fasting and charity *
🙏🏻 * Fasting, chanting, meditation, self-study done on this day are also renewable fruitful. One can fast even after having a light meal. It is mentioned in 'Bhavishya Purana' that the donation given on this day becomes renewable. On this day, donating water pitchers, fans (laddus of Khand), padatran (shoes-slippers), umbrella, barley, wheat, rice, cow, clothes etc. is virtuous. But the donation should be given only to the deserving.
* Importance and method of Pitru-Tarpan *
🙏🏻 * Performing Pitra-Tarpan on this day is inexhaustible fruitful. When the ancestors are satisfied, happiness-peace-prosperity and divine children come in the house.
*Method: On this day, take Til and Akshat and pray to Lord Vishnu and Brahma to come in the form of Tattva. Then, making a mental call to the ancestors, with the feeling of offering sesame, akshat and water at their feet, slowly drop the material in a vessel and pray to Lord Dattatreya, Bramhaji and Vishnu for the welfare of the ancestors.
* day to get blessings *
On this day, by serving parents and teachers, get their special happiness, satisfaction and blessings. Its fruit is also renewable.
* Elemental message of Akshaya Tritiya *
🙏🏻 * 'Akshay' means that which never perishes. The body and all the things in the world are perishable, only God is imperishable. This day gives us inspiration for introspection. Akshay gives the perspective of having a look at the Atmatattva. May our reverence for great men and religion and our resolve to attain God be unwavering and inexhaustible - this is the message of Akshaya Tritiya.
*Akshaya Tritiya*
The word 'Akshaya' means - that which does not decay or perish. The chanting, austerity, knowledge and charity done on this day gives inexhaustible results, hence it is called 'Akshaya Tritiya'. There is a special mention of this date in Bhavishya Purana, Matsya Purana, Padma Purana, Vishnudharmottara Purana, Skanda Purana. Whatever auspicious work is done on this day, they get very good results. On this day all the gods and ancestors are worshipped. There is a mention in the scriptures of donating to the ancestors after performing Shradh. The month of Vaishakh is very dear to Lord Vishnu, so especially worship Lord Vishnu.
🙏🏻 *According to Skanda Purana, people who take bath in the morning on Akshaya Tritiya during sunrise and listen to the story by worshiping Lord Vishnu, they are bound to salvation. Those who donate for the happiness of Madhusudan on that day, their virtuous deeds give inexhaustible fruits by the permission of the Lord.
It is said in the Madhya Parv of Bhavishya Purana that one who bathes in the Ganges on the third day of Vaishakh Shukla Paksha becomes free from all sins. If the Tritiya of Vaishakh month Swati Nakshatra and the Tritiya of Magha are Rohiniyukt and Ashwin Tritiya is conjoined with Taurus, then whatever donation is given in it is renewable. In particular, giving Havishyana and Modak gives more benefit, and the one who donates water containing jaggery and camphor is more appreciated by learned men, that person is worshiped in Brahmaloka. If it is a Wednesday and Tritiya with hearing, then bathing and fasting in it gives infinite results.
* asyan tithou akshaymurpati hutam na dattam.*
*Tenakshayeti alleged Munibhistriya.*
*objective daivatpitrunkriyate manusai:.*
* Tat Cha Akshayam Bhavati Bharat is omnipresent.. - Madaratna*
🙏🏻 * Meaning: Lord Krishna says to Yudhishthira, O king, the donations and havans done on this date do not decay; That is why our sages have called it 'Akshaya Tritiya'. The rituals done on this date to get the blessings of God and for the movement of ancestors are indestructible and indestructible.
~ *آج کا ہندو پنچنگ* ~
*تاریخ - 01 مئی 2022*
*دن - اتوار*
*وکرم سموت - 2079 (گجرات-2078)*
*شک سموت 1944*
*ایان - اترائن*
*موسم - گرمیوں کا موسم*
*ماہ - ویشخ*
*پکشا - شکلا*
*تاریخ - پرتیپدا 02 مئی کی رات 03:25 تک اس کے بعد دویتیا*
*نکشترا - بھرانی رات 10:21 تک اس کے بعد کریتکا*
*یوگا - آیوشمان شام 03:19 تک اس کے بعد اچھی قسمت*
*رہوکل - شام 05:27 سے شام 07:04 تک*
* طلوع آفتاب - 06:9*
*غروب - 19:02*
*دیشاشول مغرب کی سمت*
*وراٹ تہوار کی تفصیلات - قومی یوم مزدور، گجرات- مہاراشٹرا ریاستی یوم تاسیس، دیودمودر تیتھی (آسام)*
*خصوصی - پرتیپدا پر کشمنڈہ (کمہڈا، پیٹھا) نہ کھائیں، کیونکہ یہ دولت کو تباہ کرنے والا ہے۔
* اکشے نتیجہ خیز "اکشے ترتیا"*
*03 مئی 2022 بروز منگل اکشے ترتیہ ہے۔*
🙏🏻 *وشاخ شکلا تریتیہ کی شان متسیا، سکند، بھاویشیا، نارد پران اور مہابھارت وغیرہ میں ہے۔ اس دن کیے جانے والے نیک اعمال قابل تجدید ہیں (جو زائل نہیں ہوتے ہیں) اور لامحدود پھلدار ہوتے ہیں، اس لیے اسے 'اکشے ترتیا' کہا جاتا ہے۔ یہ سب خوش نصیبی ہے۔*
🙏🏻 * یہ یوگادی تیتھی ہے یعنی ستیوگ اور تریتایوگ کی شروعاتی تاریخ۔ شری وشنو کا بطور نار-نارائن، ہیاگریو اور پرشورام جی کا اوتار اور مہابھارت جنگ کا خاتمہ اسی تاریخ کو ہوا تھا۔
*اس دن کوئی بھی نیک کام بغیر کسی شبھ کا وقت دیکھے شروع یا مکمل کیا جاسکتا ہے۔ مثال کے طور پر شادی، گھر میں داخلہ یا لباس زیورات، مکان، گاڑی، پلاٹ وغیرہ کی خریداری، زرعی کام کا آغاز وغیرہ خوشی اور خوشحالی کا باعث ہیں۔
*صبح کے غسل، عبادت، ہون کی اہمیت*
🙏🏻 *اس دن گنگا میں نہانے سے تمام زیارتوں کا پھل ملتا ہے۔ گنگا جی کی پوجا کرکے اور اسے پانی میں ڈال کر، ہر کوئی برہما مہورتا میں مقدس غسل کرسکتا ہے۔ غسل کے بعد دعا:*
*مادھوے میشگے بھانون مرارے مدھوسودن*
*صبح کے غسل میں ناتھ پھلاد: پاپا بھا*
🙏🏻 *'اے مرارے! اے مدھوسودن! اے ناتھ ویشاخ کے مہینہ میں میش کے سورج میں! آج صبح نہانے سے مجھے پھل دینے والے اور میرے گناہوں کو مٹانے والے بن جا۔
* سپتدھنیا ابتن اور گوجراں کے پانی سے غسل کرنا فضیلت ہے۔ لکشمی-نارائن کی پھولوں، بخور-دیپ، چندن اکشات (پورے چاول) وغیرہ کے ساتھ پوجا اور اکشات کے ساتھ ہون نتیجہ خیز ہے۔
*جاپ،روزہ اور صدقہ کی اہمیت*
🙏🏻 *اس دن روزہ، منتر، مراقبہ، خود مطالعہ بھی قابل تجدید نتیجہ خیز ہے۔ ہلکا کھانا کھانے کے بعد بھی روزہ رکھ سکتا ہے۔ بھویشیہ پران میں بتایا گیا ہے کہ اس دن دیا جانے والا عطیہ قابل تجدید ہو جاتا ہے۔ اس دن پانی کے گھڑے، پنکھے (کھنڈ کے لڈو)، پادتراں (جوتے چپل)، چھتری، جو، گندم، چاول، گائے، کپڑے وغیرہ کا عطیہ کرنا نیکی ہے۔ لیکن چندہ صرف مستحقین کو دیا جائے۔
*پترو ترپن کی اہمیت اور طریقہ*
🙏🏻 *اس دن پتر ترپن کرنا لازوال نتیجہ خیز ہے۔ جب باپ دادا راضی ہوتے ہیں تو گھر میں خوشی، سکون، خوشحالی اور الہی اولاد آتی ہے۔
*طریقہ: اس دن تل اور اکشت لیں اور بھگوان وشنو اور برہما سے تتوا کی شکل میں آنے کی دعا کریں۔ اس کے بعد، باپ دادا کو ذہنی اذان دینے کے بعد، ان کے قدموں پر تل، اکشت اور پانی پیش کرنے کے احساس کے ساتھ، آہستہ آہستہ اس مواد کو ایک برتن میں ڈالیں اور باپ دادا کی بھلائی کے لیے بھگوان دتاتریہ، برہماجی اور وشنو سے دعا کریں۔
*برکت حاصل کرنے کا دن*
اس دن والدین اور اساتذہ کی خدمت کرکے ان کی خصوصی خوشی، اطمینان اور برکت حاصل کریں۔ اس کا پھل بھی قابل تجدید ہے۔
*اکشے ترتیا کا بنیادی پیغام*
🙏🏻 * 'اکشے' کا مطلب ہے وہ جو کبھی فنا نہیں ہوتا۔ جسم اور دنیا کی تمام چیزیں فانی ہیں، صرف اللہ ہی فانی ہے۔ یہ دن ہمیں خود شناسی کی تحریک دیتا ہے۔ اکشے آتما تتوا پر ایک نظر ڈالنے کا تناظر پیش کرتے ہیں۔ عظیم انسانوں اور مذہب کے لیے ہماری تعظیم اور خدا کو حاصل کرنے کا ہمارا عزم غیر متزلزل اور لازوال ہو - یہ اکشے ترتیا کا پیغام ہے۔
*اکشے ترتیا*
لفظ 'اکشے' کا مطلب ہے - وہ جو زوال یا فنا نہ ہو۔ اس دن کی جانے والی جاپ، کفایت شعاری، علم اور خیرات کے لازوال نتائج حاصل ہوتے ہیں، اسی لیے اسے 'اکشے تریہ' کہا جاتا ہے۔ بھویشیہ پران، متسیہ پران، پدما پران، وشنودھرموتر پران، سکند پران میں اس تاریخ کا خاص ذکر ہے۔ اس دن جو بھی نیک کام کیا جاتا ہے اس کے بہت اچھے نتائج حاصل ہوتے ہیں۔ اس دن تمام دیوتاؤں اور باپ دادا کی پوجا کی جاتی ہے۔ شرافت کے بعد باپ دادا کو چندہ دینے کا صحیفوں میں ذکر ہے۔ ویشاکھ کا مہینہ بھگوان وشنو کو بہت پیارا ہے، اس لیے خاص طور پر بھگوان وشنو کی پوجا کریں۔
🙏🏻 *سکند پران کے مطابق، جو لوگ اکشے ترتیا کے دن صبح طلوع آفتاب کے وقت غسل کرتے ہیں اور بھگوان وشنو کی پوجا کرکے کہانی سنتے ہیں، وہ نجات کے پابند ہیں۔ جو لوگ اس دن مدھوسودن کی خوشی کے لیے چندہ دیتے ہیں، ان کے نیک اعمال رب کی اجازت سے لازوال پھل دیتے ہیں۔
بھویشیہ پران کے مدھیہ پرو میں کہا گیا ہے کہ جو شخص وشاخ شکلا پکشا کے تیسرے دن گنگا میں غسل کرتا ہے وہ تمام گناہوں سے پاک ہو جاتا ہے۔ اگر وشاخ کے مہینے کی ترتیہ سواتی نکشتر اور ماگھ کی ترتیا روہنیکت ہیں اور اشون ترتیا کو ورشب کے ساتھ ملایا جاتا ہے، تو اس میں جو بھی عطیہ دیا جاتا ہے وہ قابل تجدید ہے۔ خاص طور پر حویشیانہ اور مودک دینے سے زیادہ فائدہ ہوتا ہے، اور جو گڑ اور کافور والا پانی عطیہ کرتا ہے، اس کی تعریف اہل علم زیادہ کرتے ہیں، برہملوک میں اس کی پوجا کی جاتی ہے۔ اگر بدھ اور سماعت کے ساتھ ترتیہ ہو تو اس میں غسل کرنے اور روزہ رکھنے سے لاتعداد نتائج حاصل ہوتے ہیں۔
*آسیان تیتھو اکشے مرپتی ہٹم نہ دتم۔*
*تیناکشیتی نے مبینہ منیبھسٹریا*
*مقصد دیواتپترنکریتے مانوسائی:*
*تت چا اکشیام بھاوتی بھارت ہمہ گیر ہے۔ - مدارتنا*
🙏🏻 *مطلب: بھگوان کرشن یودھیشتھر سے کہتے ہیں، اے بادشاہ، اس تاریخ کو کیے گئے عطیات اور ہون زائل نہیں ہوتے۔ اسی لیے ہمارے باباؤں نے اسے 'اکشے ترتیا' کہا ہے۔ اس تاریخ کو خدا کی رحمت اور آباؤ اجداد کی حرکت حاصل کرنے کے لیے کی جانے والی رسومات ناقابلِ فنا اور ناقابلِ فنا ہیں۔