Friday, March 11, 2022

24/2/2022RUSSIAN YUKRENIAN WAR USSR VS USA

*सभी मित्रों से निवेदन है इस लेख को जरूर पूरा पढ़ें बहुत तथ्यात्मक जानकारी हैं*🙏

*साकार होता एक सपना जो आज से 50 साल पहले अमेरिका ने देखा था।*
*और एक सपना जो आज चीन देख रहा है....भारत को टुकड़े टुकड़े करने का !*
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*द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से 45 वर्षों तक शायद ही कोई अवसर आया हो जब सोवियत रूस और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की किसी वैश्विक मुद्दे पर आम सहमति बनी हो। दोनो महाशक्ति हर मौके पर अपनी ताल ठोकते रहे...चाहे चांद पर कदम हो या भारत चीन पाकिस्तान के रिश्ते तय करने हो, वियतनाम हो या फिर अफगानिस्तान.... दोनो महाशक्ति 36 के आंकड़े के साथ दुनिया के सामने खड़े रहे। और यूँ 1945 से चले शीत युद्ध के साए में 46 सालों तक तीसरी दुनिया के देश अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए किसी एक का दामन पकड़ पीछे पीछे चलते रहे...जब तक कि दिसम्बर 1991 में सोवियत रूस टुकड़े टुकड़े ना हो गया।*

*अकेले महाशक्ति बनकर पूरी दुनिया को हांकने के लिए यह जरूरी था कि अमेरिका रूस को छिन्न भिन्न कर दे।*
 *1917 में साम्यवाद के सिद्धांत पर बने रूस को टुकड़े टुकड़े करना अमेरिका के लिए कोई मुश्किल राह न थी। पर समस्या थी रूस का बड़ा आकार।*
 *आधे यूरोप और एशिया को घेरे विशाल सोवियत रूस को तोड़ना आसान ना था।*

*ऐसे में 1985 में सोवियत रूस के राष्ट्रपति बने मिखाइल गोर्बाचेव।*

*गोर्बाचेव ने रूस में आर्थिक क्रांति लाने का प्रयास किया।* *अफगानिस्तान की लड़ाई में जर जर हो चुकी सोवियत रूस की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए गोर्बाचेव ने साम्यवाद के छत्ते में हाथ डालने की गलती कर दी।*
*भारत की तरह सैद्धांतिक और मूल विचारों से सोवियत रूस भी कभी भी एक विचारधारा को मानने वाला नहीं था। जैसे भारत में बंगाली, उड़िया, केरलिस्ट, तमिल, कश्मीरी, बिहारी, मराठी पहले हैं और भारतीय बाद में* 
*ऐसे ही सोवियत रूस में कम से कम 100 अलग-अलग विचारधारा के लोग शामिल थे। सोवियत संघ में कुल 15 राज्य शामिल थे, सबकी अलग अलग विचारधारा थी।*

*इनमें मध्य एशिया के मुस्लिम राज्य भी थे, जैसे उज़्बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान, तजाकिस्तान और किर्गिज़स्तान।*
*इसके अलावा पूर्वी यूरोप के भी कुछ राज्य थे....जहां की 90 प्रतिशत आबादी ईसाई धर्म के लोगों की थी। ये देश थे लताविया, एस्टोनिया, यूक्रेन, बेलारूस और जॉर्जिया।*
*रशिया, सोवियत संघ में क्षेत्रफल के मामले में सबसे बड़ा, सबसे अमीर और सबसे ताक़तवर राज्य था।*

*इन्हीं सब विविधताओं का अमेरिका और यूरोप ने फायदा उठाया। लोगो और राज्यों को स्वतंत्र होने के लिए उकसाया जाने लगा। घी का काम किया गोर्बाचेव की आर्थिक नीतियों ने। और अन्ततः सोवियत रूस के टुकड़े टुकड़े कर दिए गए। अब अमेरिका अकेला था। अकेला सुपर पावर। एकमात्र महाशक्ति। ये तो चीन का उदय हो गया नहीं तो अभी तक तीसरी दुनिया के अधिकतर देश अमेरिका के उपनिवेश बन चुके होते।*

*अब आज के भारत और भारत में रहने वाले आज के लोगो की बात करते हैं....*

*पिछले बजट सत्र में राहुल गांधी ने संसद में एक चौंकाने वाला बयान दिया....*
*"भारत कोई राष्ट्र नहीं बल्कि अलग अलग राज्यों का समूह है!"*
*मैं राहुल गांधी की इस सोच की प्रामाणिकता या संवैधानिकता पर प्रश्न नहीं उठाऊंगा। किंतु ये सोच उसी थ्योरी का बेस है जिस पर खड़े होकर सोवियत रूस के टुकड़े टुकड़े किये गए थे।*

*भारत में भी तत्कालीन रूस की तरह सैकडों विचारधाराओं के अलग अलग लोग रहते हैं। अलग अलग राज्य हैं। अलग अलग समूह हैं।अलग अलग रीति रिवाज मानने वाले लोग हैं। अलग अलग धर्म, मजहब वाले लोग हैं। अलग अलग भाषाएं और जाति में बंटे लोग हैं।*

*ये सब तो है, ठीक है। ये तत्कालीन सोवियत रूस और भारत में समानता है। किंतु पिछले सात आठ वर्षों में एक और समानता ने जन्म लिया है.... बल्कि कहे तो फली फूली है। और वो है भारत का आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर बढ़ते कदम।*

*आज जब मैं सोवियत रूस और अमेरिका के शीत युद्ध के हालातों को याद करता हूँ तो लगभग वही परिदृश्य आज मैं भारत और चीन के मध्य देख रहा हूँ।*

*अपने शानदार एवरेज प्राकृतिक मौसम और वर्तमान सरकार की बेहतर आर्थिक नीतियों के चलते पिछले 8 वर्षों में भारत चीन को हर मोर्चे पर टक्कर दे रहा है। और यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले 25 वर्षों में चीन को पछाड़ भारत को दुनिया की नम्बर एक आर्थिक महाशक्ति बनने से कोई रोक नहीं सकेगा।*

*भला यह चीन कैसे बर्दाश्त कर सकता है ?*
*इसलिए चीन ने अपनी समस्त नीतियाँ और एफर्ट्स भारत को रोकने में लगा दिए हैं। बेहतर होगा कहा जाए कि भारत को रोकने में नहीं तोड़ने में लगा दिए हैं। और इसके लिए केरल से लेकर पंजाब तक, असम से लेकर बंगाल तक भारत की विभिन्न विचारधाराओं के लोगो को केंद्र के विरुद्ध भड़काया जा रहा है। कभी सिखों को सामने करके, कभी शाहीन बाग बना कर, कभी टिकैत को सड़कों पर बिठाकर तो कभी ममता बनर्जी से संविधान के तार तार करवाकर।*

*विदेशों से भारत को तोड़ने के अभियान चलाए जाते हैं। कभी अमेरिका की रिहाना को, तो कभी ग्रेटा थनबर्ग को भारत की लोकप्रिय सरकार की आलोचना करने के लिए मीडिया के थ्रू भारत में लांच किया जाता है।*

*"भारत तेरे टुकड़े होंगे....इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह"....*
*चिल्लाने वालो को विदेशों से फंडिंग की जाती है। राज्यों के अधिकारों के नाम पर अलग अलग राज्यो की जनता को भड़काया जाता है।*

*कुल मिलाकर बस एक चिंगारी की देर है। और चीन का सपना साकार होने में देर नहीं लगेगी कि भारत भी सोवियत रूस की तरह टुकड़े टुकड़े बंट जाए।*
*और तब दिल्ली की सर्जिकल स्ट्राइक इस्लामाबाद पर नहीं.....*
*हैदराबाद की जयपुर पर होगी,*
*बंगलुरू की भोपाल पर होगी*
*बंगाल की बिहार पर होगी।*
*मराठे मारवाड़ को भेदेगें और कश्मीरियत पंजाबियत का इम्तिहान लेगी।*

*रूस यूक्रेन युद्ध भारत के लिए वो आईना है जिसमें भविष्य में होने वाली घटनाओं को साफ साफ देखा जा सकता है। बस आवश्यकता है ऐसी घटनाओं को न घटित होने देने के संकल्प की।*

*दुनिया को लग रहा होगा कि रूस एक दूसरे देश यूक्रेन को मटियामेट कर रहा है। पर ध्यान से सोचो रूस कभी रूस रहे अपनी भूमि यूक्रेन को ही जला रहा है। और अमेरिका अपने पचास साल पुराने सपने को साकार होते देख खुशी में नाच रहा है।*

*क्या बात है जमीं भी रूस की, माचिस भी रूस की, सड़कों पर बहता खून भी रूस का, चीखें भी रूस की, कत्ल भी रूस का और कातिल भी रूस का....पर सपना अमेरिका का।* मित्रों मेरा आप सभी से निवेदन है इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करें और भारतीयों में जनजागरूकता लाने का प्रयास करें नहीं तो जो हस्र आज यूक्रेन क्या हो रहा है यह आने वाले समय में अगर एकजुट नहीं हुए तो भारत का भी संभव हो सकता है*
*भारत माता की जय*
*वंदे मातरम*🇮🇳🚩

* All friends are requested to read this article completely, there is a lot of factual information.

 * A dream that would have come true, which America saw 50 years ago today.
 * and a dream that China is seeing today....to break India into pieces!*
 ,
 In the 45 years since the Second World War, there has hardly been an occasion when Soviet Russia and the United States of America have reached a consensus on a global issue. Both the superpowers kept hitting their beats on every occasion... whether it was to step on the moon or decide India-China-Pakistan relations, be it Vietnam or Afghanistan.... Both the superpowers stood in front of the world with the figure of 36. And in the shadow of the Cold War that lasted from 1945, for 46 years, the third world countries kept on holding back one's arms to keep their existence behind… until Soviet Russia broke into pieces in December 1991. *

 * It was necessary that America should break Russia apart in order to control the whole world by becoming a single superpower.
  * It was not a difficult path for America to break Russia into pieces on the principle of communism in 1917. But the problem was the size of Russia.*
  * It was not easy to break the vast Soviet Russia that surrounded half of Europe and Asia.

 In such a situation, Mikhail Gorbachev became the President of Soviet Russia in 1985.*

 * Gorbachev tried to bring an economic revolution in Russia.

 * Like India, Soviet Russia was never going to follow one ideology with its theoretical and original ideas. Like in India Bengali, Oriya, Keralist, Tamil, Kashmiri, Bihari, Marathi are first and Indians later*
 *Similarly, in Soviet Russia, people of at least 100 different ideologies were involved. There were a total of 15 states in the Soviet Union, each with a different ideology.

 * There were also Muslim states of Central Asia, such as Uzbekistan, Kazakhstan, Tajikistan and Kyrgyzstan.
 Apart from this, there were some states of Eastern Europe as well, where 90 percent of the population was of Christian religion. These countries were Latvia, Estonia, Ukraine, Belarus and Georgia.*
 *Russia was the largest, richest and most powerful state in terms of area in the Soviet Union.*

 America and Europe took advantage of all these diversities. People and states were encouraged to become independent. Gorbachev's economic policies worked as ghee. And eventually Soviet Russia was torn into pieces. America was now alone. Lonely super power. The only superpower This was the rise of China, otherwise most of the countries of the third world would have become colonies of America by now.

 * Now let's talk about today's India and today's people living in India....*

 *In the last budget session, Rahul Gandhi made a shocking statement in Parliament....*
 *"India is not a nation but a group of different states!"*
 *I will not question the authenticity or constitutionality of this thinking of Rahul Gandhi. But this thinking is the basis of the same theory on which Soviet Russia was torn to pieces by standing.

 There are hundreds of different people of different ideologies living in India like the then Russia. There are different states. There are different groups. There are people who follow different customs. There are people with different religions, religions. There are people divided into different languages ​​and castes.*

 * That's all, it's okay. This is the similarity between the then Soviet Russia and India. But in the last seven-eight years another similarity has taken birth…., rather, it has flourished. And that is the step towards becoming India's economic superpower.

 Today, when I remember the conditions of the Cold War between Soviet Russia and America, I am seeing almost the same scenario today between India and China.

 Due to its excellent average natural weather and better economic policies of the current government, India is giving competition to China on every front in the last 8 years. And if this continues, no one will be able to stop India from becoming the world's number one economic superpower, overtaking China in the coming 25 years.

 * Well how can this China tolerate?*
 That's why China has put all its policies and efforts in stopping India. It would be better to say that India has been invested in not breaking in stopping. And for this, from Kerala to Punjab, from Assam to Bengal, people of different ideologies of India are being instigated against the Centre. Sometimes by making Sikhs in front, sometimes by making Shaheen Bagh, sometimes by making Tikait on the streets and sometimes by getting Mamta Banerjee wired to the Constitution.

 * Campaigns are run to break India from abroad. Sometimes Rihanna of America, sometimes Greta Thunberg is launched in India through the media to criticize the popular government of India.

 *"India will be your pieces....Inshallah Inshallah"....*
 * Those who shout are funded from abroad. People of different states are instigated in the name of the rights of the states.

 *All in all, just one spark is late. And it will not take long for China's dream to come true that India should also be divided into pieces like Soviet Russia.
 *And then the surgical strike of Delhi was not on Islamabad.....*
 *Hyderabad will be on Jaipur,*
 *Bengaluru's will be on Bhopal*
 *Bengal will be on Bihar.*
 * Marathas will penetrate Marwar and Kashmiriyat will take the test of Punjabiyat.

 * Russia Ukraine war is that mirror for India in which future events can be seen clearly. All that is needed is a determination not to allow such incidents to happen.*

 * The world must be feeling that Russia is destroying Ukraine, another country. But think carefully, Russia is burning Ukraine, its land which was once Russia. And America is dancing with joy to see its fifty year old dream come true.*

 * What is the matter of Russia, matches are also of Russia, the blood flowing on the streets is also of Russia, the screams also of Russia, the murderer also of Russia and the murderer also of Russia.... but the dream of America. * Friends, all of you I request you to share this article as much as possible and try to bring awareness among Indians, otherwise what is happening in Ukraine today, if it is not united in the coming time, then it can be possible for India too.
 *Long live Mother India*
 *Vande Mataram*


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