Wednesday, August 30, 2023

FRIENDS DAY

*मैथिलीशरण गुप्त की सुन्दर रचना*

     तप्त हृदय को , सरस स्नेह से,
     जो सहला दे , *मित्र वही है।*

     रूखे मन को , सराबोर कर,  
     जो नहला दे , *मित्र वही है।*

     प्रिय वियोग  ,संतप्त चित्त को ,
     जो बहला दे , *मित्र वही है।*

     अश्रु बूँद की , एक झलक से ,
     जो दहला दे , *मित्र वही है।*

*मित्रता-दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।*

* Beautiful creation of Maithilisharan Gupta *

      To the ardent heart, with warm affection,
      The one who cares, * friend is the same. *

      By drenching the dry mind,
      The one who bathes, * is the friend. *

      Dear separation, to the troubled mind,
      The one who consoles is a friend.

      With a glimpse of a teardrop,
      The one who shakes is a friend.

 *Hearty congratulations and best wishes on Friendship Day.*
             

Tuesday, August 29, 2023

RAKSHABANDHAN STORY why we celebrate real Spritual GOD

माता लक्ष्मी राजा बलि के पास पहुंची, तो राजा ने उनसे पूछा कि आप क्यों रो रही हैं, मुझे बताइए, मैं आपका भाई हूं। तब लक्ष्मी ने राजा को राखी बांधी।


ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। 
 तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।


बहनों की रक्षा का पर्व

एक बार राजा बलि ने अश्वमेघ यज्ञ कराया था, तब भगवान विष्णु ने बौने का रूप धारण किया और राजा से तीन पग भूमि दान में मांगी। राजा इसके लिए तैयार हो गए और जैसे ही उन्होंने से नाप लिया। फिर उन्होंने राजा से पूछा कि राजन, अब तीसरा पग कहां रखूं ? तब राजा ने कहा, 'भगवन आप मेरे सिर पर पैर रख दीजिए और फिर भगवान विष्णु ने राजा को पाताल भेजकर अजर-अमर होने का वरदान दे दिया। लेकिन राजा ने इस वरदान के साथ ही अपनी भक्ति के बल पर भगवान से रात-दिन अपने सामने रहने का वचन भी ले लिया।

"इस बात से माता लक्ष्मी चिंतित रहने लगीं। उन्होंने सारी बात नारद मुनि से बताई, तो नारद जी ने उन्हें एक उपाय सुझाया। इसके बाद लक्ष्मी रोते हुए राजा के पास पहुंची, तो उन्होंने उनसे माता लक्ष्मी ने राजा को राखी बांधी और भगवान विष्णु को मुक्त करने का वचन लिया। संयोग से उस दिन श्रावण की पूर्णिमा थी। तभी से इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाने लगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं।

 नमस्ते 
आपके सस्नेह के लिए कोटि कोटि धन्यवाद 
रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 
ॐ अभिषेक 
प्रांत कार्यालय सचिव(प्रचारक)
जम्मू कश्मीर प्रांत


Mata Lakshmi reached King Bali, then the king asked her why are you crying, tell me, I am your brother. Then Lakshmi tied rakhi to the king.

 Om Yen Baddho Bali Raja Danavendro Mahabal:.
 Ten tvambhi badhnami rakshe ma chal ma chal.
 
Sister's Day

 Once King Bali had performed Ashwamedha Yajna, then Lord Vishnu took the form of a dwarf and asked the king for three steps of land. The king agreed to it and as soon as he measured it. Then he asked the king that Rajan, now where should I keep the third step? Then the king said, 'Lord you put your feet on my head and then Lord Vishnu sent the king to Patala and gave him the boon of being immortal. But along with this boon, the king also took a promise from God to stay in front of him day and night on the strength of his devotion.

 Mother Lakshmi started getting worried about this. When she told the whole thing to Narad Muni, then Narad ji suggested a solution to her. Coincidentally, that day was the full moon of Shravan. Since then, the festival of Rakshabandhan began to be celebrated. On this day, sisters tie rakhi on the wrists of their brothers and brothers promise to protect their sisters.

 Namaste
 thank you so much for your kindness
 Best wishes for Rakshabandhan festival
 Om Abhishek
 Province Office Secretary (PRACHARAK)
 Jammu Kashmir Province

Friday, August 25, 2023

गीता गाथा कविता

✍️....

*अ* चानक
*आ* कर मुझसे
*इ* ठलाता हुआ पंछी बोला
*ई* श्वर ने मानव को तो
*उ* त्तम ज्ञान-दान से तौला
*ऊ* पर हो तुम सब जीवों में
*ऋ* ष्य तुल्य अनमोल
*ए* क अकेली जात अनोखी
*ऐ* सी क्या मजबूरी तुमको
*ओ* ट रहे होंठों की शोख़ी
*औ* र सताकर कमज़ोरों को
*अं* ग तुम्हारा खिल जाता है
*अ:* तुम्हें क्या मिल जाता है.?
*क* हा मैंने- कि कहो
*ख* ग आज सम्पूर्ण
*ग* र्व से ही हर अभाव में भी
*घ* र तुम्हारा बड़े मजे से
*च* ल रहा है
*छो* टी सी- टहनी के सिरे की
*ज* गह में, बिना किसी
*झ* गड़े के, ना ही किसी
*ट* कराव के पूरा कुनबा पल रहा है
*ठौ* र यहीं है उसमें
*डा* ली-डाली, पत्ते-पत्ते
*ढ* लता सूरज
*त* रावट देता है
*थ* कावट सारी, पूरे
*दि* न की-तारों की लड़ियों से
*ध* न-धान्य की लिखावट लेता है
*ना* दान-नियति से अनजान अरे
*प्र* गतिशील मानव
*फ़* ल के चक्कर में 
*ब* न बैठे हो असमर्थ
*भ* ला याद कहाँ तुम्हें
*म* नुष्यता का अर्थ..??
*य* ह जो थी, प्रभु की
*र* चना अनुपम...
*ला* लच-लोभ के 
*व* शीभूत होकर
*श* र्म-धर्म सब त्यजकर
*ष* डयंत्रों के खेतों में
*स* दा पाप-बीजों को बोकर
*हो* कर स्वयं से दूर
*क्ष* णभंगुर सुख में अटक चुके हो
*त्रा* स को आमंत्रित करते हुए
*ज्ञा* न-पथ से भटक चुके हो।

*भटके राही को मिले सहारा*
*गीता परीवार प्यारा हमारा...*
*अज्ञानी को ज्ञानमार्ग का*
*पथमार्ग मिले अनुपम न्यारा...*

*रटते रटते A B C D*
*जीव्हा भी हो गयी त्रस्त*
*देवभाषा संस्कृत और*
*मातृभाषा ही अपनी मस्त...*

*आओ..,*

*फीर से गायेंगे हम*
*अ आ इ ई के संग संग*
*स्वयं वाणी भगवान की...*
 
*शुद्ध उच्चारण और*
*सामुहिक अनुपठण में लेंगे*
*संथा श्रीमद्भगवद्गीता की...!!*

*गीता परीवार...🚩*

*🌼 जय श्रीकृष्ण 🌼*

Thursday, August 10, 2023

kaliyug में keshav prakat हुए हिंदुओ का संगठन करने को

कलयुग में केशव प्रगट हुए, हिन्दुओं का संगठन करने को
हिन्दुओं का संगठन करने को, हिन्दुओं का संगठन करने को
कलयुग में ......

श्रीराम ने राजमुकुट पहना, श्रीकृष्ण ने मोरमुकुट पहना
केशव ने टोपी पहनी थी, हिन्दुओं का संगठन करने को
कलयुग में ......

श्रीराम ने भगवा पहना था, श्रीकृष्ण ने पहना पीताम्बर
केशव ने निक्कर पहनी थी, हिन्दुओं का संगठन करने को
कलयुग में ......

श्रीराम ने राजभोग खाया, श्रीकृष्ण ने मक्खन खाया था
केशव ने दलिया खाया था, हिन्दुओं का संगठन करने को
कलयुग में ......

Keshav appeared in Kalyug to unite Hindus
 To organize Hindus, to organize Hindus
 In Kalyug......

 Shriram wore the royal crown, Shri Krishna wore the peacock crown
 Keshav wore a cap to unite Hindus
 In Kalyug......

 Shri Ram wore saffron, Shri Krishna wore Pitambar
 Keshav wore shorts to organize Hindus
 In Kalyug......

 Shriram ate Rajbhog, Shri Krishna ate butter
 Keshav had eaten porridge, to unite Hindus
 In Kalyug......

Monday, August 7, 2023

NORDIC ghumantu

उज्ज्वल परम्परा

 घुमन्तु जन-जातियों की समझें उज्ज्वल परम्परा कठिन परिश्रम, विधिध कला से, चमकाई थी दिव्य धरा ।

 देव, देश और धर्म भाव में सदा रही अविचल भक्ति हर संकट में निर्भय होकर, अर्पित की सारी भक्ति आज भी इनके रोम-रोम में फौलादी विश्वास भरा ।। 1 ।। 

अंग्रेजों की कठिल चाल ने, इन पर दुष्ट प्रहार किये अलग-अलग हो अपमानों के, कड़वे विष के घूँट पिये । तूफानों में अडिग रहे जो झेला है संघर्ष कड़ा... ।। 2 ।। 

वर्तमान की प्रबल चुनौती, इन विषयों पर देवें ध्यान सुखमय, शिक्षित, समरस-जीवन, हर व्यक्ति का हो सम्मान स्वर्णिम पथ पर आगे बढ़ना, जन-जन की सब हरें व्यथा ।। 3 ।।
bright tradition

 Understand the bright tradition of nomadic tribes, hard work, methodical art, the divine land was shined.

 There was always unshakable devotion in God, country and religion, being fearless in every crisis, all the devotion of Arpit still filled steely faith in his every pore. 1. 

 The harsh trick of the British, inflicted evil attacks on them, separated from the insults, drank sips of bitter poison. Remain firm in the storms who have faced the struggle. 2 .. 

 The prevailing challenge of the present, pay attention to these topics Happy, educated, harmonious life, every person should be respected, move forward on the golden path, all the sufferings of the people are gone. 3.

UNIFORM CIVIL COURT ONE NATION ONE LAW

समान पारिवारिक कानून- समय की मांग

प्रत्येक समाज को नई पीढ़ी की आकांक्षाओं को पहचानना होगा और उन मुद्दों पर प्रतिक्रिया देनी होगी जो नागरिकों से संबंधित हैं। इनकार से समाज में असंतोष फैलेगा। समान पारिवारिक कानूनों की कमी के कारण इस देश की महिलाओं को नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह काफी अजीब है कि इस मुद्दे ने "कुलीन" नीति निर्माताओं का ध्यान आकर्षित नहीं किया है। विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता/ भरण-पोषण, उत्तराधिकार और संरक्षकता को नियंत्रित करने वाले अलग-अलग कानूनों के कारण इस देश की महिलाएं पीड़ित हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि समान पारिवारिक कानूनों की कमी के कारण अत्यधिक पीड़ा और पीड़ा होती है

भारत के संविधान का अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता की दिशा में प्रयास करने की घोषणा करता है। कोर्ट ने कहा है कि इस सरकार को जरूरी कदम उठाने होंगे. शीर्ष अदालत ने घोषणा की थी कि व्यक्तिगत कानून में सुधार और तर्कसंगत बनाने के लिए संसद की शक्ति निर्विवाद है, शक्ति शून्य में काम नहीं करती है। यह जिम्मेदारी और जवाबदेही से प्रवाहित होता है

यह तथ्य कि व्यक्तिगत कानूनों का धर्म से संबंध है, स्वार्थी ताकतों द्वारा इसका फायदा उठाया गया है। जब भी पारिवारिक कानूनों को तर्कसंगत बनाने का प्रयास किया जाता है तो धार्मिक उत्पीड़न का हौवा खड़ा करना कुछ समूहों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है। कानून कभी भी स्थिर नहीं हो सकता. इसे गतिशील होना होगा और परिवर्तनों पर प्रतिक्रिया देनी होगी

अप्रैल-जून 2023.

समाज की जरूरतें. लैंगिक गरिमा, लैंगिक समानता से लेकर लैंगिक न्याय संवैधानिक योजना के अनुरूप है

"प्रगतिशील भीड़ जो चिल्लाती है कि इस देश में महिलाओं को अंतिम छोर पर रखा जा रहा है और इस संबंध में भारतीय संस्कृति पर भयानक हमले हो रहे हैं, जब पारिवारिक कानूनों पर चर्चा की जाती है तो मुख्य रूप से चुप्पी साध लेती है। ये घोषित मशालची धार्मिक कट्टरपंथियों को बढ़ावा देते हैं जो किसी भी सार्थक चर्चा में बाधा डालते रहे हैं। यह

एस कानून जो लिंग के आधार पर उचित तरीके से निपटने की अनुमति देते हैं। फ़ारोमूलारे, धार्मिक पहचान वाले कानूनों को उजागर करना होगा। पुलिस ने समान पारिवारिक कानूनों को वास्तविक रूप से प्रभावी नागरिक संहिता बनाने के लिए प्रेरित किया और राष्ट्र के सामने सभी सामुदायिक समान संहिता का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए। यह संवैधानिक आदेश है कि वह फ्रेम द्वारा महिलाओं से किए गए सभी वादे करें



editorial

Uniform Family Laws- The need of the Hour

E very society has to recognise the aspirations of new generation and respond to the issues which concerns the citizens. The refusal will lead to discontent in society. Women of this country are at the receiving end due to lack of uniform family laws. It is rather strange that this issue has not drawn the attention of "elite" policy makers. Due to divergent laws governing marriage, divorce, alimony/ maitainance, succession and guardianship the women of this country are suffering. Several studies have shown that due to lack of uniform family laws there is immense suffering and agony

Article 44 of constitution of India declares that endeavour be made to towards uniform civil code. The courts have said that this governments are to tal necessary steps. The apex court had declared that powin of parliament to reform and rationalise the personal la is unquestioned Power does not operate in vacuum. It flows from responsibility and accountability

The fact that the personal laws have a connect to religion has been exploited by the selfish forces. It has of constituti become a profitable business for some groups to raise the bogey of religious persecution whenever there is an attempt to rationalise the family laws. Law can never be static. It has to be dynamic and respond to the changing

April-June 2023.

needs of society. Gender dignity, gender equality a to gender justice is in tune with constitutional scheme

The "progressive crowd which shouts bone women being at the receiving end in this country and vicious attack on Bharathiya culture in this regard main steady silence when family laws are discussed. These proclaimed torchbearers promote the religious bigots whe have been stone walling any meaningful discussion on this

S Laws which permit the gender propriately tackled. The farom ulare, religious identity t laws has to be exposed. The polic sensitised motivated nudged un to make uniform family laws a realim elform civil code and all the communiti similar code should be drafted forthwith an efore the nation. It is constitutional manda Lets all he promise made to womenfolk by the frame


Saturday, August 5, 2023

आज का हिन्दू पंचांग ~🌞 ⛅दिनांक - 06 अगस्त 2023 ⛅दिन - रविवार

 

 आज का हिन्दू पंचांग ~🌞

⛅दिनांक - 06 अगस्त 2023

⛅दिन - रविवार

⛅विक्रम संवत् - 2080, श्रावण प्रविष्ट- 22

⛅शक संवत् - 1945

⛅अयन - दक्षिणायन

⛅ऋतु - वर्षा

⛅मास - अधिक श्रावण

⛅पक्ष - श्रावण अधिक कृष्ण

⛅तिथि - पंचमी सुबह 07:10 बजे तक तत्पश्चात षष्ठी

⛅ चंद्रमा - मीन राशि में🌹

⛅पंचक - रात्रि 25:44 तक🌹

⛅नक्षत्र - रेवती रात्रि 01:44 बजे तक तत्पश्चात अश्विनी

⛅योग - धृति रात्रि 08:27 बजे तक तत्पश्चात शूल

⛅राहु काल - शाम 05:40 से 07:19 तक

⛅सूर्योदय -प्राता 05:52 बजे

⛅सूर्यास्त -सायं 07:21 बजे

⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में

⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:29 तक

⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक

⛅व्रत पर्व विवरण - अधिक मास व्रत

⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


🔹स्वास्थ्यप्रद सरल घरेलू नुस्खे🔹


🔸उष्णता व पित्त का शमन आदि कच्चे नारियल की गिरी के २-३ टुकड़ों के साथ १-२ बताशे कुछ दिनों तक रोज खाने से चेहरे एवं त्वचा का रंग निखरता है, उष्णता एवं पित्त का शमन होता है और बाल घने व लम्बे होते हैं ।


🔸शरीर का भीतरी दाह : भिगोयी हुई द्राक्ष और मिश्री प्रातः काल खाने से लाभ होता है । आँखों के आस-पास का कालापन १-१ चम्मच मुलतानी मिट्टी, खीरे का रस और आलू का रस मिलाकर आँखों के पास लेप करें ।


🔸स्वप्नदोष : १० ग्राम ग्वारपाठे का गूदा, १ ग्राम काली मिर्च का चूर्ण व सेंधा नमक मिला के शुद्ध देशी घी के साथ सेवन करने से लाभ होता है ।


🔹भोजन को औषधि बनाने की युक्ति🔹


🔸आप बीमार न हो तो अच्छा है लेकिन बीमार हो और कोई औषधि लें तो दायें हाथ में औषधि ले के २१ बार 'ॐ नमो नारायणाय' जपकर ही लें । और बायाँ स्वर चलता हो उस समय औषधि लेने से ज्यादा फायदा होता है । वृद्धों को तो ऐसा खास करना चाहिए । हम तो चाहते हैं कि आप भोजन को भी औषधि बनाकर खाओ, जल भी पियो तो उसे औषधि बनाकर पियो । भोजन करने या पानी पीने से पहले 'ॐ नमो नारायणाय...' २१ बार जपने से दोनों काम हो गये भगवान की भक्ति की भक्ति हो गयी और औषधि भी बन गयी । भोजन दायाँ स्वर चलता हो तभी या उसे चालू करके करना चाहिए । इससे विशेष लाभ होता है ।

🔹 रविवार विशेष 

🔹अधिक मास में रविवार को प्राता तीर्थ स्थान पर स्नान कर पितरों की शांति, तृप्ति एवं मोक्ष हेतु तर्पण, पिण्ड दान करना अति कल्याण कारी माना गया है।


🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)


🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)


🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)


🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।


🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।


🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।


🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।

🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।

🌞🌻💐🌷🌻🌷💐🌞



Today's Hindu Panchang ~🌞

⛅ Date - 06 August 2023

⛅Day - Sunday

⛅ Vikram Samvat - 2080, Shravan Entry - 22

⛅Shak Samvat - 1945

⛅ Ayan - Dakshinayan

⛅ Season - Rain

⛅ Mass - More Shravan

⛅ Paksha - Shravan more Krishna

⛅ Date - Panchami till 07:10 am then Shashthi

⛅ Moon in Pisces🌹

⛅ Panchak - till 25:44 🌹

⛅ Nakshatra - Revati till 01:44 in the night after that Ashwini

⛅Yoga - Dhriti till 08:27 pm and then colic

⛅ Rahu Kaal - from 05:40 to 07:19 in the evening

⛅Sunrise - Prata at 05:52

⛅Sunset - 07:21 pm

⛅Disha Shool - in the west direction

⛅Brahmamuhurt - 04:45 to 05:29 in the morning

⛅ Nishita Muhurta - 12:24 to 01:07 in the night

⛅Vrat festival details - Adhik Maas fast

⛅ Special - Eating vine on Panchami causes stigma. By putting neem leaf, fruit or tooth in the mouth of Shashti, low births are attained. (Brahmavivarta Purana, Brahma Khanda: 27.29-34)


🔹Healthy simple home remedies🔹


🔸Relief of heat and bile etc. Eating 1-2 Batashe with 2-3 pieces of raw coconut kernel daily for a few days improves the complexion of the face and skin, reduces heat and bile and makes the hair thick and long. .


🔸 Internal burning of the body: Eating soaked grapes and sugar candy in the morning is beneficial. Blackness around the eyes Mix 1-1 spoonful of Multani mitti, cucumber juice and potato juice and apply it near the eyes.


🔸 Dream interpretation: Consuming 10 grams of cowpea pulp, 1 gram black pepper powder and rock salt mixed with pure desi ghee is beneficial.


🔹The trick of making food a medicine🔹


🔸 It is better if you are not ill, but if you are ill and take any medicine, take the medicine in your right hand and chant 'Om Namo Narayana' 21 times. And taking medicine at that time is more beneficial when the left voice is active. Elders should especially do this. We want you to eat food as medicine and drink water as medicine. By chanting 'Om Namo Narayanaya...' 21 times before eating food or drinking water, both the works were done. Food should be taken only when the right voice is running or by turning it on. There is a special benefit from this.

🔹 Sunday Special

🔹 On Sundays in the month of Adhikam, taking a bath at a place of pilgrimage in the early morning, for the peace, satisfaction and salvation of the ancestors, donating bodies is considered very beneficial.


🔹 Sex with women and eating and applying sesame oil are prohibited on Sundays. (Brahmavivarta Purana, Brahma Khanda: 27.29-38)


Lentils, ginger and red colored greens should not be eaten on Sunday. (Brahmavivarta Purana, Sri Krishna Volume: 75.90)


🔹 One should not eat food in a bronze vessel on Sunday. (Brahmavivarta Purana, Sri Krishna Volume: 75)


🔹 Sunday is the day of the Sun God, getting Kshaur (hair cutting and shaving) done on this day causes loss of wealth, intelligence and religion.


🔹 Amla should not be consumed on Sunday.


🔹 According to Skanda Purana, Bilva tree should be worshiped on Sunday. By this the great sins like Brahmahatya etc. are also destroyed.


🔹 Touching Peepal tree on Sunday is prohibited.

🔹 Plucking Tulsi leaves is prohibited on Sunday.